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पूर्व सांसद अरविंद शर्मा बीजेपी में शामिल, इस सीट से लड़ेंगे बीजेपी के टिकट पर चुनाव?

शुक्रवार को दिल्ली के हरियाणा भवन में करनाल के पूर्व सांसद अरविंद शर्मा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की और उसके कुछ ही देर बाद अरविंद शर्मा ने बीजेपी ज्वॉइन भी कर ली.

बीजेपी में शामिल हुए अरविंद शर्मा
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Published : Mar 15, 2019, 3:30 PM IST

दिल्ली/चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही हरियाणा में सियासी गहमागहमी बढ़ने लगी हैं. शुक्रवार को दिल्ली के हरियाणा भवन में करनाल के पूर्व सांसद अरविंद शर्मा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की और उसके कुछ ही देर बाद अरविंद शर्मा ने बीजेपी ज्वॉइन भी कर ली.

बीजेपी में शामिल हुए अरविंद शर्मा

कौन हैं कुलदीप शर्मा?

अरविंद शर्मा के राजनीतिक इतिहास की अगर बात की जाए तो अरविंद पहले सोनीपत से निर्दलीय सांसद बने थे. इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए. दो बार करनाल से साल 2004 और 2009 में सांसद बने. इसके बाद 2014 में बीजेपी के अश्विनी चोपड़ा से हारकर बसपा में शामिल हो गए. अब बसपा भी छोड़ चुके हैं. फिलहाल वोभाजपा में शामिल हो चुके हैं.

arvind sharma
बीजेपी में शामिल हुए अरविंद शर्मा

इसकी बड़ी वजह भाजपा की ज्यादातर राज्यों में सरकार का होना है. इसके साथ ही संभावनाएं भी ज्यादा हैं. जबकि अन्य राजनीतिक दलों में संभावनाएं बहुत कम हैं. कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिर रहा है. वहीं बसपा की प्रदेश में कोई खास जमीन नहीं है.

arvind sharma
बीजेपी में शामिल हुए अरविंद शर्मा

एक बार फिर अब लोकसभा चुनाव करीब हैं और अरविंद शर्मा ने इस बार बीजेपी के साथ जाना बेहतर समझा. इससे पहले भी अरविंद शर्मा ने पिछले पानीपत में एक कार्यक्रम के दौरान भी इस तरह के संकेत दिए थे.

खास बात ये है कि करनाल लोकसभा सीट से इस बार मेनका गांधी भी बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी हैं. वहीं पानीपत में सरपंच एसोसिएशन ने बीजेपी की तरफ से एक बार फिर अश्विनी चोपड़ा को टिकट देने की मांग की है. ऐसे में देखना होगा कि करनाल लोकसभा सीट से इस बार बीजेपी किसे टिकट देगी.

दिल्ली/चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही हरियाणा में सियासी गहमागहमी बढ़ने लगी हैं. शुक्रवार को दिल्ली के हरियाणा भवन में करनाल के पूर्व सांसद अरविंद शर्मा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की और उसके कुछ ही देर बाद अरविंद शर्मा ने बीजेपी ज्वॉइन भी कर ली.

बीजेपी में शामिल हुए अरविंद शर्मा

कौन हैं कुलदीप शर्मा?

अरविंद शर्मा के राजनीतिक इतिहास की अगर बात की जाए तो अरविंद पहले सोनीपत से निर्दलीय सांसद बने थे. इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए. दो बार करनाल से साल 2004 और 2009 में सांसद बने. इसके बाद 2014 में बीजेपी के अश्विनी चोपड़ा से हारकर बसपा में शामिल हो गए. अब बसपा भी छोड़ चुके हैं. फिलहाल वोभाजपा में शामिल हो चुके हैं.

arvind sharma
बीजेपी में शामिल हुए अरविंद शर्मा

इसकी बड़ी वजह भाजपा की ज्यादातर राज्यों में सरकार का होना है. इसके साथ ही संभावनाएं भी ज्यादा हैं. जबकि अन्य राजनीतिक दलों में संभावनाएं बहुत कम हैं. कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिर रहा है. वहीं बसपा की प्रदेश में कोई खास जमीन नहीं है.

arvind sharma
बीजेपी में शामिल हुए अरविंद शर्मा

एक बार फिर अब लोकसभा चुनाव करीब हैं और अरविंद शर्मा ने इस बार बीजेपी के साथ जाना बेहतर समझा. इससे पहले भी अरविंद शर्मा ने पिछले पानीपत में एक कार्यक्रम के दौरान भी इस तरह के संकेत दिए थे.

खास बात ये है कि करनाल लोकसभा सीट से इस बार मेनका गांधी भी बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी हैं. वहीं पानीपत में सरपंच एसोसिएशन ने बीजेपी की तरफ से एक बार फिर अश्विनी चोपड़ा को टिकट देने की मांग की है. ऐसे में देखना होगा कि करनाल लोकसभा सीट से इस बार बीजेपी किसे टिकट देगी.

Intro:कल की बारिश के साथ ओलावृष्टि व तेज हवाओं से गेहूं की फसल हुई 70% खराब.


Body:किसानों के लिए एक बात बहुत ही प्रसिद्ध है कि अगर किसान की 6 महीने की फसल का समय पूरा होकर कटाई का समय आ गया हो तो उस दौरान दिया घर कोई प्राकृतिक आपदा किसान पर गिर जाए तो उसकी 6 महीने की मेहनत खराब हो जाती है. अब किसानों ने हरियाणा में गेहूं की फसल लगा रखी थी। जो लगभग एक महीने बाद कट जाती. कल बारिश हुई जिसके साथ ओलावृष्टि भी हुई और तेज हमारी चली। जिससे किसान की गेहूं सारी जमीन पर गिर गई। जिसमें लगभग 70 से 80% नुकसान हो गया। किसानों का कहना है कि सरकार को किसानों के लिए कुछ ऐसी योजनाएं लेकर आनी चाहिए जिससे उनको मुआवजा मिल सकें। क्योंकि ऐसे पानी देने के बाद बारिश होने से गेहू गिरने से किसान को मुआवजा नहीं मिल पा रहा और कुछ किसानों का कहना है कि उनकी पिछली खराब फसल का मुआवजा भी अब तक नहीं मिला । कुछ किसानों ने तो खेतों को ठेकेदारी पर ले रखा था। अब वह कर्जदार होते दिखाई दे रहे हैं क्योंकि उनकी फसल खराब हो चुकी है.


Conclusion:किसानों का कहना है कि हमारी फसल खराब होने से उनके पूरे परिवार पर इसका प्रभाव पड़ता है क्योंकि हम बच्चों के स्कूलों की फीस वह अपने घर का राशन कहां से लेकर आएंगे हमारी 6 महीने की फसल खराब हो चुकी है कुछ ही देर में 6 महीने की फसल पर पानी फिर गया अब सरकार से मांग करते हैं कि सरकार उनकी तरफ ध्यान दें ताकि वह फसल खराब होने से कर्जदार ना हो।
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