चंडीगढ़: हरियाणा में जल्द ही करीब 35 हजार दिव्यांगों को रोजगार मिलने जा रहा है. इनमें से 15 हजार सरकारी क्षेत्र में जबकि 20 हजार दिव्यांग निजी क्षेत्र में समायोजित किए जाएंगे. हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव की उपस्थिति में 'यूथ फॉर जॉब' कंपनी और राज्य सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इस एमओयू से प्रदेश में निर्धारित कौशल के अनुसार 7 हजार दिव्यांगजनों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी आएगी.
इस मौके पर ओम प्रकाश यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल्द ही 80 फीसदी या इससे अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों को 400 मोटराइज्ड वाहन वितरित किए जाएंगे. इससे उन्हें आने-जाने में आसानी होगी और वो आत्मनिर्भर बन पाएंगे. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ने बताया कि इससे पहले, ई-कॉमर्स क्षेत्र की जानी-मानी कंपनी अमेजॉन के साथ भी एक एमओयू साइन किया गया है.
इस कंपनी के माध्यम से हरियाणा के करीब 10 हजार दिव्यांगजनों को उनकी कार्य क्षमता के अनुसार रोजगार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मनोहर लाल ने सरकारी नौकरियों में एक जनवरी 1996 से लेकर आज तक का सारा बैकलॉग जल्द से जल्द भरने के निर्देश दे दिए हैं. इस अवसर पर हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने बताया कि दिव्यांगजनों के बैकलॉग में से करीब 4000 पदों पर पात्र दिव्यांगों की भर्ती कर ली गई है और शेष की प्रक्रिया जारी है.
उन्होंने बताया कि हरियाणा ही नहीं देश के इतिहास में पहली बार किसी एक राज्य द्वारा 103 पैरा-डॉक्टर तथा 2500 पैरा-मेडिकल स्टाफ की भर्ती की गई है. एचसीएस की भर्ती में भी 14 वैकेंसी का बैकलॉग भरा जाएगा. इसके लिए विज्ञापन को संशोधित करके दिव्यांगजनों के लिए कोटा निर्धारित किया गया है. इसके अलावा, पीजीटी तथा कौशल रोजगार निगम के तहत निकाली जा रही रिक्तियों में भी दिव्यांगजनों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है.