चंडीगढ़: हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम को आदेश देते हुए कहा कि लावारिस शवों का दहन करने के लिए इलेक्ट्रिक या एलपीजी सिस्टम को अपनाए जाने पर अपना विचार दें. इस मामले को देखते हुए चंडीगढ़ नगर निगम की वकील दीपाली पुरी ने हाईकोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में 167, 2017 में 187 तथा 2018 में 139 लावारिस शवों का शहर के शमशान घाटों में दहन किया गया था.

कोर्ट ने कहा कि यह आंकड़ा कुल 503 पहुंचता है जो बहुत बड़ी संख्या है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि लकड़ी जलाने से प्रदूषण बढ़ता है और ऐसे में लकड़ी के स्थान पर एलपीजी या इलेक्ट्रिक सिस्टम का प्रयोग किया जा सकता है. कोर्ट ने निगम की वकील से पूछा कि क्या लावारिस शवों का दहन इन माध्यमों से किया जा सकता है. इस पर दीपाली पुरी ने कहा कि वह इस बारे में निगम का पक्ष लेने के बाद ही कुछ कह सकती हैं. इस पर हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए हैं, कि वे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए सुझाव पर निर्णय ले और अगली सुनवाई पर इस बारे में कोर्ट को सूचित करें.