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रेवाड़ी में फ्लैट दिलवाने के नाम पर 55 से ज्यादा लोगों से 13 लाख रुपये की ठगी, आरोपी गिरफ्तार - दिल्ली में फ्लैट बुकिंग ठग गिरफ्तार

दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने 13 करोड़ रुपये ठगी के मामले में फरार चल रहे एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने फ्लैट बुकिंग के बहाने 55 लोगों से 13 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की थी.

Economic Offenses Wing Police case
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Published : Mar 21, 2022, 10:19 PM IST

चंडीगढ़/नई दिल्ली: दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने हरियाणा के रेवाड़ी स्थित बावल में फ्लैट्स देने का झांसा देकर 55 से ज्यादा लोगों से 13 करोड़ रुपये ठगी के मामले में फरार चल रहे एक आरोपी को पकड़ने (Police arrested fraud in delhi) में कामयाबी पाई है. इसकी पहचान दिनेश शर्मा के रूप में हुई है. ये हरियाणा के हिसार का रहने वाला है. EOW की जॉइंट कमिश्नर छाया शर्मा के अनुसार, आरोपी EOW पुलिस में दर्ज दो मामलों का फरार चल रहा भगोड़ा है.

डीसीपी ने बताया, आरोपी ने साल 2012 में अपनी कंपनी एशियन डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड, सेक्टर 2, बावल, रेवाड़ी, हरियाणा में फ्लैटों-दुकानों की बुकिंग के लिए विज्ञापन दिया था, जिसमें निवेशकों ने फ्लैट्स और शॉप्स बुक कर नियमित भुगतान भी किया. साल 2014 में प्रोजेक्ट का निर्माण रोक दिया गया और निवेशकों को कोई कब्जा नहीं दिया गया. कथित बिल्डर कंपनी ने बड़े पैमाने पर जनता के सामने प्रोजेक्ट के बारे में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और उन्हें परियोजना में निवेश करने के लिए प्रेरित किया, जबकि भूमि केवल आवंटित कंपनी के कर्मचारियों के लिए आवासीय इकाइयों के निर्माण के उद्देश्य से आवंटित की गई थी.

बिल्डर ने निवेशकों को 27 महीने के भीतर समयबद्ध कब्जे का आश्वासन भी दिया, लेकिन निर्माण रोक दिया गया और उसके बाद से आरोपी का पता नहीं चल पा रहा था. इस मामले में EOW में दो मामले दर्ज किए गए थे. इन मामलों में डीसीपी एम.आई. हैदर के मार्गदर्शन में एसीपी अनिल समोता की निगरानी में इंस्पेक्टर बृज मोहन बहुगुणा, एसआई निखिल सिंह, एएसआई शिव कुमार और हेड कॉन्स्टेबल प्रदीप कुमार की टीम का गठन कर आरोपी की पकड़ के लिए लगाया गया था.

जांच के दौरान कथित कंपनी के खाते का विश्लेषण किया गया और पता चला कि निवेशकों की गाढ़ी कमाई को अलग-अलग खातों में डायवर्ट किया गया. आगे यह भी पता चला है कि जिस भूमि पर विचाराधीन परियोजना का निर्माण किया जा रहा था, उसका आवंटन उनके श्रमिकों के लिए आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए HSIIDC के पक्ष में किया गया था. आरोपी ने आवासीय इकाइयों की पेशकश के बहाने तथ्यों की गलत बयानी के माध्यम से जनता से बड़े पैमाने पर धन एकत्र किया और अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए पैसों की हेराफेरी की. न तो उसके द्वारा वादा किया गया प्रस्ताव पूरा हुआ और न ही निवेशकों से लिया गया पैसा वापस किया गया.

