दिल्ली/चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही हरियाणा में सियासी गहमागहमी बढ़ने लगी हैं. शुक्रवार को दिल्ली के हरियाणा भवन में करनाल के पूर्व सांसद अरविंद शर्मा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की. जिससे सियासी गलियारों में नए समीकरण बनने की चर्चा है.
अरविंद शर्मा के राजनीतिक इतिहास की अगर बात की जाए तो अरविंद पहले सोनीपत से निर्दलीय सांसद बने थे. इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए. दो बार करनाल से साल 2004 और 2009 में सांसद बने. इसके बाद 2014 में बीजेपी के अश्विनी चोपड़ा से हार कर बसपा में शामिल हो गए. अब बसपा भी छोड़ चुके हैं. फिलहाल भाजपा में शामिल होने की चर्चा है.
इसकी बड़ी वजह भाजपा की ज्यादातर राज्यों में सरकार का होना है. इसके साथ ही संभावनाएं भी ज्यादा हैं. जबकि अन्य राजनीतिक दलों में संभावनाएं बहुत कम हैं. कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिर रहा है. वहीं बसपा की प्रदेश में कोई खास जमीन नहीं है.
एक बार फिर अब लोकसभा चुनाव करीब हैं और अरविंद शर्मा ने इस बार बीजेपी के साथ अपनी गोटियां फिक्स करना शुरू कर दी हैं. माना जा रहा है कि इस बार अरविंद शर्मा बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. इससे पहले भी अरविंद शर्मा ने पिछले पानीपत में एक कार्यक्रम के दौरान भी इस तरह के संकेत दिए थे.
खास बात ये है कि करनाल लोकसभा सीट से इस बार मेनका गांधी भी बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी हैं. वहीं पानीपत में सरपंच एसोसिएशन ने बीजेपी की तरफ से एक बार फिर अश्विनी चोपड़ा को टिकट देने की मांग की है. ऐसे में देखना होगा कि करनाल लोकसभा सीट से इस बार बीजेपी किसे टिकट देगी.