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झज्जर पावर प्लांट की फ्लाई ऐश को तय समय से पहले निस्तारित किया जाए- NGT - नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल झज्जर

याचिका में कहा गया है कि झज्जर में एनटीपीसी अरावली पावर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और झज्जर पावर लिमिटेड (सीएलपी इंडिया) की यूनिट्स में एकत्रित होने वाली फ्लाई ऐश का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया जाता है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
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Published : Oct 26, 2019, 5:31 PM IST

चंडीगढ़/नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को झज्जर जिले में इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट से उत्सर्जित होने वाली फ्लाई ऐश के निस्तारण का टाइम शेड्यूल बदलने का निर्देश दिया है.

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि फ्लाई ऐश से वायु प्रदूषण के संभावित खतरे और आम लोगों के स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए 2021 की समय सीमा को स्वीकार नहीं किया जा सकता. एनजीटी ने आदेश दिया कि इस टाइम शेड्यूल को बदलकर 31 दिसंबर 2020 तक किया जाए.

Fly ash discharged from power plant should be disposed before time
झज्जर पावर प्लांट (फाइल फोटो)

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा सीट से बीजेपी की हार के ये रहे कारण

याचिका झज्जर के झारली गांव के निवासी वेदप्रकाश ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि झज्जर में एनटीपीसी अरावली पावर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और झज्जर पावर लिमिटेड (सीएलपी इंडिया) की युनिट्स में एकत्रित होने वाली फ्लाई ऐश का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया जाता है. याचिका में कहा गया है कि बड़ी मात्रा में फ्लाई ऐश के उत्सर्जन और उनके इकट्ठा होने से वायु प्रदूषण हो रहा है जिससे आसपास रहने वाले लोगों को बीमारियां हो रही हैं.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि उन्हें खुद टीबी की बीमारी हो गई है. उनका झज्जर के सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है. एनजीटी ने कहा कि एक्शन प्लान का पालन करने के लिए पावर प्रोजेक्ट से 50 लाख रुपये की गारंटी वसूलने का आदेश दिया.

चंडीगढ़/नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को झज्जर जिले में इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट से उत्सर्जित होने वाली फ्लाई ऐश के निस्तारण का टाइम शेड्यूल बदलने का निर्देश दिया है.

एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि फ्लाई ऐश से वायु प्रदूषण के संभावित खतरे और आम लोगों के स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए 2021 की समय सीमा को स्वीकार नहीं किया जा सकता. एनजीटी ने आदेश दिया कि इस टाइम शेड्यूल को बदलकर 31 दिसंबर 2020 तक किया जाए.

Fly ash discharged from power plant should be disposed before time
झज्जर पावर प्लांट (फाइल फोटो)

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याचिका झज्जर के झारली गांव के निवासी वेदप्रकाश ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि झज्जर में एनटीपीसी अरावली पावर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और झज्जर पावर लिमिटेड (सीएलपी इंडिया) की युनिट्स में एकत्रित होने वाली फ्लाई ऐश का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया जाता है. याचिका में कहा गया है कि बड़ी मात्रा में फ्लाई ऐश के उत्सर्जन और उनके इकट्ठा होने से वायु प्रदूषण हो रहा है जिससे आसपास रहने वाले लोगों को बीमारियां हो रही हैं.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि उन्हें खुद टीबी की बीमारी हो गई है. उनका झज्जर के सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है. एनजीटी ने कहा कि एक्शन प्लान का पालन करने के लिए पावर प्रोजेक्ट से 50 लाख रुपये की गारंटी वसूलने का आदेश दिया.

Intro:नयी दिल्ली।नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को झज्जर जिले में इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट से उत्सर्जित होने वाली फ्लाई ऐश के निस्तारण का टाइम शेड्यूल बदलने का निर्देश दिया है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि फ्लाई ऐश से वायु प्रदूषण के संभावित खतरे और आम लोगों के स्वास्थ्य पर इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए 2021 की समयसीमा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। एनजीटी ने आदेश दिया कि इस टाइम शेड्यूल को बदलकर 31 दिसंबर 2020 तक किया जाए।



Body:याचिका झज्जर के झारली गांव के निवासी वेदप्रकाश ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि झज्जर में एनटीपीसी अरावली पावर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और झज्जर पावर लिमिटेड (सीएलपी इंडिया) की युनिट्स में एकत्रित होने वाली फ्लाई ऐश का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया जाता है। याचिका में कहा गया है कि बड़ी मात्रा में फ्लाई ऐश के उत्सर्जन और उनके इकट्ठा होने से वायु प्रदूषण हो रहा है जिससे आसपास रहने वाले लोगों को बीमारियां हो रही हैं।


Conclusion:याचिकाकर्ता ने कहा है कि उन्हें खुद टीबी की बीमारी हो गई है। उनका झज्जर के सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। एनजीटी ने कहा कि एक्शन प्लान का पालन करने के लिए पावर प्रोजेक्ट से 50 लाख रुपये की गारंटी वसूलने का आदेश दिया।
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