चंडीगढ़: गुरुवार का दिन टोक्यो ओलंपिक में काफी रोमांचक रहने वाला है. आज के दिन हरियाणा के कई धुरंधर देश को मेडल दिलाने के लिए मैदान में उतरेंगे. वहीं कुछ ही देर में दुनिया की नंबर वन महिला पहलवान विनेश फोगाट टोक्यो ओलंपिक में पहले मुकाबले के लिए मैट पर उतरेंगी. विनेश फोगाट का मुकाबला स्वीडन की पहलवान सोफिया मैटसन से होगा. विनेश फोगाट महिला कुश्ती में भारत की तरफ से सबसे मजबूत दावेदार हैं. विनेश को अपने वर्ग में वरीयता दी गई है, क्योंकि उन्होंने इस साल सभी मैच में जीत हासिल की है. विनेश ने इससे पहले वो साल 2020 में एशियाई चैंपियनशिप में मायु मौकेदा से हार का सामना किया था. वहीं उनके कोच अकोस को भी विनेश पर काफी विश्वास है. अकोस का कहना है कि विनेश की आक्रमक शैली और जवाबी हमला प्लस प्वाइंट है. ये भारत के लिए काफी मददगार होगा.
बता दें कि विनेश फोगाट चरखी दादरी के छोटे से गांव बलाली की रहने वाली हैं, चरखी दादरी के गांव बलाली की रहने वाली विनेश फोगाट के पिता का साल 2003 में निधन हो गया था. पिता की मौत के बाद ताऊ द्रोणाचार्य अवॉर्डी महाबीर फोगाट ने विनेश और उसकी छोटी बहन को अपनाया और अपनी बेटियों के साथ अखाड़े में उतारा. विनेश ने अंतरराष्ट्रीय खेलों में काफी नाम किया है और इस वक्त दुनिया की नंबर वन महिला पहलवान हैं. विनेश फोगाट का कुश्ती की तरफ समर्पण दिखता है. एक समय था जब रियो ओलंपिक के दौरान चोट लगने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें पहलवानी छोड़ने की सलाह दे दी थी. डॉक्टरों का कहना था कि अगर अब दोबारा चोट लगी तो जान पर बन सकती है.
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डॉक्टरों की सलाह के बावजूद विनेश ने हिम्मत नहीं हारी और रिकवर होने के बाद मैट पर उतर गईं. विनेश ने कई पदक जीते. कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली देश की महिला पहलवान विनेश फोगाट को खेल रत्न मिल चुका है. आज विनेश फोगाट देश का नाम ऊंचा करने के लिए ओलंपिक में 57 किलो ग्राम महिला कुश्ती का भारत की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रही हैं.
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