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बजट सत्र का हंगामेदार समापन, जानिए BJP, INLD और कांग्रेस विधायकों ने क्या-क्या किया?

हरियाणा का बजट सत्र बुधवार को काफी हंगामेदार रहा. आपको बता दें कि यह बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू हुआ था और 27 फरवरी तक चला जिसमें दो अवकाश भी रहे. विधानसभा स्पीकर की ओर से 22 फरवरी व 26 फरवरी को डबल सिटिंग करवाई गई ( कुल 8 सिटिंग में 30 घंटे की चर्चा हुई ).

बजट सत्र का समापन
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Published : Feb 27, 2019, 8:40 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा का बजट सत्र बुधवार को काफी हंगामेदार रहा. आपको बता दें कि यह बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू हुआ था और 27 फरवरी तक चला जिसमें दो अवकाश भी रहे.
विधानसभा स्पीकर की ओर से22फरवरी व 26 फरवरी को डबल सिटिंग करवाई गई ( कुल 8 सिटिंग में 30 घंटे की चर्चा हुई ).

बजट सत्र का समापन

कितने विधेयक हुए पेश


सदन में आज 18 विधेयक और संसोधित विधेयक पारित हुए, जिसमें हरियाणा अतिथि शिक्षक सेवा विधयेक-2019 सबसे ज्यादा अहम रहा. वहीं वित्त मंत्री द्वारा 2019-2020 का बजट पेश भी किया गया. इस विधयेक ने22 हजार अतिथि अध्यापकों को राहत की सांस देने का काम किया है. गौरतलब है कि हुड्डा सरकार ने5 दिसंबर 2005 सेगेस्ट टीचर की पॉलिसी अपनाईथी.

वॉक आउट और बजट सत्र


इस बजट सत्र की सबसे खास बात ये रही कि पूरे सत्र के दौरान सिर्फ एक बारविपक्ष द्वारा किया वॉक आउट किया गया. बजट सत्र के आखिरी दिन विपक्ष एक जुट नजर आया और पंजाब भू- परीरक्षण ( हरियाणा संसोधन ) विधेयक-2019 में सरकार द्वारा किए जा रहे संशोधन पर विपक्ष ने जोरदार विरोध दर्ज करवाया. इस दौरान मुख्य विपक्षी दल इनेलो व कांग्रेस ने नारेबाजी करते हुए सत्र का वॉकआउट किया. कांग्रेस ने इस मौके पर विधायक दल की नेता की अगुवाई में सरकार विरोधी नारेबाजी भी की और सरकार द्वारा इस संशोधन के माध्यम से भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए.

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इन नेताओं में हुई तकरार

विधानसभा का सत्र चले और तकरार न हो यह कैसे हो सकता है. पूरे बजट सत्र के दौरान देखा गया कि कांग्रेस के विधायकों व सरकार के मंत्रियो में कई मुद्दों को तीखी तकरार हुई.
इस दौरान कांग्रेस विधायककरण दलाल, गीता भुक्कल, किरण चौधरी, शकुंतला खटक व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत सत्ताधारी पार्टी की तरफ मंत्री कैप्टन अभिमन्यु , ओम प्रकाश धनखड़, अनिल विज व कृष्ण बेदी आपस में कई बार उलझते हुए दिखाई दिए.

इन मुद्दों पर खूब हुई बहस

जाट आरक्षण के दौरान हुई आगजनी, स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर (स्वाईन फ्लू ), हरियाणा में स्थापित होने वाला 22वां एम्स और पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ चल रही सीबीआई व ईडी जांच आदि मुद्दों को लेकर पांचवे बजट सत्र का माहौल गरम होता दिखा.

लगातार नहीं दिखे ये विधायक

बजट सत्र के दौरान जहां विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों के सवालों को जोर-शोर से उठाया, तो वहीं कई विधायक सेशन से नदारद भी दिखे.कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला, आदमपुर से विधायक कुलदीप विश्नोई और उन की पत्नी व हांसी से विधायक रेणुका विश्नोई नदारद दिखे.

