चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि ग्रुप ए और बी के अधिकारियों (Investigation of group one officers in Haryana) के मामलों की जांच मौजूदा एम्पैनल्ड जांच अधिकारियों को सौंपी जाएगी. जिन्होंने सरकार द्वारा 15 मार्च, 2022 को जारी निर्देशों की तिथि तक 70 वर्ष की आयु पूरी नहीं की है.
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने जानकारी देते हुए बताया कि उपरोक्त विषय पर सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्डों, निगमों के प्रबंध निदेशकों व अध्यक्षों, मण्डल आयुक्तों, जिला उपायुक्तों तथा विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को पत्र जारी कर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. इन निर्देशों का पालन सभी संबंधितों द्वारा तब तक किया जाएगा, जब तक कि नए जांच अधिकारियों को एम्पैनल्ड नहीं किया जाता.
कौशल ने बताया कि पैनल में शामिल जांच अधिकारियों के मानदेय की दर के साथ नियम एवं शर्तें और उन्हें सौंपे गए जांच मामलों के रिकॉर्ड के रख रखाव के संबंध में राज्य सरकार ने 15 मार्च, 2022 को दिशा-निर्देश जारी किए थे. सरकार ने इस मामले पर विचार करने के उपरांत उपरोक्त निर्णय लिया है.
हरियाणा सरकार ने विभागीय जांच के लिए विभिन्न सेवानिवृत अधिकारियों को जांच अधिकारी के रूप निर्धारित मापदण्डों में संशोधन (Haryana Investigating Officer Appointment Rule) किया था. 22 अक्टूबर 2022 को इस संबंध में मुख्य सचिव द्वारा राज्य के सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड व निगमों के प्रबंध निदेशकों, प्रमुखों, मंडल आयुक्तों समेत सभी जिला उपायुक्तों उपमंडल अधिकारियों सहित विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को एक पत्र जारी किया गया था.
जारी किए गए पत्र के अनुसार सेवानिवृत जांच अधिकारियों में आईएएस अधिकारी, आईपीएस अधिकारी, आईएफएस अधिकारी, भारतीय वन सेवा अधिकारी, इंजीनियर-इन-चीफ व चीफ इंजीनियर, डीजीएचएस व डीएचएस स्तर के डॉक्टर, ज्यूडिशियल अधिकारी, सीबीआई अधिकारी, केन्द्रीय सचिवालय के अधिकारी व अन्य केन्द्रीय सेवाओं के अधिकारी और अभियोजन (जरनल) निदेशक व अभियान (स्पेशल) निदेशक जांच अधिकारी के रूप में सूचीबद्ध हो सकेंगें.
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