चंडीगढ़: शहर में जहां बढ़ती गर्मी के चलते पारा तेजी से बढ़ रहा है, वहीं चंडीगढ़ बिजली विभाग शहर में गर्मी के चरम पर पहुंचने से पहले रखरखाव और मरम्मत कार्यों को पूरा करने के लिए भागदौड़ कर रहा है. बीते समय में बिजली विभाग ने गर्मी के मौसम में चंडीगढ़ में बिजली की कमी नहीं आने देने के दावे किए थे लेकिन अब बिजली की मांग बढ़ रही है. जिसकी आपूर्ति नहीं होने के कारण शहर में अघोषित बिजली कटौती शुरू हो गई है.
चंडीगढ़ में बिजली की डिमांड बीते हफ्ते के मुकाबले बढ़ गई है. 11 मई को शहर में बिजली की डिमांड 350 मेगावॉट थी. जबकि पिछले साल 11 मई को यह 240 मेगावॉट थी. पिछले साल मई में कुल पीक बिजली की मांग 372 मेगावाट थी. शहर के इतिहास में उच्चतम मांग पिछले साल जून में 411 मेगावाट दर्ज की गई थी. बिजली की मांग में दिन में कई बार उतार-चढ़ाव होता रहता है. लेकिन आम तौर पर यह गर्मियों में दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच चरम पर होता है.
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शहर अपनी विश्वसनीय बिजली आपूर्ति के लिए पूरे क्षेत्र में जाना जाता है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, विशेष रूप से परिधीय क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों ने गर्मियों में अनियमित बिजली और अनिर्धारित बिजली कटौती की शिकायत की है. कुछ क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर कटौती की सूचना मिली है. वहीं इस बार भी अंदाज लगाया जा रहा है कि चंडीगढ़ के कुछ सेक्टरों में बिजली की कटौती की जाएगी.
क्योंकि चंडीगढ़ प्रशासन रखरखाव और नई सामग्री की खरीद पर खर्च करने में धीमी गति से काम कर रहा था. पिछले कुछ वर्षों में संयुक्त विद्युत नियामक प्राधिकरण (जेईआरसी) ने स्वीकृत पंजीकरण लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रहने पर विभाग को फटकार लगाई है. बिजली विभाग के अधिकारी ने कहा कि निजीकरण की प्रक्रिया ने प्रशासन को नई बिजली आपूर्ति की खरीद पर लगभग रोक लगा दी थी.
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अदालती मामलों के कारण निजीकरण अधर में है, विभाग पर रखरखाव की प्रक्रिया को बढ़ाने और गर्मियों में सुचारू आपूर्ति करने का दबाव था. यूटी के मुख्य अभियंता सीबी ओझा ने कहा कि विभाग ने आवश्यक सामग्री की खरीद और रखरखाव के काम में तेजी ला दी है. गर्मी की चुनौती को ध्यान में रखते हुए हमने 38 नए ट्रांसफार्मर पहले ही लगा दिए हैं. कंट्रोल रूम और जन शिकायत तंत्र को भी मजबूत किया जा रहा है. हम भीषण गर्मी से पहले 15 मई तक रखरखाव का काम पूरा करने का लक्ष्य बना रहे हैं.