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चंडीगढ़ हिट एंड रन केस, म्यूजिक डायरेक्टर हरसनजीत सिंह चहल पर 14 मार्च को होगी फाइनल सुनवाई

चंडीगढ़ में व्यवसायी सुबोध की हिट एंड रन केस में हत्या मामले में पंजाब के म्यूजिक डायरेक्टर हरसनजीत सिंह चहल ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया था. अब इसकी फाइनल सुनवाई 14 मार्च की होनी है. (Final hearing on hit and run case in Chandigarh)

Final hearing on hit and run case in Chandigarh
म्यूजिक डायरेक्टर हरसनजीत सिंह चहल पर 14 मार्च को होगी फाइनल सुनवाई
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Published : Mar 12, 2023, 2:31 PM IST

Updated : Mar 12, 2023, 2:42 PM IST

चंडीगढ़ हिट एंड रन केस

चंडीगढ़: सेक्टर-4 निवासी चंडीगढ़ के व्यवसायी सुबोध कुमार को 6 अगस्त को होटल माउंटव्यू के बाहर एक तेज रफ्तार सफेद एसयूवी ने कुचल दिया था. वहीं, इस केस की 14 मार्च को फाइनल हियरिंग है. ऐसे में सुबोध कुमार के परिवार का कहना है कि आखिर एक लम्बी लड़ाई के बाद उन्हें जस्टिस मिल सकेगा.

दरअसल, सात साल पहले चंडीगढ़ के सेक्टर-10 मांउट व्यू के बाहर हुए हिट एंड रन केस में चंडीगढ़ के जाने माने बिजनेसमैन सुबोध कुमार की मौत हो गई थी. इस हादसे को अंजाम देने वाले पंजाब के म्यूजिक डायरेक्टर हरसनजीत सिंह चहल को दोषी पाया गया था. वहीं, दोषी को सख्त सजा दिलवाने के लिए व्यापारी के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट से दोषी को सजा दिलवाई.

अब सुबोध कुमार के परिवार की ओर से मांग की जा रही है कि हिट एंड रन केसों को इंडियन मोटर व्हीकल एक्ट से हटाकर इंडियन पिनल कोड सेक्शन 304 भाग (2) के अंडर लिया जाए ताकि उनके जैसे कितनों ही परिवारों को इंसाफ मिल सके और आरोपियों को सख्त सजा दी जा सके.

वहीं, मामले में आज भी सुबोध कुमार की बेटियां और पत्नी की ओर ज्यूडिशियल सिस्टम के दिए जाने वाले आखिरी निर्णय का इंतजार कर रही हैं. बता दें कि दोषी हरसनजीत सिंह चहल म्यूजिक डायरेक्टर पिछली सुनवाई पर अपना जुर्म कबूल कर चुके हैं. इसके साथ ही दो चश्मदीद गवाह भी अपनी गवाही दे चुके हैं. वहीं, इसके बावजूद फैसला आने से पहले हरसनजीत का दूसरा आर्म्स एक्ट का केस सामने आ गया है, जिसके चलते दोषी हरसनजीत सिंह चहल पटियाला जेल में कैद हैं, जिसमें वो अभी भी कस्टडी में हैं जिसकी एफआईआर सलंग्न है.

क्या था मामला: जानकारी देते हुए सुबोध की बेटी ने बताया कि 6 अगस्त 2017 में सेक्टर-4 निवासी चंडीगढ़ के व्यवसायी सुबोध कुमार को होटल माउंट व्यू के बाहर एक तेज रफ्तार सफेद एसयूवी ने कुचल दिया था. पिता के इशारा करने के बावजूद भी गाड़ी की रफ्तार कम नहीं की गई. जिससे सुबोध कुमार की मौके पर ही मौत हो गई. वाहन के मालिक, जिसकी वीआईपी नंबर प्लेट थी, पीबी-03एफ-0004, की पहचान हरसनजीत सिंह चहल के रूप में की गई थी, जोकि बठिंडा का रहने वाला था और इस मामले का काफी प्रोटेस्ट किया गया था.

विरोध जाहिर करते हुए और सिस्टम से लड़ाई के बाद ही आईपीसी के दायरे में ये केस आया. इसके बाद इस मामले में डीम्ड मर्डर का केस हुआ. रविवार को इस केस को चलाए 5 साल 8 महीने हो गए हैं. इस दौरान अपराधी की ओर हर बार तारीख पर तारीख लेने के बाद कोट ने उसे मुजरिम करार दिया. जिसका नतीजा 14 मार्च को आना है. फैसले से पहले मुजरिम एक और केस में अपनी सजा पटियाला जेल में काट रहा है, जोकि काफी संगीन है.

