चंडीगढ़: टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympic) खेलों का रविवार यानी पांच सितंबर को समापन हो गया. टोक्यो पैरालंपिक में इतिहास रचते हुए भारत ने पांच गोल्ड, आठ सिल्वर और छह ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए. भारत ने अभी तक का अपना सर्वश्रेठ प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड 19 पदक जीते जो पैरालंपिक खेलों के इतिहास में सर्वाधिक हैं. वहीं ओलंपिक की तरह पैरालंपिक में हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा रहा. भारत को मिले 19 में 6 मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते.
हरियाणा के खिलाड़ियों के प्रदर्शन से खुश मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 19 में से 6 पदक हरियाणा के पैरालिंपियन ने जीते है. मैं उन्हें बधाई देता हूं, हम 18 सितंबर के आसपास पैरालिंपियनों के लिए एक अभिनंदन समारोह आयोजित करेंगे. सभी पैरालंपिक खिलाड़ियों को बुलाकर उनका सम्मान करेंगे.
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गौरतलब है कि टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों का आयोजन 24 अगस्त से 5 सितंबर के बीच हुआ था. भारत ने खेलों के 9 खेल स्पर्धओं में 54 पैरा-एथलीटों की अपनी अब तक की सबसे बड़ी टुकड़ी भेजी थी. टीम इंडिया ने टोक्यो पैरालंपिक में कुल 19 पदक हासिल कर अपने अब तक का अपना सबसे शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक शामिल हैं.
पैरालिंपिक में गए भारतीय दल में हरियाणा के कुल 19 खिलाड़ी थे, जिनमें से पांच खिलाड़ियों ने छह मेडल जीते हैं. इनमें पैरालिंपिक निशानेबाज सिंहराज अधाना ने एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज जीता, भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने गोल्ड मेडल जीता, निशानेबाज मनीष नरवाल ने गोल्ड जीता, डिस्कस थ्रो में योगेश कथूनिया ने सिल्वर मेडल जीता और तीरंदाज हरविंदर सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है.
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