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सवाल पूछने में इनेलो रही सब से आगे

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर 2014 से लेकर जुलाई 2018 तक हरियाणा विधानसभा के 11 सत्र हुए हैं.इन सत्रों में सभी पार्टियों के विधायकों ने कुल-मिलाकर 1518 सवाल सरकार से पूछे. इनमें से इनेलो ने 858, भाजपा ने 332 और कांग्रेस ने सबसे कम 328 प्रशन किए.

अगर विधायकों की बात करें, तो इसमें 15 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र या किसी अन्य मुद्दे को लेकर एक भी सवाल नहीं उठाया.14 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने 4 साल के कार्यकाल में 5 या इससे कम ही सवाल पूछे, इसके अलावा भाजपा के 3 विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने केवल एक ही सवाल विधानसभा में उठाया. कुल सवाल 1518, भाजपा ने पूछे332, इनेलो ने पूछे858 व कांग्रेस की ओर से328 सवाल पूछे गए हैं.

इनेलो के विधायक रहे आगे

मिली जानकारी के मुताबिकभाजपा सरकार पर सवालों से निशाना साधकरपरेशान करने वालों में जुलानाके विधायक रविंद्र सिंह ढुल्ल सबसे आगे हैं. उन्होंने इस दौरान हुए विधानसभा सत्रों में सबसे अधिक 1099 सवाल किए, वहीं पलवल सेकांग्रेस के विधायककरण सिंह दलाल 105 सवाल पूछ कर दूसरे स्थान पर हैं.

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इन्होंने नहीं पूछाएक भी सवाल

मिली जानकारी के अनुसार15 विधायक ऐसे हैं,जिन्होंने एक भी सवाल नहीं पूछा. इसमेंकैप्टन अभिमन्यु, आनंद सिंह डांगी, अनिल विज, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विमला चौधरी, कंवरपाल, कर्ण देव कंबोज, कृष्ण कुमार, मनोहर लाल खट्टर, नरबीर सिंह, ओपी धनकड़,रघुवीर सिंह, रामविलास शर्मा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और कविता जैन शामिल हैं.

5 या कम सवाल पूछने वाले MLA

ऐसे 14 विधायक हैं,जिन्होंने 5 या 5 सेकम सवाल पूछे हैं, इनमेंबख्शीश सिंह विर्क, बनवारी लाल, भगवान दास, कबीरपंथी, विक्रम सिंह ठेकेदार, विशंभर सिंह, दिनेश कौशिक, डॉ कमल गुप्ता, कृष्ण लाल पंवार, कुलदीप बिश्नोई, मनीष ग्रोवर, संतोष सारवान, सुभाष बराला तेजपाल तंवर और विपुल गोयल शामिल हैं. वहीं 31 विधायकों ने10 से कम सवाल पूछे और 27 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने10 से 53 सवाल ही पूछे हैं।

चंडीगढ़: हरियाणा का बजट सत्र बुधवार को काफी हंगामेदार रहा. आपको बता दें कि यह बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू हुआ था और 27 फरवरी तक चला जिसमें दो अवकाश भी रहे.
विधानसभा स्पीकर की ओर से22फरवरी व 26 फरवरी को डबल सिटिंग करवाई गई ( कुल 8 सिटिंग में 30 घंटे की चर्चा हुई ).

बजट सत्र का समापन

कितने विधेयक हुए पेश


सदन में आज 18 विधेयक और संसोधित विधेयक पारित हुए, जिसमें हरियाणा अतिथि शिक्षक सेवा विधयेक-2019 सबसे ज्यादा अहम रहा. वहीं वित्त मंत्री द्वारा 2019-2020 का बजट पेश भी किया गया. इस विधयेक ने22 हजार अतिथि अध्यापकों को राहत की सांस देने का काम किया है. गौरतलब है कि हुड्डा सरकार ने5 दिसंबर 2005 सेगेस्ट टीचर की पॉलिसी अपनाईथी.

