चंडीगढ़: किसान एवं खेतिहर मजदूरों को दिन-रात खेत खलिहानों में काम करना पड़ता है और उन्हें 24 घंटे कई तरह की दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है. ऐसे में अगर परिवार के कमाऊ सदस्य की अकाल मौत हो जाए तो पूरे परिवार के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाता है.
हरियाणा सरकार द्वारा ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना चलाई जा रही है. अगर कृषि कार्यों के दौरान खेतों, गांवों, मार्किट यार्ड, जैसे स्थानों से आते-जाते समय कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो इस योजना के तहत मार्किट कमेटी द्वारा पीड़ितों को वित्तीय सहायता दी जाती है.
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये, रीढ़ की हड्डी टूटने या स्थाई अशक्तता होने पर 2,50,000 रुपये, दो अंग भंग होने पर या स्थाई गंभीर चोट होने पर 1,87,500 रुपये की सहायता दी जाती है.
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इसी प्रकार, एक अंग भंग होने या स्थाई चोट लगने पर 1,25,000 रुपये, पूरी उंगली कटने पर 75 हजार रुपये, आंशिक उंगली भंग होने पर 37 हजार रुपये की राशि मार्किट कमेटी के माध्यम से दी जाती है.
उन्होंने बताया कि मृत्यु के मामले में आर्थिक सहायता हेतु दावा करने के लिए पुलिस रिपोर्ट व पोस्टमार्टम का होना जरूरी है. अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र व अंग हानि होने की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो कॉपी दावे के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए. इसके अलावा, आवेदक को दुर्घटना के दो महीने के अन्दर संबंधित मार्किट कमेटी के सचिव को आवेदन करना होगा.
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