चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब कांग्रेस प्रदेश इकाई की अंदरूनी कलह भी खुल कर सामने आ गई है. खुद कांग्रेस के दिग्गज एक दूसरे की खिलाफत करते नजर आ रहे हैं.
दिल्ली में हुड्डा की समर्थकों से बैठक
हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को इस बार एक भी सीट पर कामयाबी नहीं मिली. जिसके बाद हरियाणा कांग्रेस में पार्टी संगठन में बदलाव की मांग जोर पकड़ने लगी हैं. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को दिल्ली में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है.
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विधानसभा चुनाव की तैयारी!
हरियाणा में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने की वजह से हुड्डा राज्य में पार्टी के अभियान को धार देने की तैयारियों में जुटे हैं. हुड्डा खास तौर पर मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने की मुहिम चलाने को कमर कस रहे हैं.
आलाकमान के लिए ये होगी चुनौती
दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के लिए आने वाले हफ्तों में पार्टी की हरियाणा इकाई को लेकर सिरदर्द बढ़ने वाला है. शायद हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के पार्टी नेता अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाने की तैयारी में हैं.
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संगठन में बदलाव की मांग तेज
हरियाणा में अहम विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के प्रदेश संगठन में बदलाव की मांग जोर पकड़ रही है. लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के सदमे से कांग्रेस नेता अभी तक नहीं उभरे हैं.
करारी हार से नहीं उबर पाई कांग्रेस!
लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट से इस बार हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा भी हार गए. दीपेंद्र हुड्डा ने 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद रोहतक सीट से जीत हासिल की थी.
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आलाकमान को क्या संदेश देंगे हुड्डा?
दीपेंद्र हुड्डा की हार ही कम नहीं थी कि पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा भी सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव हार गए. हालांकि कांग्रेस आलाकमान को अभी हरियाणा में पार्टी की हार के कारणों की समीक्षा के साथ जिम्मेदारी तय करना बाकी है लेकिन हुड्डा पूरे तेवर के साथ मैदान में हैं.
उन्होंने पार्टी आलाकमान को संदेश देने के लिए रविवार को दिल्ली में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है. बैठक में हार की समीक्षा के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर रूपरेखा भी तैयार की जाएगी. शायद आलाकमान को ये भी संदेश देने की कोशिश हो कि कांग्रेस में सीएम पद के दमदार चेहरा भूपेंद्र हुड्डा ही हैं.