चंडीगढ़: अमूमन हमें देखने को मिलता है कि आंधी, तूफान, बारिश, चक्रवात या सर्द-गर्म की भविष्यवाणी मौसम विभाग द्वारा जारी की जाती है. मौसम में होने वाले बदलाव को लेकर मौसम विभाग हमें पहले ही इस बारे में चेतावनी दे देता है और हम मौसम के बदलाव के बारे में सचेत होकर अपने कार्यक्रमों में बदलाव व तैयारियां करने में जुट जाते हैं. ऐसे में लोगों को मौसम के बारे में जानकारी देने के लिए मौसम विज्ञान दिवस भी मनाया जाता है. हाल ही में 23 मार्च को अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान दिवस मनाया गया है. आखिर मौसम विज्ञान का जानना इतना जरूरी क्यों है और ये कैसे काम (how to get weather information) करता है ? इसे लेकर ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) से बात की.
ईटीवी भारत से बात करते हुए चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक (Chandigarh Meteorological Department) डॉ. मनमोहन सिंह ने बताया कि यह मौसम विज्ञान में प्रयोग होने वाले उपकरणों को से मौसम में होने वाले बदलावों पर नजर रखी जाती है और भविष्यवाणी भी की जाती है. उन्होंने बताया कि मौसम विज्ञान दिवस मनाने का यही मकसद है कि लोगों को मौसम विज्ञान के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जा सके ताकि लोग समझ सके कि मौसम विज्ञान किस तरह से काम करता है. उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान का हर क्षेत्र में बेहद महत्व है आम जनजीवन भी इससे अछूता नहीं है.
क्यों जरूरी है मौसम विज्ञान- उदाहरण के लिए दुनिया भर में कितनी आपदाएं आती हैं, उनमें से 90 फीसदी आपदाएं मौसम की वजह से आती हैं. जैसे कहीं पर सुनामी आना चक्रवात आना, बाढ़ आना, तूफान आना, भीषण गर्मी होना, बारिश आना, बर्फ गिरना इत्यादि. इन सभी आपदाओं में जान-माल के नुकसान को कम करने के लिए मौसम विभाग बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मौसम विज्ञान की मदद से हम इन आपदाओं की भविष्यवाणी करने में सक्षम है. जिससे इन प्राकृतिक आपदाओं के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. जब किसी आपदा के आने का हमें पहले से ही अंदाजा रहेगा तब हम उससे निपटने के लिए समय रहते पर आप तैयारी भी कर पाएंगे.
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मौसम पर नजर रखना पेचीदा काम- डॉ. मनमोहन सिंह ने बताया कि मौसम पर नजर रखना बेहद पेचीदा और तकनीकी काम है. क्योंकि मौसम थोड़ी-थोड़ी देर बाद बदलता रहता है. जैसे एक वक्त में हवा अगर पूरब दिशा की ओर से आ रही हो, तो वह थोड़ी देर में उत्तर की तरफ पलट जाती है. इसी तरह तापमान भी कम ज्यादा होता रहता है. इसीलिए मौसम के सही आंकड़ों को जानने के लिए लगातार और बेहद ध्यान से काम करना पड़ता है. मौसम की भविष्यवाणी और उसके सही आंकड़ों के लिए दुनिया भर में जो आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं, उनका एक समान होना बेहद जरूरी है. इसलिए मौसम विज्ञान के नियमों के अनुसार दुनिया भर में मौसम के पूर्वानुमान को लेकर जो भी उपकरण और पैमाने इस्तेमाल किए जाते हैं, वह एक समान होते हैं.
सभी उपकरण और पैमाने एक समान- बारिश को मापने के लिए जिन उपकरणों और बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. वह दुनिया भर में एक जैसे होते हैं ताकि सभी देश बारिश की मात्रा के सही-सही आंकड़े दे सकें. डॉ मनमोहन सिंह ने बताया कि मौसम विज्ञान में अब बहुत सी नई तकनीक है आ गई हैं. कई अत्याधुनिक मशीनों और उपग्रह के जरिए मौसम पर नजर रखी जाती है, लेकिन अभी भी दुनिया भर के हर एक मौसम विज्ञान केंद्र में सालों से चले आ रहे पुराने उपकरणों को इस्तेमाल किया जाता है. जैसे तापमान को मापने के लिए मशीनें मौजूद है, लेकिन फिर भी मशीनों के साथ-साथ पारे वाले थर्मामीटरों का इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि उनके आंकड़े मशीनों से भी ज्यादा सटीक होते हैं. महीनों से वेडिंग लेने के बावजूद भी इन थर्मामीटरों से रेडिंग ली जाती है.
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