वहीं, मृतक व्यवसायी सुबोध की पत्नी ने बताया कि बीते 5 साल 8 महीने में हमने हर मुश्किल का दौर देखा है. कहने को यह सिर्फ एक हिट एंड रन का केस था, लेकिन ये हमारे परिवार के सदस्य को इंसाफ दिलाने की लड़ाई थी. जब भी कोर्ट द्वारा सुनवाई रखी जाती थी, अपराधी अपनी जगह अपने वकीलों को पेश करता था जिसके चलते यह के केस इतने लंबे समय तक चला.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद में सांसद खेल महोत्सव: खिलाड़ियों को परोसा गया बिना गुणवत्ता का खाना, चावल में मिले कीड़े

चंडीगढ़ हिट एंड रन केस

चंडीगढ़: सेक्टर-4 निवासी चंडीगढ़ के व्यवसायी सुबोध कुमार को 6 अगस्त को होटल माउंटव्यू के बाहर एक तेज रफ्तार सफेद एसयूवी ने कुचल दिया था. वहीं, इस केस की 14 मार्च को फाइनल हियरिंग है. ऐसे में सुबोध कुमार के परिवार का कहना है कि आखिर एक लम्बी लड़ाई के बाद उन्हें जस्टिस मिल सकेगा.

दरअसल, सात साल पहले चंडीगढ़ के सेक्टर-10 मांउट व्यू के बाहर हुए हिट एंड रन केस में चंडीगढ़ के जाने माने बिजनेसमैन सुबोध कुमार की मौत हो गई थी. इस हादसे को अंजाम देने वाले पंजाब के म्यूजिक डायरेक्टर हरसनजीत सिंह चहल को दोषी पाया गया था. वहीं, दोषी को सख्त सजा दिलवाने के लिए व्यापारी के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट से दोषी को सजा दिलवाई.

अब सुबोध कुमार के परिवार की ओर से मांग की जा रही है कि हिट एंड रन केसों को इंडियन मोटर व्हीकल एक्ट से हटाकर इंडियन पिनल कोड सेक्शन 304 भाग (2) के अंडर लिया जाए ताकि उनके जैसे कितनों ही परिवारों को इंसाफ मिल सके और आरोपियों को सख्त सजा दी जा सके.

वहीं, मामले में आज भी सुबोध कुमार की बेटियां और पत्नी की ओर ज्यूडिशियल सिस्टम के दिए जाने वाले आखिरी निर्णय का इंतजार कर रही हैं. बता दें कि दोषी हरसनजीत सिंह चहल म्यूजिक डायरेक्टर पिछली सुनवाई पर अपना जुर्म कबूल कर चुके हैं. इसके साथ ही दो चश्मदीद गवाह भी अपनी गवाही दे चुके हैं. वहीं, इसके बावजूद फैसला आने से पहले हरसनजीत का दूसरा आर्म्स एक्ट का केस सामने आ गया है, जिसके चलते दोषी हरसनजीत सिंह चहल पटियाला जेल में कैद हैं, जिसमें वो अभी भी कस्टडी में हैं जिसकी एफआईआर सलंग्न है.

क्या था मामला: जानकारी देते हुए सुबोध की बेटी ने बताया कि 6 अगस्त 2017 में सेक्टर-4 निवासी चंडीगढ़ के व्यवसायी सुबोध कुमार को होटल माउंट व्यू के बाहर एक तेज रफ्तार सफेद एसयूवी ने कुचल दिया था. पिता के इशारा करने के बावजूद भी गाड़ी की रफ्तार कम नहीं की गई. जिससे सुबोध कुमार की मौके पर ही मौत हो गई. वाहन के मालिक, जिसकी वीआईपी नंबर प्लेट थी, पीबी-03एफ-0004, की पहचान हरसनजीत सिंह चहल के रूप में की गई थी, जोकि बठिंडा का रहने वाला था और इस मामले का काफी प्रोटेस्ट किया गया था.

विरोध जाहिर करते हुए और सिस्टम से लड़ाई के बाद ही आईपीसी के दायरे में ये केस आया. इसके बाद इस मामले में डीम्ड मर्डर का केस हुआ. रविवार को इस केस को चलाए 5 साल 8 महीने हो गए हैं. इस दौरान अपराधी की ओर हर बार तारीख पर तारीख लेने के बाद कोट ने उसे मुजरिम करार दिया. जिसका नतीजा 14 मार्च को आना है. फैसले से पहले मुजरिम एक और केस में अपनी सजा पटियाला जेल में काट रहा है, जोकि काफी संगीन है.

वहीं, मृतक व्यवसायी सुबोध की पत्नी ने बताया कि बीते 5 साल 8 महीने में हमने हर मुश्किल का दौर देखा है. कहने को यह सिर्फ एक हिट एंड रन का केस था, लेकिन ये हमारे परिवार के सदस्य को इंसाफ दिलाने की लड़ाई थी. जब भी कोर्ट द्वारा सुनवाई रखी जाती थी, अपराधी अपनी जगह अपने वकीलों को पेश करता था जिसके चलते यह के केस इतने लंबे समय तक चला.

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Last Updated : Mar 12, 2023, 2:42 PM IST
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