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सरकारी इंतजाम नाकाफी, बारिश में भीगा मंडियों में रखा किसानों का गेहूं - चंडीगढ़ समाचार

पहले मजदूर, फिर मशीन और अब बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरसी है. प्रदेश में हुई बारिश से मंडियों में रखा अनाज भीग गया है.

Farmer's wheat soaked in mandis in rain
Farmer's wheat soaked in mandis in rain
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Published : Apr 26, 2020, 7:04 PM IST

Updated : Apr 27, 2020, 7:11 PM IST

चंडीगढ़ः हरियाणा में इस वक्त किसान गेहूं की फसल की कटाई कर रहा है और उसे लेकर मंडियों में आ रहा है. हर साल की तरह इस बार भी प्रदेश सरकार ने किसानों से वादा किया है कि मंडियों में पूरा इंतजाम है. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी वादे हवा हवाई साबित हो रहे हैं और किसानों की फसल बारिश के पानी में भीग कर खराब हो रही है.

किसानों के सामने नई मुसीबत

लॉकडाउन ने किसानों की मुसीबत पहले ही बढ़ा रखी थी. प्रवासी मजदूरों के अपने घर चले जाने से किसानों को फसल कटाने के लिए मजदूर और मशीन नहीं मिल रहे थे. अब किसान जैसे-तैसे अपनी फसल कटवाकर जब उसे लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं तो वहां अनाज खुले में पड़ा है और बारिश में भीग रहा है. सरकार बदले या वही रहे, किसानों से हर साल मंडियों में पूरे इंतजाम का वादा किया जाता है. हर साल कहा जाता है कि किसान को कोई परेशानी नहीं होगी और उसका एक-एक दाना खरीदा जाएगा. लेकिन हर साल की तरह इस साल भी मंडियों में किसान की मेहनत बर्बाद हो रही है.

विपक्ष के निशाने पर सरकार

मंडियों में किसानों की फसल भीगने और किसानों के खराब हो रहे पीले सोने को लेकर विपक्ष भी सरकार को घेर रहा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और कैथल से पूर्व विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने ट्वीटर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह हलके करनाल की अनाज मंडी का वीडियो डाला है और सरकार पर निशाना साधा है. वीडियो में ये कहा जा रहा है कि जब सीएम के गृह हलके के अनाज मंडी में ये हाल है तो प्रदेश के बाकी हिस्सों का क्या हाल होगा ?

हरियाणा: किसानों की फसल पर आफत बनकर बरसी बारिश, मंडियों में रखा अनाज भीगा

गेहूं रखने के पर्याप्त इंतजाम नहीं

ऐसा नहीं है कि मंडियों में व्यवस्था के लिए जिम्मेदार लोगों को परिस्थितियों की जानकारी नहीं है. प्रदेश की मंडियों में हर साल ऐसे ही हालात होते हैं. हर साल किसान का गेहूं भीगता है. बाद में उसको सुखाने के लिए किसान परेशान होता है और फिर गेहूं में नमी के नाम पर उसकी जेब कटती है. लेकिन सरकार किसानों का गेहूं रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं करती है.

प्रदेश मेंं 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद चल रही है. सरकार ने गेहूं खरीद का लक्ष्य 95 लाख टन निर्धारित किया है, जो पिछले साल से करीब दो लाख टन ज्यादा है. जबकि गेहूं का एरिया पिछले साल से 1.36 लाख हेक्टेयर कम है. प्रदेश में गेहूं का कुल उत्पादन 115 लाख टन से ज्यादा होने की उम्मीद है. जबकि पिछले साल कुल उत्पादन 128 लाख टन हुआ था.

देश और प्रदेश में अनाज भंडारण की क्षमता

देश में फिलहाल 8.3 करोड़ टन अनाज की भंडारण क्षमता है. इसमें से 7 करोड़ टन की भंडारण क्षमता कवर्ड है, यानी अनाज छत के नीचे अनाज रखा जाता है. 1.3 करोड़ टन अनाज के लिए 'कैप' तैयार किए गए हैं. हर साल पंजाब और हरियाणा में भंडारण क्षमता से ज्यादा अनाज का उत्पादन होता है.

हरियाणा में करीब 39.56 लाख मीट्रिक टन स्टोरेज कैपेसिटी है. यह स्टोरेज भारत सरकार की स्कीम प्राइवेट एंटरप्रेन्योर गोडाउन के तहत आते हैं. कुल स्टोरेज में से 0.47 लाख मीट्रिक टन भंडारण को लेकर काम चल रहा है. फूड ग्रेन्स वेयरहाउस कॉम्प्लेक्स का कुल एरिया 2,70,724 स्क्वेयर फीट है.

