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लावारिस शवों के दहन के लिए लकड़ी के स्थान पर इलेक्ट्रिक या एलपीजी सिस्टम बेहतर विकल्प: हाईकोर्ट

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम को आदेश दिए हैं कि लावारिस शवों का दहन करने के लिए लकड़ी के स्थान पर इलेक्ट्रिक या एलपीजी सिस्टम अपनाए जाने पर विचार करें. अदालत ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई में नगर निगम अपना पक्ष रखेगा.

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट. फाइल फोटो
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Published : Feb 28, 2019, 8:08 AM IST

चंडीगढ़: हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम को आदेश देते हुए कहा कि लावारिस शवों का दहन करने के लिए इलेक्ट्रिक या एलपीजी सिस्टम को अपनाए जाने पर अपना विचार दें. इस मामले को देखते हुए चंडीगढ़ नगर निगम की वकील दीपाली पुरी ने हाईकोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में 167, 2017 में 187 तथा 2018 में 139 लावारिस शवों का शहर के शमशान घाटों में दहन किया गया था.

haryana- punjab highcourt
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट. फाइल फोटो

कोर्ट ने कहा कि यह आंकड़ा कुल 503 पहुंचता है जो बहुत बड़ी संख्या है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि लकड़ी जलाने से प्रदूषण बढ़ता है और ऐसे में लकड़ी के स्थान पर एलपीजी या इलेक्ट्रिक सिस्टम का प्रयोग किया जा सकता है. कोर्ट ने निगम की वकील से पूछा कि क्या लावारिस शवों का दहन इन माध्यमों से किया जा सकता है. इस पर दीपाली पुरी ने कहा कि वह इस बारे में निगम का पक्ष लेने के बाद ही कुछ कह सकती हैं. इस पर हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए हैं, कि वे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए सुझाव पर निर्णय ले और अगली सुनवाई पर इस बारे में कोर्ट को सूचित करें.

चंडीगढ़: हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम को आदेश देते हुए कहा कि लावारिस शवों का दहन करने के लिए इलेक्ट्रिक या एलपीजी सिस्टम को अपनाए जाने पर अपना विचार दें. इस मामले को देखते हुए चंडीगढ़ नगर निगम की वकील दीपाली पुरी ने हाईकोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में 167, 2017 में 187 तथा 2018 में 139 लावारिस शवों का शहर के शमशान घाटों में दहन किया गया था.

haryana- punjab highcourt
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट. फाइल फोटो

कोर्ट ने कहा कि यह आंकड़ा कुल 503 पहुंचता है जो बहुत बड़ी संख्या है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि लकड़ी जलाने से प्रदूषण बढ़ता है और ऐसे में लकड़ी के स्थान पर एलपीजी या इलेक्ट्रिक सिस्टम का प्रयोग किया जा सकता है. कोर्ट ने निगम की वकील से पूछा कि क्या लावारिस शवों का दहन इन माध्यमों से किया जा सकता है. इस पर दीपाली पुरी ने कहा कि वह इस बारे में निगम का पक्ष लेने के बाद ही कुछ कह सकती हैं. इस पर हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए हैं, कि वे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए सुझाव पर निर्णय ले और अगली सुनवाई पर इस बारे में कोर्ट को सूचित करें.

Intro:लावारिस लाशों का इलेक्ट्रिक या एलपीजी सिस्टम से अंतिम संस्कार करने पर करें विचार 

-इन शवों के दहन के लिए लकड़ी के स्थान पर इलेक्ट्रिक या एलपीजी सिस्टम बेहतर विकल्प: हाईकोर्ट 

-तीन साल में लावारिस शवों के आंकड़ों को देखने के बाद हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश 


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चंडीगढ़। 

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम को आदेश दिए हैं कि लावारिस शवों का दहन करने के लिए लकड़ी के स्थान पर इलेक्ट्रिक या एलपीजी पद्घि अपनाए जाने पर विचार करें। मामले की अगली सुनवाई पर नगर निगम को हाईकोर्ट में इस बारे में अपना पक्ष रखना होगा।

हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप चंडीगढ़ नगर निगम की वकील दीपाली पुरी ने हाईकोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में 167, 2017 में 187 तथा 2018 में 139 लावारिस शवों का शहर के शमशान घाटों में दहन किया गया। कोर्ट ने कहा कि यह आंकड़ा कुल 503 पहुंचता है जो बड़ी संख्या है। कोर्ट ने कहा कि लकड़ी जलाने से प्रदूषण बढ़ता है और ऐसे में लकड़ी के स्थान पर एलपीजी या इलेक्ट्रिक सिस्टम का प्रयोग किया जा सकता है। कोर्ट ने निगम की वकील से पूछा कि क्या लावारिस शवों का दहन इन माध्यमों से किया जा सकता है। इसपर दीपाली पुरी ने कहा कि वह इस बारे में निगम का पक्ष लेने के बाद ही कुछ कह सकती हैं। इसपर हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए हैं कि वे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए सुझाव पर निर्णय ले अगली सुनवाई पर इस बारे में कोर्ट को सूचित करें। इसी बीच शहर के सरकारी मकानों की बदहाल स्थिति पर हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन से जवाब मांगा। यूटी प्रशासन ने कहा कि इस दिशा में काम किया जा रहा है। इसपर हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को आदेश दिए कि वे पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप के तहत इन मकानों की मुरम्मत के काम पर विचार करें। हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को अगली सुनवाई के दौरान इस बारे में प्रशासन का पक्ष रखने के आदेश दिए हैं। 




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