ETV Bharat / state

चंडीगढ़ पार्किंग घोटाला: ईडी की जांच में बड़ा खुलासा, कई राज्यों में आरोपियों ने की धांधली - Chandigarh news update

चंडीगढ़ पार्किंग घोटाला केस (Chandigarh parking scam case) में ईडी की जांच में आरोपियों द्वारा बड़े पैमाने पर शेल कंपनियां बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग किए जाने की बात सामने आई है. जांच में सामने आया कि आरोपियों ने चंडीगढ़ ही नहीं कई अन्य राज्यों में भी धांधली की है.

Chandigarh parking scam case
चंडीगढ़ पार्किंग घोटाला केस: ईडी की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
author img

By

Published : Apr 6, 2023, 6:02 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में पार्किंग घोटाला को लेकर नगर निगम चंडीगढ़ इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की जांच में सामने आया कि कंपनी ने अपने टेंडर के दौरान बड़े स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग की है. ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी है. जिसमें आरोपियों द्वारा शेल कंपनियां बनाने और संभावित मनी लॉन्ड्रिंग एंगल के बारे में बताया गया है.

चंडीगढ़ पुलिस विभाग के मुताबिक चंडीगढ़ में 57 पार्किंग स्थल का ठेका हासिल करने के लिए कथित तौर पर जाली बैंक गारंटी देने वाले पश्चिम्या एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ अन्य फर्म के ठेकेदार अनिल कुमार शर्मा अपने और अपने नाम के अलग-अलग खातों में एकत्रित धन को डायवर्ट कर रहे थे. ऐसे में इन सभी पार्किंग से होने वाली कमाई को हर दिन फर्म के खाते में जमा किया जाता था.

ऐसा इसलिए ताकि नगर निगम साल के अंत में ठेकेदार को होने वाले नुकसान या लाभ का सटीक मूल्यांकन कर सके. वहीं अनिल अपने अकाउंटेंट अजय कुमार को अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करने का निर्देश देता था. इसके अलावा, वह अपने कर्मचारियों को नकद में भुगतान करता था. बता दें कि जोन 2 ठेकेदार, जिसका टेंडर जनवरी में समाप्त हो गया था.

उस कंपनी द्वारा 6.5 करोड़ रुपए का बकाया लाइसेंस शुल्क वसूलने पर काम करते हुए, एमसी अधिकारियों ने ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत बैंक गारंटी के माध्यम से धन की वसूली के लिए नई दिल्ली में संबंधित बैंक से संपर्क किया था. हालांकि, बैंक ने नगर निगम चंडीगढ़ को सूचित किया कि 1.65 करोड़ रुपए की गारंटी जाली थी, जिसके बाद चंडीगढ़ नगर निगम की शिकायत के बाद 18 फरवरी, 2023 को सेक्टर 17 पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था.

पढ़ें : हरियाणा में फरवरी महीने में पकड़े गए 14 रिश्वतखोर, 1 हजार से एक लाख से अधिक की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

ईडी ने जांच में पाया कि अनिल चंडीगढ़, दिल्ली, भोपाल और नोएडा सहित विभिन्न स्थानों पर नगर निगमों द्वारा पार्किंग निविदाओं को हड़पने के इरादे से अपने कर्मचारियों और रिश्तेदारों के नाम पर शेल कंपनियों को शामिल करता था. उन्होंने कथित तौर पर ऐसी फर्मों के जाली दस्तावेजों के आधार पर एक जीएसटी पंजीकरण नंबर भी ले रखा था. जिसके चलते उसे बैंकों में पैसों के लेने पर सवाल न उठाए जा सके.

वहीं चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि देश के विभिन्न हिस्सों में उसकी लगभग 17 शेल कंपनियां थी. जिसके माध्यम से उसने संबंधित नगर निगमों से पार्किंग अनुबंध के लिए आवेदन करते हुए टेंडर हासिल किए थे. हर बार टेंडर पास हो जाने के बाद वे लोग शुरुआत के दो से तीन महीनों के लिए अधिकारियों को भुगतान करते थे. वहीं अधिकारी का विश्वास जीतने के बाद वे लाइसेंस शुल्क में रियायत या छूट की मांग करते थे.

पढ़ें : सोनीपत में NCERT की नकली किताबें जब्त, सीएम फ्लाइंग टीम ने किताबों के गोदाम पर की छापेमारी

जैसे ही उन्हें लगता था कि उन्हें किसी विशेष नगर निगम द्वारा ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है, वह अन्य शहरों या राज्यों में नगर निगमों से संग्रह के साथ उनके बकाया का भुगतान करने का बहाना बना लेते. जिसके चलते किसी भी नगर निगम द्वारा उन पर मामला दर्ज नहीं किया जाता. ऐसे में चंडीगढ़ पुलिस को ईडी ने सौंपी रिपोर्ट में बताया गया कि भोपाल में भी कुछ फर्जी गारंटी का मामला सामने आया था, लेकिन आरोपियों ने वहां पैसे दे दिए.