ये भी पढ़ेंः- होटल इंडस्ट्री पर लॉकडाउन की मार, ट्राईसिटी में 190 करोड़ का हो चुका है नुकसान

चंडीगढ़ः हरियाणा में इस वक्त किसान गेहूं की फसल की कटाई कर रहा है और उसे लेकर मंडियों में आ रहा है. हर साल की तरह इस बार भी प्रदेश सरकार ने किसानों से वादा किया है कि मंडियों में पूरा इंतजाम है. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी वादे हवा हवाई साबित हो रहे हैं और किसानों की फसल बारिश के पानी में भीग कर खराब हो रही है.

किसानों के सामने नई मुसीबत

लॉकडाउन ने किसानों की मुसीबत पहले ही बढ़ा रखी थी. प्रवासी मजदूरों के अपने घर चले जाने से किसानों को फसल कटाने के लिए मजदूर और मशीन नहीं मिल रहे थे. अब किसान जैसे-तैसे अपनी फसल कटवाकर जब उसे लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं तो वहां अनाज खुले में पड़ा है और बारिश में भीग रहा है. सरकार बदले या वही रहे, किसानों से हर साल मंडियों में पूरे इंतजाम का वादा किया जाता है. हर साल कहा जाता है कि किसान को कोई परेशानी नहीं होगी और उसका एक-एक दाना खरीदा जाएगा. लेकिन हर साल की तरह इस साल भी मंडियों में किसान की मेहनत बर्बाद हो रही है.

विपक्ष के निशाने पर सरकार

मंडियों में किसानों की फसल भीगने और किसानों के खराब हो रहे पीले सोने को लेकर विपक्ष भी सरकार को घेर रहा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और कैथल से पूर्व विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने ट्वीटर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गृह हलके करनाल की अनाज मंडी का वीडियो डाला है और सरकार पर निशाना साधा है. वीडियो में ये कहा जा रहा है कि जब सीएम के गृह हलके के अनाज मंडी में ये हाल है तो प्रदेश के बाकी हिस्सों का क्या हाल होगा ?

हरियाणा: किसानों की फसल पर आफत बनकर बरसी बारिश, मंडियों में रखा अनाज भीगा

गेहूं रखने के पर्याप्त इंतजाम नहीं

ऐसा नहीं है कि मंडियों में व्यवस्था के लिए जिम्मेदार लोगों को परिस्थितियों की जानकारी नहीं है. प्रदेश की मंडियों में हर साल ऐसे ही हालात होते हैं. हर साल किसान का गेहूं भीगता है. बाद में उसको सुखाने के लिए किसान परेशान होता है और फिर गेहूं में नमी के नाम पर उसकी जेब कटती है. लेकिन सरकार किसानों का गेहूं रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं करती है.

प्रदेश मेंं 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद चल रही है. सरकार ने गेहूं खरीद का लक्ष्य 95 लाख टन निर्धारित किया है, जो पिछले साल से करीब दो लाख टन ज्यादा है. जबकि गेहूं का एरिया पिछले साल से 1.36 लाख हेक्टेयर कम है. प्रदेश में गेहूं का कुल उत्पादन 115 लाख टन से ज्यादा होने की उम्मीद है. जबकि पिछले साल कुल उत्पादन 128 लाख टन हुआ था.

देश और प्रदेश में अनाज भंडारण की क्षमता

देश में फिलहाल 8.3 करोड़ टन अनाज की भंडारण क्षमता है. इसमें से 7 करोड़ टन की भंडारण क्षमता कवर्ड है, यानी अनाज छत के नीचे अनाज रखा जाता है. 1.3 करोड़ टन अनाज के लिए 'कैप' तैयार किए गए हैं. हर साल पंजाब और हरियाणा में भंडारण क्षमता से ज्यादा अनाज का उत्पादन होता है.

हरियाणा में करीब 39.56 लाख मीट्रिक टन स्टोरेज कैपेसिटी है. यह स्टोरेज भारत सरकार की स्कीम प्राइवेट एंटरप्रेन्योर गोडाउन के तहत आते हैं. कुल स्टोरेज में से 0.47 लाख मीट्रिक टन भंडारण को लेकर काम चल रहा है. फूड ग्रेन्स वेयरहाउस कॉम्प्लेक्स का कुल एरिया 2,70,724 स्क्वेयर फीट है.

ये भी पढ़ेंः- होटल इंडस्ट्री पर लॉकडाउन की मार, ट्राईसिटी में 190 करोड़ का हो चुका है नुकसान

Last Updated : Apr 27, 2020, 7:11 PM IST
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