ये भी पढ़ें- शर्मसार इंसानियत! मांं ने ही करवाया 11 साल की मासूम का रेप, पूछताछ में चौकाने वाला खुलासा

इन मामलों में आरोपी जांच से बच कर लगातार फरार चल रहा था, साथ ही वो बार बार अपना ठिकाना भी बदल रहा था. जिसके बाद जांच में जुटी पुलिस ने उसके खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट इश्यू करवाया और कोर्ट द्वारा उसे भगौड़ा भी घोषित किया गया. पुलिस टीम ने उसे अबू धाबी भागने की कोशिश के दौरान दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया. इस मामले में आगे की जांच जारी है.

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चंडीगढ़/नई दिल्ली: दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने हरियाणा के रेवाड़ी स्थित बावल में फ्लैट्स देने का झांसा देकर 55 से ज्यादा लोगों से 13 करोड़ रुपये ठगी के मामले में फरार चल रहे एक आरोपी को पकड़ने (Police arrested fraud in delhi) में कामयाबी पाई है. इसकी पहचान दिनेश शर्मा के रूप में हुई है. ये हरियाणा के हिसार का रहने वाला है. EOW की जॉइंट कमिश्नर छाया शर्मा के अनुसार, आरोपी EOW पुलिस में दर्ज दो मामलों का फरार चल रहा भगोड़ा है.

डीसीपी ने बताया, आरोपी ने साल 2012 में अपनी कंपनी एशियन डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड, सेक्टर 2, बावल, रेवाड़ी, हरियाणा में फ्लैटों-दुकानों की बुकिंग के लिए विज्ञापन दिया था, जिसमें निवेशकों ने फ्लैट्स और शॉप्स बुक कर नियमित भुगतान भी किया. साल 2014 में प्रोजेक्ट का निर्माण रोक दिया गया और निवेशकों को कोई कब्जा नहीं दिया गया. कथित बिल्डर कंपनी ने बड़े पैमाने पर जनता के सामने प्रोजेक्ट के बारे में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और उन्हें परियोजना में निवेश करने के लिए प्रेरित किया, जबकि भूमि केवल आवंटित कंपनी के कर्मचारियों के लिए आवासीय इकाइयों के निर्माण के उद्देश्य से आवंटित की गई थी.

बिल्डर ने निवेशकों को 27 महीने के भीतर समयबद्ध कब्जे का आश्वासन भी दिया, लेकिन निर्माण रोक दिया गया और उसके बाद से आरोपी का पता नहीं चल पा रहा था. इस मामले में EOW में दो मामले दर्ज किए गए थे. इन मामलों में डीसीपी एम.आई. हैदर के मार्गदर्शन में एसीपी अनिल समोता की निगरानी में इंस्पेक्टर बृज मोहन बहुगुणा, एसआई निखिल सिंह, एएसआई शिव कुमार और हेड कॉन्स्टेबल प्रदीप कुमार की टीम का गठन कर आरोपी की पकड़ के लिए लगाया गया था.

जांच के दौरान कथित कंपनी के खाते का विश्लेषण किया गया और पता चला कि निवेशकों की गाढ़ी कमाई को अलग-अलग खातों में डायवर्ट किया गया. आगे यह भी पता चला है कि जिस भूमि पर विचाराधीन परियोजना का निर्माण किया जा रहा था, उसका आवंटन उनके श्रमिकों के लिए आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए HSIIDC के पक्ष में किया गया था. आरोपी ने आवासीय इकाइयों की पेशकश के बहाने तथ्यों की गलत बयानी के माध्यम से जनता से बड़े पैमाने पर धन एकत्र किया और अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए पैसों की हेराफेरी की. न तो उसके द्वारा वादा किया गया प्रस्ताव पूरा हुआ और न ही निवेशकों से लिया गया पैसा वापस किया गया.

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इन मामलों में आरोपी जांच से बच कर लगातार फरार चल रहा था, साथ ही वो बार बार अपना ठिकाना भी बदल रहा था. जिसके बाद जांच में जुटी पुलिस ने उसके खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट इश्यू करवाया और कोर्ट द्वारा उसे भगौड़ा भी घोषित किया गया. पुलिस टीम ने उसे अबू धाबी भागने की कोशिश के दौरान दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया. इस मामले में आगे की जांच जारी है.

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