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कोरोना से जंगः बढ़ गया है एंबुलेंस का काम, जान जोखिम में डालकर सेवा में जुटे एंबुलेंस चालक - बढ़ गया है एंबुलेंस का काम

देश और प्रदेश में कोरोना से जंग के बीच एंबुलेंस की भूमिका अहम हो गई है. जिसके चलते एंबुलेंस का काम बढ़ गया है और एंबुलेंस चालक खुद की जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

Fight with Corona Ambulance work has increased, ambulance driver working at risk
Fight with Corona Ambulance work has increased, ambulance driver working at risk
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Published : Apr 16, 2020, 3:49 PM IST

चंडीगढ़ः हरियाणा में एंबुलेंस चालकों का दिन इन दिनों काफी मशक्कत भरा है. कोरोना जैसी भयानक महामारी के बीच भी एंबुलेंस चालक बिना किसी भय के निडर होकर लोगों की सेवा में जुटे हैं. हालांकि सरकार और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के तहत एंबुलेंस चालकों को सभी जरूरी दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं. वहीं जरूरी सुरक्षा उपकरणों के साथ एंबुलेंस चालक अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.

पंचकूला में 16 एंबुलेंस ड्यूटी पर

बात अगर चंडीगढ़ के साथ लगते जिले पंचकूला की की जाए तो यहां पर भी एंबुलेंस चालकों के लिए विशेष हिदायतें जारी की गई हैं. जिले में 15 सरकारी और साकेत संस्था के एक एंबुलेंस समेत कुछ 16 एंबुलेंस हैं. जिनमें दो एंबुलेंस कोरोना के मरीजों के लिए रिजर्व रखे गए हैं. इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स के साथ टाइअप रखा गया है.

कोरोना से जंगः बढ़ गया है एंबुलेंस का काम, खुद को जोखिम में डाल काम कर रहे एंबुलेंस चालक

एंबुलेंस चालकों को मुहैया कराए गए सुरक्षा उपकरण

एंबुलेंस चालकों का कहना है कि उन्हें कोरोना से बचाव के सभी उपकरण मुहैया कराए गए हैं. सभी एंबुलेंस में ड्राइवर और मेडिकल असिस्टेंट को ईएमटी किट दी गई है. इसके साथ ही मास्क, गाउन, कैप, ग्लब्स, शूज कवर भी दिए गए हैं, जिन्हें समय-समय पर बदला जाता है. इसके साथ सैनिटाइजर भी दिए गए हैं. जिससे कोरोना जैसे वायरस से बचाव रखा जा सकता है. एंबुलेंस चालकों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की हिदायतें भी दी जाती हैं. इसके साथ ही मरीजों को लाने के बाद एंबुलेंस को सैनिटाइज किया जाता है.

बढ़ गया है एंबुलेंस का काम

एंबुलेंस चालकों का कहना है कि इस वक्त पहले के मुकाबले एंबुलेंस का काम भी बढ़ गया है. क्योंकि लॉकडाउन में आम मरीजों को भी लाने ले जाने के लिए एम्बुलेंस की जरूरत पड़ रही है. एंबुलेंस चालक मानते हैं कि पहले के दिनों के मुकाबले अब काम के दौरान खतरा भी काफी बढ़ गया है. लेकिन अगर वो काम नहीं करेंगे तो फिर मरीजों को लाने ले जाने का काम कैसे हो पाएगा.

40-50 हजार की आबादी पर 1 एंबुलेंस का प्रावधान

पंचकूला में एंबुलेंस को लेकर नोडल ऑफिसर नियुक्त किये गए डॉं अनुज बिश्नोई के मुताबिक भी पहले के मुकाबले एंबुलेंस का काम बढ़ गया है. नियमानुसार 40 से 50 हजार की आबादी पर 1 एंबुलेंस होनी चाहिए, लेकिन पंचकूला में इसके मुकाबले ज्यादा एंबुलेंस हैं. वहीं इसके साथ लोगों को दवाई देने के लिए पंचकूला में हरियाणा रोडवेज की 6 बसों को भी मेडिकल मोबाइल यूनिट के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.

