चंडीगढ़: केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति को पेश किया है. देश में 34 सालों के बाद नई शिक्षा नीति पेश की गई है. जिसमें कई तरह के बदलाव किए गए हैं, ताकि देश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर किया जा सके. नई शिक्षा नीति शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कितनी कारगर साबित होगी और बच्चों के भविष्य पर इसका क्या असर पड़ेगा? इस पर ईटीवी भारत की टीम ने पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गुरमीत सिंह से बात की.
उन्होंने कहा कि कोई भी बदलाव अच्छे के लिए होता है. अगर बदलाव हो रहा है तो हमें उसे सकारात्मक तौर पर ही लेना चाहिए और उसके बाद इस बात पर विचार करना चाहिए कि ये बदलाव हमारे लिए कितना लाभदायक है? सरकार ने शिक्षा नीति के साथ साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय रख दिया है. हालांकि ये ज्यादा जरूरी बात नहीं है. नाम बदलना आसान है, लेकिन जो नई नीतियां बनाई गई हैं. उनमें बदलाव ज्यादा मुश्किल है.
'लचीली नई शिक्षा नीति'
उन्होंने कहा कि सरकार ने जो नई शिक्षा नीति पेश की है. उसमें कई बातें अच्छी हैं जैसे सरकार ने इसे काफी लचीला बनाया है. जो छात्रों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. अगर कोई छात्र बीए की पढ़ाई कर रहा है और वो 2 साल बाद बीए छोड़ देता है तो उसे 2 साल का डिप्लोमा दिया जाएगा और अगर 1 साल के छोड़ देता है तो उसे 1 साल का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इससे छात्रों का साल खराब होने से बच जाएगा, क्योंकि छात्र जितनी पढ़ाई करेगा. उसे सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. नई शिक्षा नीति के तहत वो छात्र छात्र अपना विषय भी बदल सकता है.
'नई शिक्षा नीति में भाषा पर जोर'
इसके अलावा सरकार ने ये भी कहा है कि देश में अलग-अलग शिक्षा संस्थाओं की जगह एक ही उच्च शिक्षा संस्था बनेगी. ये भी सही है, लेकिन ये कब तक बनेगी? इसके बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता. प्रोफेसर गुरमीत सिंह ने कहा नई शिक्षा नीति में भाषा पर काफी जोर दिया गया है और ये सही भी है. इसको किसी का विरोध नहीं करना चाहिए. यहां मातृभाषा की बात हो रही है. बच्चा जिस राज्य में रहता है. उसे वहीं की भाषा में पढ़ाई करवाई जाएगी. इसका विरोध सिर्फ वही करते हैं, जो हिंदी या मातृ भाषाओं से ज्यादा अंग्रेजी के समर्थक हैं. मेरे लिए ये एक सही फैसला है.
युवाओं के सपने होंगे साकार!
उन्होंने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति में तकनीकी शिक्षा पर भी काफी ध्यान देगी. नई शिक्षा नीति में छठी क्लास से व्यवसायिक या तकनीकी शिक्षा शुरू करवा दी जाएगी. ताकि बच्चे जब तक अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे. तब तक वे अपने पसंद के काम में निपुण हो चुके होंगे. पढ़ाई के बाद हर युवा का वही सपना होता है कि उसे अच्छा रोजगार मिले और ये तभी संभव है, जब हम तकनीकी शिक्षा पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें.
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उन्होंने कहा कि एक शिक्षक के तौर पर मैं इसका स्वागत करता हूं. इसके अंदर बहुत से ऐसे बदलाव किए गए हैं. जो छात्रों के भविष्य के लिए अच्छे साबित होंगे, लेकिन इस शिक्षा नीति को सफल बनाने के लिए शिक्षकों को भी अपने अंदर बदलाव लाना होगा. शिक्षकों को भी बहुत सी नई बातें सीखनी होंगी. तभी ये शिक्षा नीति सफल हो पाएगी.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कुछ मुख्य बिंदु
- हर बच्चा कम से कम एक स्किल लेकर स्कूल से बाहर निकलेगा
- सरकारी और निजी स्कूलों में सीखने के सामान्य मानक होंगे
- छात्रों के मूल्यांकन में टीचर और दोस्त शामिल होंगे
- ग्रेड 5 या कक्षा 8 तक मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा का निर्देश
- बुक प्रमोशन पॉलिसी और डिजिटल लाइब्रेरी से पढ़ाई होगी
- स्नातक की पढ़ाई 2 साल पर छोड़ने पर छात्रों को डिप्लोमा मिलेगा
- स्नातक की पढ़ाई 1 साल पर छोड़ने पर मिलेगा सर्टिफिकेट