बहादुरगढ़: शुक्रवार को देर शाम टिकरी बॉर्डर पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक बेनतीजा रही. बैठक से बाहर निकले किसान नेताओं ने बताया कि हमने रास्ते बंद नहीं किए थे, लेकिन अब अगर पुलिस रास्ते खोलेगी तो आंदोलनकारियों को परेशानी होगी. आंदोलनकारियों ने सवाल खड़ा किया कि अगर कोई किसान हादसे का शिकार होगा तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.
प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक किसान बॉर्डर पर 5 फुट का रास्ता देने को तैयार हुए हैं. किसानों ने पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल, ऑटो और एम्बुलेंस जाने के लिए रास्ता दिया है. वहीं इस रास्ते से कारों के आवागमन के लिए साफ इंकार कर दिया है. किसानों ने तर्क दिया कि कारों की संख्या बहुत ज्यादा है अगर रास्ता दिया तो सारा दिन जाम लगा रहेगा. बैठक से निकले आंदोलनकारी किसानों ने प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए है. किसानों ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली पुलिस अलग अलग रणनीति बना रही है. दिल्ली पुलिस सिर्फ दिल्ली से हरियाणा आने वालों के लिए खोलने की बात कर रही है, वहीं हरियाणा प्रशासन ने दोनों तरफ का रास्ता खोलने की बात रखी है.
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अब इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 नवंबर को बैठक बुलाई है. किसानों का कहना है कि 6 नवंबर को बैठक के बाद किसान फैसला लेंगे के रास्ता खोलने पर क्या योजना है. वहीं डीसी श्यामलाल पुनिया का कहना है कि सभी बातों पर सहमति नहीं बनी है. वहीं प्रशासन शनिवार सुबह 10.30 बजे टीकरी बॉर्डर पर किसानों फिर बातचीत करेगा.
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