वहीं अगर पूरे प्रदेश की बात करें तो प्रदेश 22 जिलों में 395 एंबुलेंस कोरोना के खिलाफ में जुटी हैं. हालांकि आम दिनों के मुकाबले एंबुलेंसों को कई गुना ज्यादा चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और एम्बुलेंस का कॉल रेट बढ़ गया है.

ये भी पढ़ेंः- लॉकडाउन 2.0ः जानें लॉकडाउन के बीच सरकार ने क्या करने की दी छूट ?

चंडीगढ़ः हरियाणा में एंबुलेंस चालकों का दिन इन दिनों काफी मशक्कत भरा है. कोरोना जैसी भयानक महामारी के बीच भी एंबुलेंस चालक बिना किसी भय के निडर होकर लोगों की सेवा में जुटे हैं. हालांकि सरकार और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के तहत एंबुलेंस चालकों को सभी जरूरी दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं. वहीं जरूरी सुरक्षा उपकरणों के साथ एंबुलेंस चालक अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.

पंचकूला में 16 एंबुलेंस ड्यूटी पर

बात अगर चंडीगढ़ के साथ लगते जिले पंचकूला की की जाए तो यहां पर भी एंबुलेंस चालकों के लिए विशेष हिदायतें जारी की गई हैं. जिले में 15 सरकारी और साकेत संस्था के एक एंबुलेंस समेत कुछ 16 एंबुलेंस हैं. जिनमें दो एंबुलेंस कोरोना के मरीजों के लिए रिजर्व रखे गए हैं. इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स के साथ टाइअप रखा गया है.

कोरोना से जंगः बढ़ गया है एंबुलेंस का काम, खुद को जोखिम में डाल काम कर रहे एंबुलेंस चालक

एंबुलेंस चालकों को मुहैया कराए गए सुरक्षा उपकरण

एंबुलेंस चालकों का कहना है कि उन्हें कोरोना से बचाव के सभी उपकरण मुहैया कराए गए हैं. सभी एंबुलेंस में ड्राइवर और मेडिकल असिस्टेंट को ईएमटी किट दी गई है. इसके साथ ही मास्क, गाउन, कैप, ग्लब्स, शूज कवर भी दिए गए हैं, जिन्हें समय-समय पर बदला जाता है. इसके साथ सैनिटाइजर भी दिए गए हैं. जिससे कोरोना जैसे वायरस से बचाव रखा जा सकता है. एंबुलेंस चालकों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की हिदायतें भी दी जाती हैं. इसके साथ ही मरीजों को लाने के बाद एंबुलेंस को सैनिटाइज किया जाता है.

बढ़ गया है एंबुलेंस का काम

एंबुलेंस चालकों का कहना है कि इस वक्त पहले के मुकाबले एंबुलेंस का काम भी बढ़ गया है. क्योंकि लॉकडाउन में आम मरीजों को भी लाने ले जाने के लिए एम्बुलेंस की जरूरत पड़ रही है. एंबुलेंस चालक मानते हैं कि पहले के दिनों के मुकाबले अब काम के दौरान खतरा भी काफी बढ़ गया है. लेकिन अगर वो काम नहीं करेंगे तो फिर मरीजों को लाने ले जाने का काम कैसे हो पाएगा.

40-50 हजार की आबादी पर 1 एंबुलेंस का प्रावधान

पंचकूला में एंबुलेंस को लेकर नोडल ऑफिसर नियुक्त किये गए डॉं अनुज बिश्नोई के मुताबिक भी पहले के मुकाबले एंबुलेंस का काम बढ़ गया है. नियमानुसार 40 से 50 हजार की आबादी पर 1 एंबुलेंस होनी चाहिए, लेकिन पंचकूला में इसके मुकाबले ज्यादा एंबुलेंस हैं. वहीं इसके साथ लोगों को दवाई देने के लिए पंचकूला में हरियाणा रोडवेज की 6 बसों को भी मेडिकल मोबाइल यूनिट के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.

वहीं अगर पूरे प्रदेश की बात करें तो प्रदेश 22 जिलों में 395 एंबुलेंस कोरोना के खिलाफ में जुटी हैं. हालांकि आम दिनों के मुकाबले एंबुलेंसों को कई गुना ज्यादा चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और एम्बुलेंस का कॉल रेट बढ़ गया है.

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