अब भोपाल पुलिस भी वहां के मामले की जांच कर रही है. ऐसे में अभी तक चंडीगढ़ पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें अनिल कुमार शर्मा, पार्किंग फर्म के निदेशक संजय शर्मा, दिल्ली में कैनरा बैंक की मोरी गेट शाखा के तत्कालीन बैंक अधिकारी रवि चंद्र प्रकाश और अनिल के अकाउंटेंट अजय कुमार सहित 7 लोग शामिल हैं.

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में पार्किंग घोटाला को लेकर नगर निगम चंडीगढ़ इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की जांच में सामने आया कि कंपनी ने अपने टेंडर के दौरान बड़े स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग की है. ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी है. जिसमें आरोपियों द्वारा शेल कंपनियां बनाने और संभावित मनी लॉन्ड्रिंग एंगल के बारे में बताया गया है.

चंडीगढ़ पुलिस विभाग के मुताबिक चंडीगढ़ में 57 पार्किंग स्थल का ठेका हासिल करने के लिए कथित तौर पर जाली बैंक गारंटी देने वाले पश्चिम्या एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ अन्य फर्म के ठेकेदार अनिल कुमार शर्मा अपने और अपने नाम के अलग-अलग खातों में एकत्रित धन को डायवर्ट कर रहे थे. ऐसे में इन सभी पार्किंग से होने वाली कमाई को हर दिन फर्म के खाते में जमा किया जाता था.

ऐसा इसलिए ताकि नगर निगम साल के अंत में ठेकेदार को होने वाले नुकसान या लाभ का सटीक मूल्यांकन कर सके. वहीं अनिल अपने अकाउंटेंट अजय कुमार को अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करने का निर्देश देता था. इसके अलावा, वह अपने कर्मचारियों को नकद में भुगतान करता था. बता दें कि जोन 2 ठेकेदार, जिसका टेंडर जनवरी में समाप्त हो गया था.

उस कंपनी द्वारा 6.5 करोड़ रुपए का बकाया लाइसेंस शुल्क वसूलने पर काम करते हुए, एमसी अधिकारियों ने ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत बैंक गारंटी के माध्यम से धन की वसूली के लिए नई दिल्ली में संबंधित बैंक से संपर्क किया था. हालांकि, बैंक ने नगर निगम चंडीगढ़ को सूचित किया कि 1.65 करोड़ रुपए की गारंटी जाली थी, जिसके बाद चंडीगढ़ नगर निगम की शिकायत के बाद 18 फरवरी, 2023 को सेक्टर 17 पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था.

पढ़ें : हरियाणा में फरवरी महीने में पकड़े गए 14 रिश्वतखोर, 1 हजार से एक लाख से अधिक की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

ईडी ने जांच में पाया कि अनिल चंडीगढ़, दिल्ली, भोपाल और नोएडा सहित विभिन्न स्थानों पर नगर निगमों द्वारा पार्किंग निविदाओं को हड़पने के इरादे से अपने कर्मचारियों और रिश्तेदारों के नाम पर शेल कंपनियों को शामिल करता था. उन्होंने कथित तौर पर ऐसी फर्मों के जाली दस्तावेजों के आधार पर एक जीएसटी पंजीकरण नंबर भी ले रखा था. जिसके चलते उसे बैंकों में पैसों के लेने पर सवाल न उठाए जा सके.

वहीं चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि देश के विभिन्न हिस्सों में उसकी लगभग 17 शेल कंपनियां थी. जिसके माध्यम से उसने संबंधित नगर निगमों से पार्किंग अनुबंध के लिए आवेदन करते हुए टेंडर हासिल किए थे. हर बार टेंडर पास हो जाने के बाद वे लोग शुरुआत के दो से तीन महीनों के लिए अधिकारियों को भुगतान करते थे. वहीं अधिकारी का विश्वास जीतने के बाद वे लाइसेंस शुल्क में रियायत या छूट की मांग करते थे.

पढ़ें : सोनीपत में NCERT की नकली किताबें जब्त, सीएम फ्लाइंग टीम ने किताबों के गोदाम पर की छापेमारी

जैसे ही उन्हें लगता था कि उन्हें किसी विशेष नगर निगम द्वारा ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है, वह अन्य शहरों या राज्यों में नगर निगमों से संग्रह के साथ उनके बकाया का भुगतान करने का बहाना बना लेते. जिसके चलते किसी भी नगर निगम द्वारा उन पर मामला दर्ज नहीं किया जाता. ऐसे में चंडीगढ़ पुलिस को ईडी ने सौंपी रिपोर्ट में बताया गया कि भोपाल में भी कुछ फर्जी गारंटी का मामला सामने आया था, लेकिन आरोपियों ने वहां पैसे दे दिए.

अब भोपाल पुलिस भी वहां के मामले की जांच कर रही है. ऐसे में अभी तक चंडीगढ़ पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें अनिल कुमार शर्मा, पार्किंग फर्म के निदेशक संजय शर्मा, दिल्ली में कैनरा बैंक की मोरी गेट शाखा के तत्कालीन बैंक अधिकारी रवि चंद्र प्रकाश और अनिल के अकाउंटेंट अजय कुमार सहित 7 लोग शामिल हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.