वॉक आउट और बजट सत्र


इस बजट सत्र की सबसे खास बात ये रही कि पूरे सत्र के दौरान सिर्फ एक बारविपक्ष द्वारा किया वॉक आउट किया गया. बजट सत्र के आखिरी दिन विपक्ष एक जुट नजर आया और पंजाब भू- परीरक्षण ( हरियाणा संसोधन ) विधेयक-2019 में सरकार द्वारा किए जा रहे संशोधन पर विपक्ष ने जोरदार विरोध दर्ज करवाया. इस दौरान मुख्य विपक्षी दल इनेलो व कांग्रेस ने नारेबाजी करते हुए सत्र का वॉकआउट किया. कांग्रेस ने इस मौके पर विधायक दल की नेता की अगुवाई में सरकार विरोधी नारेबाजी भी की और सरकार द्वारा इस संशोधन के माध्यम से भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए.

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इन नेताओं में हुई तकरार

विधानसभा का सत्र चले और तकरार न हो यह कैसे हो सकता है. पूरे बजट सत्र के दौरान देखा गया कि कांग्रेस के विधायकों व सरकार के मंत्रियो में कई मुद्दों को तीखी तकरार हुई.
इस दौरान कांग्रेस विधायककरण दलाल, गीता भुक्कल, किरण चौधरी, शकुंतला खटक व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत सत्ताधारी पार्टी की तरफ मंत्री कैप्टन अभिमन्यु , ओम प्रकाश धनखड़, अनिल विज व कृष्ण बेदी आपस में कई बार उलझते हुए दिखाई दिए.

इन मुद्दों पर खूब हुई बहस

जाट आरक्षण के दौरान हुई आगजनी, स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर (स्वाईन फ्लू ), हरियाणा में स्थापित होने वाला 22वां एम्स और पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ चल रही सीबीआई व ईडी जांच आदि मुद्दों को लेकर पांचवे बजट सत्र का माहौल गरम होता दिखा.

लगातार नहीं दिखे ये विधायक

बजट सत्र के दौरान जहां विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों के सवालों को जोर-शोर से उठाया, तो वहीं कई विधायक सेशन से नदारद भी दिखे.कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला, आदमपुर से विधायक कुलदीप विश्नोई और उन की पत्नी व हांसी से विधायक रेणुका विश्नोई नदारद दिखे.

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सवाल पूछने में इनेलो रही सब से आगे

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर 2014 से लेकर जुलाई 2018 तक हरियाणा विधानसभा के 11 सत्र हुए हैं.इन सत्रों में सभी पार्टियों के विधायकों ने कुल-मिलाकर 1518 सवाल सरकार से पूछे. इनमें से इनेलो ने 858, भाजपा ने 332 और कांग्रेस ने सबसे कम 328 प्रशन किए.

अगर विधायकों की बात करें, तो इसमें 15 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र या किसी अन्य मुद्दे को लेकर एक भी सवाल नहीं उठाया.14 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने 4 साल के कार्यकाल में 5 या इससे कम ही सवाल पूछे, इसके अलावा भाजपा के 3 विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने केवल एक ही सवाल विधानसभा में उठाया. कुल सवाल 1518, भाजपा ने पूछे332, इनेलो ने पूछे858 व कांग्रेस की ओर से328 सवाल पूछे गए हैं.

इनेलो के विधायक रहे आगे

मिली जानकारी के मुताबिकभाजपा सरकार पर सवालों से निशाना साधकरपरेशान करने वालों में जुलानाके विधायक रविंद्र सिंह ढुल्ल सबसे आगे हैं. उन्होंने इस दौरान हुए विधानसभा सत्रों में सबसे अधिक 1099 सवाल किए, वहीं पलवल सेकांग्रेस के विधायककरण सिंह दलाल 105 सवाल पूछ कर दूसरे स्थान पर हैं.

