चंडीगढ़: उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि जीएसटी लागू होने की पांच वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद भी कंपन्सेशन-सैस (क्षतिपूर्ति राशि) को आगे भी जारी रखा जाए. उपमुख्यमंत्री ने ये भी मांग की है कि जो करीब 20,000 करोड़ रुपए की राशि इस समय कंपन्सेशन-फंड में पड़ी हुई है, उसे भी तुरंत राज्यों को दिया जाए.
उपमुख्यमंत्री सोमवार को चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र सरकार की 42वीं जीएसटी परिषद की बैठक में हिस्सा ले रहे थे. नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण व राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों, मंत्रियों व कई वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में कुल 14 एजेंडे रखे गए.
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जो जीएसटी परिषद की चेयरपर्सन भी हैं, से कहा कि हरियाणा का जीएसटी का इस वर्ष का काफी कंपन्सेशन बकाया है, इस धनराशि को भी जल्द से जल्द देने के उपाय किए जाएं. इस विषय में और अधिक चर्चा करने के लिए सीतारमण ने राज्यों को कंपन्सेशन-फंड देने के लिए आगामी 12 अक्तूबर को पुन: बैठक आमंत्रित करने की बात भी कही.
ये भी पढ़ें- क्यों छोटा होता चला गया राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा का कार्यक्रम? जानिए मुख्य कारण
दुष्यंत चौटाला ने परिषद की चेयरपर्सन से ये भी अनुरोध किया कि अभी केंद्र सरकार ने जीएसटी कंपन्सेशन-सैस को पांच की अवधि के बाद 3 या 5 वर्ष की अवधि निर्धारित करके भविष्य में भी चालू रखने की मांग की है. इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान चंडीगढ़ में उपमुख्यमंत्री के साथ हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी, आयुक्त शेखर विद्यार्थी व संयुक्त आयुक्त राजीव चौधरी भी उपस्थित थे.