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राकेश टिकैत के बयान के बाद बदला किसान आंदोलन का माहौल, हरियाणा से दिल्ली के लिए किसानों का कूच - हरियाणा कोरोना केस कम किसान आंदोलन

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पिछले एक दो महीनों से किसान आंदोलन ठंडा सा पड़ गया था, लेकिन अब एक बार फिर किसान उठ खड़े हुए हैं. हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं की ओर कूच कर रहे हैं.

farmers protest haryana
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Published : May 24, 2021, 5:49 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना के केस कम होने और फसल की कटाई पूरी होने के बाद कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का माहौल भी अब बदलने लगा है. साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत के आह्वान के बाद एक बार फिर से अब किसान दिल्ली बॉर्डर की तरफ रूख करने लगे हैं. राकेश टिकैत ने नया नारा देते हुए सभी किसानों से दिल्ली कूच करने का आह्वान किया था.

टिकैत ने दिल्ली आने का किया आह्वान

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 6 महीने पूरे होने पर आंदोलन को नई धार दिए जाने की तैयारी कर ली गई है. इसके लिए नया नारा तैयार किया गया है. नए नारे में ये कहा जाएगा कि 'जिंदा है, तो दिल्ली आ जा'. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद गांव-गांव जाकर इस बात को पहुंचाया जाएगा कि जिंदा रहना है और जमीन बचानी है, तो दिल्ली आकर आंदोलन किया जाए.

राकेश टिकैत के बयान के बाद बदला किसान आंदोलन का माहौल

बड़ी संख्या में हरियाणा से निकले किसान

राकेश टिकैत के इस आह्वान के बाद बड़ी संख्या में हरियाणा से किसान दिल्ली की सीमाओं की तरफ बढ़ने लगे हैं. रविवार को किसानों का एक काफिला लेकर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी दिल्ली बॉर्डर के लिए कूच कर चुके हैं. किसानों के इस काफिले में हजारों की संख्या में कारें और ट्रैक्टर थे..

26 मई को मनाया जाएगा काला दिवस

काफिले को लेकर निकले किसान नेता गुरनाम चढूनी ने कहा कि भारी संख्या में किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं ताकि सरकार को ऐसा ना लगे कि आंदोलन ठंडा पड़ गया है. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि किसान 26 मई को आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर काला दिवस मनाने जा रहे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पूतला फूंका जाएगा.

किसान संयुक्त मोर्चा ने सरकार को लिखा है पत्र

गौरतलब है कि किसान संयुक्त मोर्चा की तरफ से सरकार को खत भी लिखा गया है. इसमें लिखा गया कि जब सरकार बातचीत के लिए तैयार है तो किसान भी सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के किसानों का फैसला: बीजेपी और जेजेपी वालों के यहां नहीं करेंगे शादी

बहरहाल किसान एक बार फिर बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने लगे हैं. अब देखना होगा कि क्या सरकार और किसान बातचीत करके कोई हल निकाल पाएंगे या फिर से आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा.

ये भी पढ़ें- हिसार में प्रदर्शन के दौरान एक किसान की हुई मौत, टिकैत भी प्रदर्शन में मौजूद

चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना के केस कम होने और फसल की कटाई पूरी होने के बाद कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का माहौल भी अब बदलने लगा है. साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत के आह्वान के बाद एक बार फिर से अब किसान दिल्ली बॉर्डर की तरफ रूख करने लगे हैं. राकेश टिकैत ने नया नारा देते हुए सभी किसानों से दिल्ली कूच करने का आह्वान किया था.

टिकैत ने दिल्ली आने का किया आह्वान

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 6 महीने पूरे होने पर आंदोलन को नई धार दिए जाने की तैयारी कर ली गई है. इसके लिए नया नारा तैयार किया गया है. नए नारे में ये कहा जाएगा कि 'जिंदा है, तो दिल्ली आ जा'. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद गांव-गांव जाकर इस बात को पहुंचाया जाएगा कि जिंदा रहना है और जमीन बचानी है, तो दिल्ली आकर आंदोलन किया जाए.

राकेश टिकैत के बयान के बाद बदला किसान आंदोलन का माहौल

बड़ी संख्या में हरियाणा से निकले किसान

राकेश टिकैत के इस आह्वान के बाद बड़ी संख्या में हरियाणा से किसान दिल्ली की सीमाओं की तरफ बढ़ने लगे हैं. रविवार को किसानों का एक काफिला लेकर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी दिल्ली बॉर्डर के लिए कूच कर चुके हैं. किसानों के इस काफिले में हजारों की संख्या में कारें और ट्रैक्टर थे..

26 मई को मनाया जाएगा काला दिवस

काफिले को लेकर निकले किसान नेता गुरनाम चढूनी ने कहा कि भारी संख्या में किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं ताकि सरकार को ऐसा ना लगे कि आंदोलन ठंडा पड़ गया है. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि किसान 26 मई को आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर काला दिवस मनाने जा रहे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पूतला फूंका जाएगा.

किसान संयुक्त मोर्चा ने सरकार को लिखा है पत्र

गौरतलब है कि किसान संयुक्त मोर्चा की तरफ से सरकार को खत भी लिखा गया है. इसमें लिखा गया कि जब सरकार बातचीत के लिए तैयार है तो किसान भी सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के किसानों का फैसला: बीजेपी और जेजेपी वालों के यहां नहीं करेंगे शादी

बहरहाल किसान एक बार फिर बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने लगे हैं. अब देखना होगा कि क्या सरकार और किसान बातचीत करके कोई हल निकाल पाएंगे या फिर से आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा.

ये भी पढ़ें- हिसार में प्रदर्शन के दौरान एक किसान की हुई मौत, टिकैत भी प्रदर्शन में मौजूद

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