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इन्होंने नहीं पूछाएक भी सवाल

मिली जानकारी के अनुसार15 विधायक ऐसे हैं,जिन्होंने एक भी सवाल नहीं पूछा. इसमेंकैप्टन अभिमन्यु, आनंद सिंह डांगी, अनिल विज, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विमला चौधरी, कंवरपाल, कर्ण देव कंबोज, कृष्ण कुमार, मनोहर लाल खट्टर, नरबीर सिंह, ओपी धनकड़,रघुवीर सिंह, रामविलास शर्मा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और कविता जैन शामिल हैं.

5 या कम सवाल पूछने वाले MLA

ऐसे 14 विधायक हैं,जिन्होंने 5 या 5 सेकम सवाल पूछे हैं, इनमेंबख्शीश सिंह विर्क, बनवारी लाल, भगवान दास, कबीरपंथी, विक्रम सिंह ठेकेदार, विशंभर सिंह, दिनेश कौशिक, डॉ कमल गुप्ता, कृष्ण लाल पंवार, कुलदीप बिश्नोई, मनीष ग्रोवर, संतोष सारवान, सुभाष बराला तेजपाल तंवर और विपुल गोयल शामिल हैं. वहीं 31 विधायकों ने10 से कम सवाल पूछे और 27 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने10 से 53 सवाल ही पूछे हैं।

चंडीगढ़, हरियाणा का बजट सत्र बुधवार को काफी हगामेदार रहा, यह बजट सत्र 20 फरवरी से शुरू हुआ और 27 फरवरी तक चला जिस में दो अवकाश भी रहे और विधानसभा स्पीकर की ओर से 22 फरवरी व 26 फरवरी को डबल सिटिंग करवाई गई ( कुल 8 सिटिंग में 30 घंटे की चर्चा हुई ) । सदन में आज 18 विधेयक और संसोधित विधेयक पारित हुए , जिस में हरियाणा अतिथि शिक्षक सेवा विधयेक 2019 सब से ज्यादा अहम रहा, वहीं वित्त मंत्री द्वारा 2019-2020 का बजट पेश किया गया । इस विधयेक ने  22 हजार अतिथि अध्यापको राहत की सास देने का काम किया है। हूडा सरकार ने  5 दिसंबर 2005 से गेस्ट टीचर की पोलिसी अपनाई थी। 

पूरे सत्र के दौरान सिर्फ एक बार विपक्ष द्वारा किया गया वॉक आउट।।  

बजट सत्र के आखरी दिन विपक्ष एक जुट नजर आया और पंजाब भू- परीक्षण ( हरियाणा संसोधन ) विधेयक 2019 में सरकार द्वारा किए जा रहे संशोधन पर विपक्ष ने जोरदार विरोध दर्ज करवाया और मुख्य विपक्षी दल इनेलो व कांग्रेस ने नारे बाजी करते हुए वॉक ऑउट किया। कांग्रेस ने इस मौके पर विधायक दल की नेता की अगवाई में सरकार विरोधी नारेबाजी भी की और सरकार द्वारा इस संशोधन के मध्यम से भ्र्ष्टाचार के आरोप भी लगाए। 

इन में हुई तकरार।।

विधानसभा का सत्र चले और तकरार न हो यह कैसे हो सकता है। पुरे बजट सत्र के दौरान देखा गया कि कांग्रेस के विधायकों व सरकार के मंत्रियो में कई मुद्दों को लेकर तकरार हुई।  इस दौरान कांग्रेस विधायक करण दलाल , गीता भुक्कल , किरण चौधरी , शकुंतला खटक व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हूडा की मंत्री कैप्टेन अभिमन्यु , ओम प्रकाश धनकड़ , अनिल विज व कृष्ण बेदी आपस में कई बार उलझते हुए दिखाई दिए। 

ये मुद्दे रहे गर्म।। 

जाट आरक्षण के दौरान हुई आज जनि , स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर (स्वाईन फ्लू ) , हरियाणा में स्थापित होने वाला 22 वा एम्स और पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ चल रही सीबीआई व ई डी जांच आदि मुद्दों को लेकर सत्र का महोल गर्म होता दिखा। 

