चंडीगढ़: प्रदेश में खाद की कमी (haryana shortage of fertilizer) को लेकर जगह-जगह किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कों पर जाम लगा रहे हैं. राज्य के कई जिलों से ऐसी तस्वीरें सामने आई है. कई जगह खाद के लिए किसान लंबी-लंबी लाइनों में लगे हुए हैं, लेकिन खाद नहीं मिल रहा. वहीं इस मामले पर सोमवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (dushyant chautala) ने प्रेसवार्ता करके सफाई दी. उन्होंने कहा कि हरियाणा में पहली बार ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि सरसों की बुवाई जहां है वहां पर प्राथमिकता के आधार पर खाद भेजी जा रही है. पहले सरसों की बिजाई के लिए 8 जिलों में पर्याप्त खाद उपलब्ध करवाई गई है. अब डिमांड के मुताबिक गेहूं की बिजाई के लिए भी खाद उपलब्ध करवाई जा रही है, और 2 से 4 दिनों में डीएपी, यूरिया की डिमांड पूरी कर देंगे. उन्होंने कहा कि इस बार किसानों ने सरसों की बुवाई पहले ही कर दी है जिस वजह से किसानों द्वारा जल्दी सारा खाद उठा लिया गया.
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि धीरे-धीरे अब गेहूं के लिए भी डीएपी की डिमांड आ रही है. केंद्र सरकार को जो समय हमने लिखकर दिया था हमें उस समय पर ही खाद मिल रही है. केंद्र को पूरे देश में सप्लाई करनी होती है तो समय लग जाता है, लेकिन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है जल्द खाद की डिमांड पूरी कर दी जाएगी.
इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने फसल खरीद को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में धान की खरीद यानी खरीफ की फसल की खरीदारी मंडियों में लगातार जारी है. किसान लगातार मंडी में अपनी फसल को बेचने के लिए आ रहे हैं और सरकार ने भी मंडियों में व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई तरह के प्रयास किए हैं. पिछले साल के मुकाबले इस बार 2 नवंबर तक धान की खरीद ज्यादा हुई है.
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इस बार 15 नवंबर तक धान की फसल के एक-एक दाने की खरीद करके किसानों को उसका भुगतान करने का लक्ष्य सरकार ने रखा गया है. उपमुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक सरकार ने 8,900 करोड़ रुपये का किसानों के खाते में सीधा भुगतान किया है. वहीं भावांतर भरपाई के तहत बाजरा फसल के किसानों के खाते में करीब 394 करोड़ रुपये अभी तक ट्रांसफर हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि किसान भाइयों का जल्द से जल्द भुगतान हो ताकि समय पर अगली फसल की बिजाई हो सके और हमारी कृषि व्यवस्था पर इसका कोई असर ना पड़े.
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