चंडीगढ़: देश में डबल म्युटेंट कोरोना के वेरिएंट B.1.167 को पहली बार साल 2020 अक्टूबर में डिटेक्ट किया गया था, चिंता की बात ये है कि ये वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहा है. लगातार बदलते स्वरूप के कारण वायरस और ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है.
हाल ही में चंडीगढ़ पीजीआई से दिल्ली की एनसीडीसी (National Centre for Disease Control) लैबोरेट्री में सैंपल भेजे गए थे. जिनमें 22% सैंपल में वायरस का नया म्युटेंट पाया गया है. इनमें से 5 सैंपल में म्यूटेशन L452R और E484Q वेरियंट मिला है. चंडीगढ़ पीजीआई निदेशक के मुताबिक ये नया वेरियंट तेजी से फैलेगा.
ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगत राम ने बताया कि चंडीगढ़ पीजीआई से पहले भी दिल्ली सैंपल भेजे गए थे. जिनमें यूके स्ट्रेन पाया गया था, और इस बार भेजे गए सैंपल में डबल म्युटेंट वायरस पाया गया है. ये वायरस तेजी से फैलता है और लोगों को ज्यादा संक्रमित करता है. पहले कोरोना वायरस सिर्फ बुजुर्गों और उन लोगों को अपने निशाना बनाता था जिन्हें गंभीर बीमारियां हो, लेकिन नया वायरस कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रहा है.
ज्यादा खतरनाक है कोरोना का नया वेरिएंट
बहुत से मामलों में छोटे बच्चों में भी संक्रमण पाया गया है. ये वायरस तेजी के साथ फेफड़ों को संक्रमित करता है. चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए नया वायरस काफी हद तक जिम्मेदार है, क्योंकि इसकी संक्रमण दर ज्यादा है. इसके अलावा लोगों की लापरवाही भी काफी रही है. मास्क नहीं पहनने और सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं करने से ये वायरस ज्यादा तेजी से फैल रहा है. यही वजह है कि मौत के आंकड़े भी बढ़े हैं.
जब उनसे पूछा गया कि वैक्सीन इस वेरिएंट पर कितनी प्रभावशाली है तो उन्होंने कहा कि वैक्सीन हर वेरिएंट पर प्रभावशाली है, लेकिन जिस तरह से वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है, ऐसे में वैक्सीन के प्रभाव को लेकर और ज्यादा स्टडी करने की जरूरत है. हालांकि वैक्सीन फिलहाल सभी वेरिएंट के लिए कारगर है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से वायरस अपने आप को बदल रहा है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि अगर लोगों ने लापरवाही बरती तो तीसरी लहर भी आ सकती है. इसलिए लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी.