चंडीगढ़ : दिवाली को अगर देश का सबसे बड़ा त्यौहार कहेंगे तो गलत नहीं होगा. शायद ही कोई ऐसा हो जो दिवाली नहीं मनाना चाहता हो. इस दिन हर कोई घर में रहकर अपने परिजनों और बच्चों के साथ दिवाली मनाना चाहता है. ख़ासतौर पर इस दिन लक्ष्मी पूजा का ख़ास महत्व होता है. हिंदू धर्म का हर शख्स इस पूजा को करना चाहता है क्योंकि मां लक्ष्मी को धन-धान्य की देवी माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि सदैव बनी रहती है और आपकी रसोई के भंडार भरे रहते हैं.
दिवाली शाम आप नहीं हैं घर में ? : लेकिन अगर क्या हो कि आपकी जॉब ऐसी हो कि दिवाली की शाम को आपको छुट्टी ना मिली हो या फिर हो सकता है कि दिवाली की शाम को आप कहीं ट्रैवल में हो या फिर किन्हीं कारणों से आप घर पर मौजूद नहीं रह पा रहे. अब ऐसे में आपको अफसोस हो रहा होगा कि क्यों आप दिवाली की शाम को घर पर नहीं है और काश दिवाली शाम घर पर होते तो शायद मां लक्ष्मी की पूजा कर पाते. अगर आपके दिल में ऐसा ही कुछ चल रहा है तो आप बिलकुल अफसोस मत मनाइए क्योंकि अभी तो मां लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त पूरा बाकी है.
निशीथ काल मुहूर्त में भी पूजा : आपको बिलकुल भी दिल मसोसने की जरूरत नहीं हैं. हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे दिवाली की लेट नाइट भी आप माता लक्ष्मी की मुहूर्त में पूजा कर मां लक्ष्मी की कृपा पा सकते हैं. दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त निशीथ काल में भी मिलने वाला है. निशीथ काल मुहूर्त को भी महालक्ष्मी पूजा के लिए अच्छा माना जाता है. निशीथ काल का मुहूर्त 12 नवंबर को रात 11.39 बजे से देर रात 12.32 बजे तक रहने वाला है.
मां लक्ष्मी के साथ श्री गणेश की भी करें पूजा : दिवाली पर सिर्फ मां लक्ष्मी की पूजा ना कर उनके साथ भगवान श्री गणेश की भी पूजा जरूर करनी चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सिर्फ मां लक्ष्मी की पूजा करने पर पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है क्योंकि गणेश जी माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र कहे जाते हैं और जहां गणेश जी की पूजा होगी, वहां पर मां लक्ष्मी स्थाई रूप से विराजमान भी होंगी. साथ ही दिवाली पर गणेश जी की पूजा करने से हर तरह की बाधा दूर हो जाती है. इसके अलावा धन के देवता कुबेर की भी जरूर पूजा करें. साथ ही पूजा घर और मुख्य दरवाजे पर स्वास्तिक का होना भी शुभ माना जाता है.
कैसे करें पूजा ? : मां लक्ष्मी की पूजा आपको गुलाबी या सफेद वस्त्र पहनकर करनी चाहिए. मां लक्ष्मी की उस तस्वीर की पूजा करनी चाहिए जिसमें माता गुलाबी कमल के पुष्प पर विराजमान हों और उनके हाथों से धन वर्षा हो रही हो. मां लक्ष्मी को गुलाबी फूल ख़ासतौर पर कमल चढ़ाना सबसे अच्छा होता है. मां लक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का जाप करें. ऐसा करने से आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहेगी. दिवाली पर ईशान कोण में एक चौकी रखकर उस पर गुलाबी या लाल कपड़ा बिछाएं . गणेश जी को वहां रखें. फिर उनके दाहिने तरफ लक्ष्मी जी को रखें. इसके बाद आसन पर आप बैठकर आसन के चारों तरफ जल छिड़क लें. फिर संकल्प लेकर पूजा की शुरुआत करें. इस दौरान घी का दीपक जरूर जलाएं और भगवान को फूल और मिठाइयां जरूर चढ़ाएं. भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी के मंत्र का जाप हो जाने के बाद आरती करें. भगवान श्रीगणेश और मां महालक्ष्मी की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी.
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