चंडीगढ़: हरियाणा के उपमुख्यंत्री दुष्यंत चौटाला गुरुवार को चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि इस बार राज्य सरकार द्वारा किसानों की खरीफ-2020 की फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेहतर तरीके से की गई है. वहीं दूसरे राज्यों से अवैध रूप से लाकर बेची जाने वाली धान की फसल पर रोक लगाई गई है. उन्होंने पंजीकृत फसलों को बेचने वाले किसानों को अपने डाटा अपडेट करने का आह्वान किया. ताकि उनकी पेमेंट उनके बैंक खाते में स्थानांतरित की जा सके.
'अब तक 55 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा हुई धान की खरीद'
डिप्टी सीएम ने बताया कि इस बार खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग ने किसानों की धान की खरीद बहुत ही अच्छे तरीके से की है. पहली बार सरकार ने अनाज मंडी या खरीद केंद्र से लेकर गोदाम एवं मिलों तक धान की ढुलाई की स्वयं व्यवस्था की है. जिसके चलते फसल का उठान समय पर हो रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य में करीब 200 अनाज मंडी/खरीद केंद्रों से 18 नवंबर 2020 तक सरकार ने 55 लाख 7 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की है. जिसमें से 53 लाख 65 हजार मीट्रिक टन गोदाम एवं मीलों तक पहुंचा दिया गया है. हरियाणा के अधिकतर पंजीकृत किसानों की धान खरीद ली गई है.
'कम धान आई तो बंद कर दी जाएगी मंडियों में धान की खरीद'
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने दूसरे राज्यों के उन किसानों की धान की फसल की एक नवंबर 2020 से खरीद शुरू की थी. जिन्होंने ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाया था. उन्होंने बताया कि 18 नवंबर 2020 को पड़ोसी राज्यों की 26 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की गई. अगर अगले एक-दो दिन तक लगभग 25 हजार मीट्रिक टन से कम धान मंडियों में आई, तो 21-22 नवंबर को खरीद बंद कर दी जाएगी.
'अवैध तरीके से हरियाणा में फसल बेचने पर लगी रोक'
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष राज्य में 8.50 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद कम हुई है. उन्होंने धान की कम खरीद होने के कारणों की जानकारी देते हुए बताया कि इस बार जहां काफी किसानों ने फसल विविधिकरण के तहत धान की जगह अन्य फसलों की बुआई की है. वहीं अन्य राज्यों से अवैध तरीके से लाकर बेची जाने वाली धान पर रोक लगी है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी गई बाजरा, मूंग मक्का और मूंगफली
उन्होंने बताया कि बाजरा, मूंग, मक्का व मूंगफली की भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गई. पिछले वर्ष जहां बाजरा की खरीद 3 लाख एक हजार मीट्रिक टन हुई थी. वहीं इस वर्ष कल 18 नवंबर 2020 तक करीब 135 मंडियों में 7 लाख 2 हजार मीट्रिक टन की खरीद हुई है. दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जिन किसानों ने अपने बाजरे की फसल को बाद में रजिस्टर्ड किया है. उनकी वैरिफिकेशन चल रही है. जिसके कारण रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ जिले में अभी भी बाजरा की खरीद जारी है. इसी प्रकार, इस बार 23 मंडियों के माध्यम से 1099 मीट्रिक टन मूंग की, 19 मंडियों के माध्यम से 4016 मीट्रिक टन मक्का की और 8 मंडियों के माध्यम से 691 मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद की गई.
'90 फीसदी किसानों की पेमेंट कर दी गई अदा'
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि वर्तमान सरकार ने खरीफ-2020 के दौरान 5 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कुल 11813 करोड़ रुपये कीमत की फसलों की खरीद की. जिनमें से करीब 90 फीसदी किसानों की पेमेंट अदा कर दी है. उन्होंने बताया कि कुछ किसानों की पेमेंट उनका डाटा-मिलान न होने के कारण रूकी हुई है. कॉल-सेंटर के माध्यम से उनके डाटा को अपडेट किया जा रहा है. ताकि उनकी फसल की अदायगी की जा सके. उन्होंने मिस-मैच डाटा वाले किसानों से भी आह्वन किया है कि वे अपने नजदीकी मार्केट कमेटी के सचिव के पास जाकर डाटा को अपडेट करवा लें. ताकि उनकी फसल की पेमेंट उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जा सके.
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दो-तीन दिन पहले आई बारिश से भिवानी व हिसार जिलों में हुए नुकसान की रिपोर्ट देने के लिए वहां के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं. रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी.
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