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बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि को बर्बाद कर रही सरकार- पवन बंसल - पवन बंसल सरकार पर तंज

पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार देश के बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश की कृषि को बर्बाद करना चाहती है. ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई सरकार हमारे अन्नदाता के खिलाफ काम कर रही हो.

former minister pawan bansal says agricultural ordinances against farmer
धनाढ्यों के हाथ में खेल रही सरकार
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Published : Sep 18, 2020, 6:55 PM IST

Updated : Sep 18, 2020, 7:05 PM IST

चंडीगढ़: जब से केंद्र सरकार ने किसानों के लिए तीन अध्यादेश पेश किए हैं, तब से केंद्र सरकार को किसानों के साथ-साथ विपक्षी दलों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है. जहां एक तरफ केंद्र सरकार का कहना है कि ये अध्यादेश किसानों की आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे. वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों का कहना है कि ये अध्यादेश किसानों को बर्बाद कर देंगे. कई जगहों पर किसान भी इन अध्यादेशों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं.

किसानों के विरोध को देखते हुए केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया. जिस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रशासनिक विभाग के प्रभारी पवन कुमार बंसल ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल ने भले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उन्होंने इन अध्यादेशों पर विरोध जताने में काफी देरी कर दी, क्योंकि किसी अध्यादेशों को लाने में कई चरणों से गुजरना पड़ता है.

देखिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल से खास बातचीत

'देर आए, दुरुस्त आए'

उन्होंने कहा कि अभी तक हरसिमरत कौर में अध्यादेशों के खिलाफ कुछ नहीं कहा था. जब ये बात पंजाब तक पहुंची और वहां पर किसानों का विरोध शुरू हो गया. तब हरसिमरत कौर ने भी अपना विरोध दर्ज कराना जरूरी समझा, लेकिन देर आए, दुरुस्त आए. आखिरकार उन्हें भी समझ में आ गया है कि अध्यादेश किसानों को बर्बाद कर देंगे.

अगर अकाली दल इन अध्यादेश के खिलाफ है तो वो भाजपा से अपना गठबंधन तोड़े और खुलकर सरकार के इस फैसले का विरोध करे, तभी किसानों को यकीन होगा कि वो किसानों का साथ दे रहे हैं.

बंसल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से भले ही किसानों के सामने बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हों, लेकिन ये सब वादे एक दिन झूठे साबित होंगे. इन वादों का फायदा सिर्फ देश के व्यापारियों को होगा. केंद्र सरकार लोगों को पहले भी कई सपने दिखाकर उन्हें तोड़ चुकी है. इसलिए लोग अब उनकी किसी बात पर विश्वास नहीं कर सकते.

ये भी पढ़ें:-किसानों पर लाठीचार्ज हुआ ही नहीं, तो जांच किस बात की- विज

उन्होंने कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब बड़े व्यापारी लोग देश की खेती पर कब्जा कर लेंगे और तब ये अपनी मनमर्जी के मुताबिक फसल की कीमतें तय करेंगे. तब किसानों के पास भी अपनी फसलें उनकी कीमत पर बेचने के अलावा कोई चारा नहीं होगा. सरकार इसे आधुनिकता का नाम दे रही है. एक ऐसा किसान जिसके लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल है. वो क्या आधुनिकता लेकर आएगा?

चंडीगढ़: जब से केंद्र सरकार ने किसानों के लिए तीन अध्यादेश पेश किए हैं, तब से केंद्र सरकार को किसानों के साथ-साथ विपक्षी दलों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है. जहां एक तरफ केंद्र सरकार का कहना है कि ये अध्यादेश किसानों की आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे. वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों का कहना है कि ये अध्यादेश किसानों को बर्बाद कर देंगे. कई जगहों पर किसान भी इन अध्यादेशों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं.

किसानों के विरोध को देखते हुए केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया. जिस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रशासनिक विभाग के प्रभारी पवन कुमार बंसल ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल ने भले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उन्होंने इन अध्यादेशों पर विरोध जताने में काफी देरी कर दी, क्योंकि किसी अध्यादेशों को लाने में कई चरणों से गुजरना पड़ता है.

देखिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल से खास बातचीत

'देर आए, दुरुस्त आए'

उन्होंने कहा कि अभी तक हरसिमरत कौर में अध्यादेशों के खिलाफ कुछ नहीं कहा था. जब ये बात पंजाब तक पहुंची और वहां पर किसानों का विरोध शुरू हो गया. तब हरसिमरत कौर ने भी अपना विरोध दर्ज कराना जरूरी समझा, लेकिन देर आए, दुरुस्त आए. आखिरकार उन्हें भी समझ में आ गया है कि अध्यादेश किसानों को बर्बाद कर देंगे.

अगर अकाली दल इन अध्यादेश के खिलाफ है तो वो भाजपा से अपना गठबंधन तोड़े और खुलकर सरकार के इस फैसले का विरोध करे, तभी किसानों को यकीन होगा कि वो किसानों का साथ दे रहे हैं.

बंसल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से भले ही किसानों के सामने बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हों, लेकिन ये सब वादे एक दिन झूठे साबित होंगे. इन वादों का फायदा सिर्फ देश के व्यापारियों को होगा. केंद्र सरकार लोगों को पहले भी कई सपने दिखाकर उन्हें तोड़ चुकी है. इसलिए लोग अब उनकी किसी बात पर विश्वास नहीं कर सकते.

ये भी पढ़ें:-किसानों पर लाठीचार्ज हुआ ही नहीं, तो जांच किस बात की- विज

उन्होंने कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब बड़े व्यापारी लोग देश की खेती पर कब्जा कर लेंगे और तब ये अपनी मनमर्जी के मुताबिक फसल की कीमतें तय करेंगे. तब किसानों के पास भी अपनी फसलें उनकी कीमत पर बेचने के अलावा कोई चारा नहीं होगा. सरकार इसे आधुनिकता का नाम दे रही है. एक ऐसा किसान जिसके लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल है. वो क्या आधुनिकता लेकर आएगा?

Last Updated : Sep 18, 2020, 7:05 PM IST
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