चंडीगढ़: कोरोना और लॉकडाउन की वजह से इंडस्ट्री को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद अब उद्योग धंधे धीरे धीरे पटरी पर लौट रहे हैं. वही इस सुस्ती से जूझ रही इकॉनमी को सहारा देने के लिए सरकार ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 की घोषणा की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अभियान के तहत 2,65,080 करोड़ रुपये के 12 उपायों की घोषणा की. इस घोषणा से आम आदमी और उद्योगपतियों को कितना लाभ पहुंचेगा, ये जानने के लिए हमने हमने आर्थिक मामलों की जानकार बिमल अंजुम से बातचीत की.
अब स्थिति समान्य होने लगी है- अंजुम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आर्थिक राहत घोषणा पर आर्थिक मामलों के एक्सपर्ट बिमल अंजुम ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान डिमांड कम हो गई थी, लेकिन अब डिमांड पहले की तरह हो चुकी है. कारखाने भी शुरू हो चुके हैं. जिससे बाजार धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आने लगा है. केंद्र सरकार ने इंडस्ट्री के लिए कई राहत पैकेज घोषित किए, जिनसे उद्योगों को भी काफी सहायता मिली है.
वहीं आम लोगों की बात की जाए तो लॉकडाउन के दौरान भी सरकार ने आम लोगों खासकर निम्न मध्य स्तरीय परिवारों को काफी राहत पहुंचाई. इस वक्त तक बाजार लगभग सामान्य स्थिति में आ चुका है. जिस का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि पिछले दो-तीन महीनों की बात की जाए तो पिछले साल के मुकाबले इस साल हरियाणा से ज्यादा जीएसटी प्राप्त हुआ है, बल्कि पूरे देश में जीएसटी ज्यादा ही प्राप्त हुआ है. हरियाणा से इस बार अभी तक 2546 करोड़ रुपये जीएसटी प्राप्त हो चुका है. जो पिछले साल इन दिनों तक करीब 15 सौ करोड़ था.
'चीन बहिष्कार से स्वदेशी कारखानों को मिला फायदा'
बिमल अंजुम ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन को धीरे-धीरे करके टुकड़ों में खोला, जिससे लोग आते गए और उद्योग धंधे शुरू होता गए. लोगों को धीरे-धीरे काम भी मिलता गया. दूसरी ओर लोगों के मन में चीन के प्रति भी विरोध पैदा हुआ है. लोग चीन के उत्पादों का जितना हो सके बहिष्कार कर रहे हैं और स्वदेशी उत्पादों को खरीद रहे हैं. इससे भी देशी इंडस्ट्री को फायदा मिल रहा है. खासकर दिवाली के मौके पर जब भारतीय बाजारों में चाइना का बना सामान ही बिकता था. लेकिन इस बार स्वदेशी सामान, दिये, बर्तन और गिफ्ट आदि बिक रहे हैं यह स्थानीय इंडस्ट्री के लिए अच्छा है.
'जीएसटी को और आसान करने की जरूरत'
अर्थशास्त्री बिमल अंजुम का कहना है कि उद्योग धंधों को पहले की तरह सामान्य करने में सरकार को कुछ और कदम भी उठाने चाहिए. छोटे उद्योगों के लिए सरकार को जीएसटी को आसान करना चाहिए और उन्हें राहत भी देनी चाहिए इसके अलावा कमर्शियल बिजली की दरों को सस्ता किया जाना चाहिए. साथ ही उद्योगपतियों का जो भी जीएसटी रिटर्न बनता है उसे जल्दी वापस किया जाना चाहिए ताकि वह उसे अपने काम में इन्वेस्ट कर सकें.
ये पढ़ें- छोटी सी आशा: पंचकूला की तनिका ने बनाए ऐसे पटाखे जिसमें से धुआं नहीं पेड़ निकलेंगे