लगातार नहीं दिखे ये विधायक।।

बजट सत्र क्ले दौरान जहां विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों के सवालों को जोर शोर से उठाया तो वहीं कई विधायक सैशन ने नदारद भी दिखे।  कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला , आदमपुर से विधायक कुलदीप विश्नोई और उन की पत्नी व हांसी से विधायक रेणुका विश्नोई नदारद दिखे। 

सवाल पूछने में इनेलो रही सब से आगे।।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर 2014 से लेकर जुलाई 2018 तक हरियाणा विधानसभा के 11 सत्र हुए हैं।  इन सत्रों में सभी पार्टियों के विधायकों ने 1518 सवाल सरकार से पूछे, जिस में इनेलो ने 858 भाजपा ने 332 और कांग्रेस ने सबसे कम 328 प्रशन किए।  अगर विधायकों की बात करें तो इसमें 15 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र या किसी अन्य मुद्दे को लेकर एक भी सवाल नहीं उठाया।  14 विधायक ऐसे जिन्होंने अपने 4 साल के कार्यकाल में 5 या इससे कम ही सवाल पूछे, इसके अलावा भाजपा के 3 विधायक ऐसे भी हैं जिन्होंने केवल एक ही सवाल विधानसभा में उठाया। कुल सवाल 1518, भाजपा ने पूछे 332, इनेलो ने पूछे 858 व कांग्रेस की ओर से 328 सवाल पूछे गए हैं। 

इनेलो के विधायक रहे आगे।।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा सरकार पर सवालों से निशाना साध परेशान करने वाले वालों में जुलाना के विधायक रविंद्र सिंह ढुल्ल सबसे आगे हैं। उन्होंने इस दौरान हुए विधानसभा सत्रों में सबसे अधिक 1099 सवाल किए, वहीं पलवल से काग्रेस के विधायक करण सिंह दलाल 105 सवाल पूछ कर दूसरे स्थान पर हैं। 

इन्होने नहीं पूछा एक भी सवाल।।  

मिली जानकारी के अनुसार 15 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने एक भी सवाल नहीं पूछा। इस में कैप्टन अभिमन्यु, आनंद सिंह दांगी, अनिल विज, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विमला चौधरी, कंवरपाल, कर्णदेव कंबोज, कृष्ण कुमार, मनोहर लाल खट्टर, नरबीर सिंह, ओपी धनकड़, रघुवीर सिंह, रामविलास शर्मा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और कविता जैन शामिल हैं। 

5 या कम इस से कम सवाल पूछने वाले।। 

ऐसे 14 विधायक हैं  जिन्होंने 5 या 5 से कम सवाल पूछे हैं , इन में बख्शीश सिंह विर्क बनवारीलाल, भगवान दास, कबीरपंथी, विक्रम सिंह ठेकेदार, विशंभर सिंह, दिनेश कौशिक, डॉ कमल गुप्ता, कृष्ण लाल पंवार, कुलदीप बिश्नोई, मनीष ग्रोवर, संतोष सारवान, सुभाष बराला तेजपाल तंवर और विपुल गोयल शामिल हैं। वहीं 31 विधायको ने 10 से कम सवाल पूछे और 27 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने 10 से 53 ही पूछे हैं। 

विधानसभा में कुल विधायको की संख्या।।

 कुल विधायक : 90 

भाजपा विधायक : 47 

इनेलो विधायक : 19 

कांग्रेस विधायक : 17 

सवाल पूछने वाले बड़े लीडरों की लिस्ट।।

 भूपेंद्र सिंह हुड्डा : 0 

 किरण चौधरी : 32 

अभय सिंह चौटाला : 13 

नैना सिंह चौटाला : 25 

कुलदीप बिश्नोई : 0 

रणदीप सिंह सुरजेवाला : 0 

 सुभाष बराला  : 4


यह आंकड़े नवंबर 2014 से लेकर जुलाई 2018 तक हरियाणा विधानसभा के 11 सत्र के हैं। 


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