चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा आज देश भर में बीजेपी सरकार के खिलाफ 'विश्वासघात दिवस' (farmer vishwasghat diwas Haryana) मना रहा है. मोर्चे का केंद्र सरकार पर किसानों के साथ हुए समझौते का मान न रखने का आरोप है. जिसके चलते किसानों ने पूरे हरियाणा में सोमवार को बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन (Farmer Protest in Haryana) किया. साथ ही किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका और रोष जाहिर किया.
दरअसल सरकार द्वारा 9 दिसंबर को किसानों को दिए लिखित पत्र की एक भी मांग को अभी तक पूरा नहीं किया गया है. 15 जनवरी तक शर्तों को पूरा करने के समझौते के बाद भी केंद्र सरकार ने किसानों से किए किसी भी वायदे को अभी तक पूरा नहीं किया है. जिसे लेकर किसान नेताओं और किसानों में जमकर रोष व्याप्त है. ऐसे में सोमवार को प्रदेश में किसानों ने जिला मुख्यालयों पर इकट्ठा होते हुए पहले किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की फिर बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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अपनी मांगों को लेकर हरियाणा में किसान नेताओं ने सोमवार को जमकर प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन सौंपा. साथ ही शीघ्र ही समझौते की मांगों को लागू करने की चेतावनी दी. अन्यथा किसान नेताओं ने फिर से किसान आंदोलन को शुरू करने की बात कही है. इस दौरान किसान नेताओं ने मृत किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. किसान मोर्चा का कहना है कि यदि सरकार द्वारा जल्द मांगें नहीं मानी गई तो किसान एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर देंगे.
इसी कड़ी में हरियाणा के कई हिस्सों में किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया. पलवल में किसान जिला लघु सचिवालय के सामने कुसलीपुर स्थित गुर्जर धर्मशाला पर एकत्रित हुए और आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी. साथ ही सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. किसानों ने उपायुक्त कार्यालय पर राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम समझौते में हुई मांगों को पूरा करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा और साथ ही मांगें पूरी न करने पर दोबारा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी.
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वहीं करनाल में भी किसानों ने भारी संख्या में पहुंचकर विश्वासघात दिवस के रूप में प्रदर्शन किया और बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका. भारतीय किसान यूनियन ने प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा. वहीं किसानों के साथ आंगनबाड़ी वर्कर्स ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मोर्चे का केंद्र सरकार पर किसानों के साथ हुए समझौते का मान न रखने का आरोप है. इस कड़ी में चरखी दादरी में किसानों ने खापों की अगुवाई में सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध किया.
किसानों क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन- दरअसल केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों के साथ लिखित पत्र में जिन मुद्दों को लेकर सहमति बनी थी. सरकार ने अभी तक उनमें से एक भी वायदा पूरा नहीं किया. जिसके चलते किसानों में जमकर रोष व्याप्त है. ऐसे में किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री मोदी का पुतला फूंका. इन मांगों को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया:-
- आंदोलन में दर्ज किसानों के मुकदमों को भी अभी तक वापस नहीं लिया गया.
- शहीद किसान परिवारों को मुआवजा देने के वायदे पर पिछले दो सप्ताह में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
- न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर सरकार ने अभी तक कमेटी नहीं बनाई है.
- राज्यमंत्री अजय टेनी पर भी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.
- किसानों को खराबे का मुआवजा नहीं दिया गया है.
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