चंडीगढ़: 7वां वेतन आयोग और सेवा नियम लागू करने को लेकर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMCH-32) में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने (RDA) 4 सितंबर से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है. रोजाना हरियाणा और पंजाब के सैंकड़ो मरीज चंडीगढ़ PGI से पहले सेक्टर 32 में लाये जाते हैं. ऐसे में इस हड़ताल के चलते मरीजों को परेशनी झेलनी पड़ सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि हड़ताल के चलते ओपीडी और अन्य सुविधाओं को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
जानकारी के मुताबिक, GMCH नर्स वेलफेयर एसोसिएशन और टीचर यूनियन की ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ओर से चंडीगढ़ सलाहकार धर्मपाल को भी ज्ञापन सौंपा गया था, जिसके चलते जीएमसीएच-32 के डॉक्टरों और नर्सों ने वीरवार को ड्यूटी के दौरान बाजू पर काले बिल्ले लगाकर इसका विरोध जताया था. जीएमसीएच नर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान राजेश चौधरी ने बताया कि पे-स्केल और केंद्रीय सेवा नियम लागू करने को लेकर यूटी प्रशासक के सलाहकार को पत्र भेजा गया है.
पत्र में संबंधित विभागों को केंद्र के वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने की मांग रखी गई. उन्होंने कहा कि इसकी अधिसूचना एक साल चार महीने पहले हो चुकी है. लेकिन अभी तक कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. प्रशासनिक और अस्पताल प्रबंधन के स्तर पर मामले में कोई कदम नहीं उठाया गया है. इसके साथ ही ज्वाइंट एक्शन कमेटी ऑफ टीचर्स ने भी सलाहकार को पत्र लिखकर केंद्रीय सेवा नियम को तुरंत लागू करने की मांग रखी थी.
GMCH-32 के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की सिफारिश को सेंट्रल वेतन आयोग ने अभी तक नहीं माना है. जिसकी वजह से RDA को हड़ताल करने का ऐलान करना पड़ा. चंडीगढ़ के विभिन्न संगठनों ने इस संबंध में यूटी प्रशासन को कई बार लिखित तौर पर अवगत कराया है, लेकिन उनकी मांगों को अभी भी नहीं माना जा रहा है. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर डॉक्टर पिछले कई महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि अन्य राज्यों की तुलना में उन्हें बहुत कम वेतन दिया जा रहा है. उन्होंने हॉस्टल और मेस फीस को भी माफ करने की मांग की है.