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राइस मिलर्स पर हरियाणा सरकार सख्त, रिकवरी नहीं की तो गारंटर से होगी वसूली

धान घोटाले को लेकर हरियाणा सरकार अब सख्त नजर आ रही है. मिलर्स पर सरकार का करीब 25 से 27 करोड़ रुपये बकाया है. अगर मिलर्स ने ये पैसा वापस नहीं किया तो उनके गारंटर से ये वसूली की जाएगी.

rice millers guarantor in haryana
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Published : Feb 1, 2020, 12:16 PM IST

चंडीगढ़: प्रदेश सरकार राईस मिलर्स के गारंटर से वसूली करेगी. राइस मिलरों द्वारा सरकार के पैसे न चुकाने पर ये राशि उनके गारंटर से वसूली जाएगी. इस राशि को चुकाने के लिए विभाग ने पांच फरवरी तक इन्हें गायब धान की राशि व्याज सहित जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं.

ये जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में धान का घपला करने वाले 1207 राइस मिलर्स में से अभी तक 450 मिलर्स ने ही अपना जवाब भेजा है. जबकि सभी से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के द्वारा जवाब तलब किया गया था.

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास

गारंटर से होगी वसूली

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि अब विभाग ने इन पर सख्त कदम उठाते हुए पांच फरवरी तक इन्हें गायब धान की राशि व्याज सहित जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं.

सरकार ने इसके साथ ही इनके गारंटरों को भी लिख दिया है कि अगर मिलर ये राशि जमा नहीं करवाएंगे तो ये सारी राशि गारंटरों से वसूली जाएगी. पीके दास के मुताबिक ये कुल राशि करीब 25 से 27 करोड़ रुपये के बीच है.

1207 मिलों को जारी किए गए नोटिस

1207 मिलों में धान की कमी पाए जाने के मामले में दास ने बताया कि जिन मिलों में धान की कमी पाई गई थी उन्हें नोटिस जारी किए गए थे. जिसमें इन मिलों से धान में कमी पाए जाने का कारण पूछा गया है. जबकि नोटिस में उन्हें ये भी पूछा गया है कि उन पर कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक कानूनी कार्रवाई क्यों न की जाए. नोटिस का जवाब देने के लिए इन मिलों को 15 जनवरी तक का समय दिया गया था.

ये भी पढे़ं:- लाडवा का पवित्र मंजी साहिब गुरुद्वारा: यहां मौजूद चारपाई जिस पर श्री गुरु तेग बहादुर ने किया था आराम

उन्होंने बताया कि नोटिस में ये भी लिखा गया था कि अगर 15 जनवरी तक मिलों का जवाब नहीं आता तो ये समझा जाएगा कि ये मिलें अपनी सफाई में कुछ नहीं कहना चाहते. घोटाला करने वाली मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिसमें उनसे घोटाले का पैसा रिकवर किया जाएगा.

वहीं उनके खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इनसे पैसा रिकवर करने की कार्रवाई में अभी कुछ समय लगेगा, इसके बाद इन पर मामला दर्ज करवाया जाएगा.

चंडीगढ़: प्रदेश सरकार राईस मिलर्स के गारंटर से वसूली करेगी. राइस मिलरों द्वारा सरकार के पैसे न चुकाने पर ये राशि उनके गारंटर से वसूली जाएगी. इस राशि को चुकाने के लिए विभाग ने पांच फरवरी तक इन्हें गायब धान की राशि व्याज सहित जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं.

ये जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने दी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में धान का घपला करने वाले 1207 राइस मिलर्स में से अभी तक 450 मिलर्स ने ही अपना जवाब भेजा है. जबकि सभी से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के द्वारा जवाब तलब किया गया था.

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास

गारंटर से होगी वसूली

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि अब विभाग ने इन पर सख्त कदम उठाते हुए पांच फरवरी तक इन्हें गायब धान की राशि व्याज सहित जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं.

सरकार ने इसके साथ ही इनके गारंटरों को भी लिख दिया है कि अगर मिलर ये राशि जमा नहीं करवाएंगे तो ये सारी राशि गारंटरों से वसूली जाएगी. पीके दास के मुताबिक ये कुल राशि करीब 25 से 27 करोड़ रुपये के बीच है.

1207 मिलों को जारी किए गए नोटिस

1207 मिलों में धान की कमी पाए जाने के मामले में दास ने बताया कि जिन मिलों में धान की कमी पाई गई थी उन्हें नोटिस जारी किए गए थे. जिसमें इन मिलों से धान में कमी पाए जाने का कारण पूछा गया है. जबकि नोटिस में उन्हें ये भी पूछा गया है कि उन पर कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक कानूनी कार्रवाई क्यों न की जाए. नोटिस का जवाब देने के लिए इन मिलों को 15 जनवरी तक का समय दिया गया था.

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उन्होंने बताया कि नोटिस में ये भी लिखा गया था कि अगर 15 जनवरी तक मिलों का जवाब नहीं आता तो ये समझा जाएगा कि ये मिलें अपनी सफाई में कुछ नहीं कहना चाहते. घोटाला करने वाली मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिसमें उनसे घोटाले का पैसा रिकवर किया जाएगा.

वहीं उनके खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इनसे पैसा रिकवर करने की कार्रवाई में अभी कुछ समय लगेगा, इसके बाद इन पर मामला दर्ज करवाया जाएगा.

Intro:चंडीगढ़, प्रदेश सरकार राईस मिलर्स के गारंटर से वसूली करेगी । राईस मिलरों द्वारा सरकार के पैसे न चुकाने पर ये राशि उनके गारंटर से वसूली जाएगी। इस राशी को चुकाने के लिए विभाग ने पांच फरवरी तक इन्हें गायब धान की राशि व्याज सहित जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं। यह जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के दास ने दी है । उन्होंने कहा कि प्रदेश में धान का घपला करने वाले 1207 राइस मिलर्स में से अभी तक 450 मिलर्स ने ही अपना जवाब भेजा है । जब कि सभी से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के द्वारा जवाब तलब किया गया था ।

Body:खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि अब विभाग ने इन पर सख्त कदम उठाते हुए पांच फरवरी तक इन्हें गायब धान की राशि व्याज सहित जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं। सरकार ने इसके साथ ही इनके गारंटरों को भी लिख दिया है कि अगर मिलर ये राशि जमा नहीं करवाएंगे तो ये सारी राशि गारंटरों से वसूली जाएगी। पी के दास के मुताबिक ये कुल राशि करीब 25 से 27 करोड़ रुपए के बीच बनती है।

धान घोटाले को लेकर हरियाणा सरकार अब सख्त नजर आ रही है। 1207 मिलों में धान की कमी पाए जाने के मामले में दास ने बताया कि जिन मिलों में धान की कमी पाई गई थी उन्हें नोटिस जारी किए गए थे। जिसमें इन मिलों से धान में कमी पाए जाने का कारण पूछा गया है। जबकि नोटिस में उन्हें यह भी पूछा गया है कि उनपर कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक कानूनी कारवाही क्यों न की जाए। नोटिस का जवाब देने के लिए इन मिलों को 15 जनवरी तक का समय दिया गया था।

Conclusion:उन्होंने बताया कि नोटिस में यह भी लिखा गया था कि अगर 15 जनवरी तक मिलों का जवाब नहीं आता तो ये समझा जाएगा कि यह मिलें अपनी सफाई में कुछ नहीं कहना चाहती। घोटाला करने वाली मिलों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। जिसमें उनसे घोटाले का पैसा रिकवर किया जाएगा, वहीं उनके खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इनसे पैसा रिकवर करने की कार्यवाही में अभी कुछ समय लगेगा, इसके बाद इनपर मामला दर्ज करवाया जाएगा।
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