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Diwali 2023: दिवाली पर रखें सेहत का ध्यान, पटाखे जलाते समय जलने पर सबसे पहले करें ये काम

Diwali 2023 दिवाली का इंतजार कई लोगों को बेसब्री से रहता है. लेकिन, दिवाली खुशियां कहीं शारीरिक समस्या या बीमारी के कारण परेशानी में ना बदल जाए इसलिए दिवाली सावधानी के साथ त्योहार मनाने की जरूरत है. विशेष रूप से डायबिटीज और अस्थमा के मरीजों को दिवाली के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. वहीं, दिवाली में पटाखे जलाने के दौरान अगर हाथ जल तो किस तरीके से उपचार करें इसको लेकर ईटीवी भारत ने पीजीआई में प्लास्टिक सर्जन डॉ. सुनील गाबा खास बातचीत की.

health precautions in diwali
दिवाली पर रखें सेहत का ध्यान
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 10, 2023, 2:14 PM IST

Updated : Nov 12, 2023, 6:10 AM IST

दिवाली पर कैसे रखें सेहत का ध्यान

चंडीगढ़: दिवाली के त्योहार के दिन जहां हर तरफ खुशी का माहौल देखा जाता है. वहीं, अनदेखी के चलते कई लोगों को चोटें लग जाती है, हाथ पैर जल जाते हैं. कई बार हादसे भयानक रूप भी ले लेते हैं. जिसमें शरीर जल जाना, हाथ जल जाना, आंखों को चोट पहुंचाना आदि जैसी चोटें शामिल है. यही वजह है कि परिवार के सदस्य लगातार छोटे बच्चों और युवाओं को पटाखों से दूर रहने के लिए कहते हैं. दिवाली को लेकर चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिवाली को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई है. आखिर दिवाली कैसे मनाएं ताकि सेहत पर इसका अधिक असर न पड़े. इसको लेकर ईटीवी भारत ने पीजीआई के प्लास्टिक सर्जन डॉ. सुनील गाबा खास बातचीत की. आइए जानते हैं दिवाली के पटाखों से होने वाले हादसों से कैसे बचा जाए और किन सावधानियों का ध्यान रखा जाए.

दिवाली 2023 सेहत वाली: डॉ. सुनील गाबा के अनुसार, जैसे ही दिवाली शुरू होती है, आमतौर पर सभी अस्पतालों में पटाखों के कारण जलने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने लग जाती है. ऐसे में इस तरह के मरीज को कुछ प्राथमिक उपचार के बारे में जानकारी होनी जरूरी है. ताकि वे किसी भी व्यक्ति को मौके पर कुछ राहत पहुंचा पाएं.

जलने पर क्या करें?: डॉक्टर के अनुसार, जलने या चोट लगने पर प्राथमिक उपचार को लेकर आम लोगों में कई तरह की गलत जानकारी फैली हुई है. आमतौर पर देखा जाता है कि जब भी किसी व्यक्ति को आग से या पटाखों से किसी भी तरह की चोट आती है तो जलने वाली जगह पर सबसे पहले टूथ पेस्ट को लगा देते हैं. जलने पर भूलकर भी पेस्ट न लगाएं यह जले हुए जख्म के लिए हानिकारक है. क्योंकि पेस्ट जख्म को और बढ़ा देता है. दूसरी ओर लोग आमतौर पर जले हुए जख्म पर तेल या कोई क्रीम लगा देते हैं. ऐसा भी नहीं करना चाहिए. डॉक्टर के मुताबिक तेल या क्रीम जख्म के अंदर तक चली जाती है और उसे और गहरा कर देती है.

जलन की तीन श्रेणियां: प्लास्टिक सर्जन विशेषज्ञ के अनुसार, पटाखों से जलने और आग से जलने की तीन स्तर होते हैं. पहली श्रेणी की जलन, लालपन, बिना छाले वाली त्वचा होती है. दूसरे श्रेणी की जलन पानी वाले छाले और त्वचा का कुछ मोटा होना होता है. वहीं, तीसरी श्रेणी की जलन जिसमें सफेद चमड़ी जैसी स्थिति के साथ व्यापक मोटाई होना होता है. ऐसे में पहले स्तर पर त्वचा में हल्का सा लालपन आता है, जिसे नल के पानी के नीचे रखने से ठीक किया जा सकता है. वहीं, दूसरे स्तर जले हुए हिस्से को नल से निकलने वाले पानी में 5 मिनट रखने के बाद उस जख्म को सूखे सूती कपड़े के साथ हल्का हल्का साफ करें. कोशिश रहे कि पूरे जख्म से पानी सूख जाए. यदि व्यक्ति को जला हुआ हिस्सा बड़े सतह पर होता है तो व्यक्ति को ऐसी स्थिति में सूखे सूती कपड़े से लपेट कर इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचाएं. ऐसे में प्लास्टिक सर्जन की भूमिका अहम रहती है. वहीं, तीसरी श्रेणी में व्यक्ति सीधा इमरजेंसी में ही रखा जाता है.

शोर और धुएं से होने वाली समस्या में ऐसे रखें ख्याल: ENT स्पेशलिस्ट के मुताबिक जिन लोगों को पटाखों के शोर से दिक्कत होती है, वह दिवाली के दिन घर के अंदर ही रहें. ताकि उनके कानों को नुकसान होने से बच सके. इसके साथ ही ऐसी जगह पर जाने से भी परहेज करें, जहां पर पटाखों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. दरअसल कई शहरों में दिवाली के पहले से ही लोगों को वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में इन दिनों जलाए जाने वाले पटाखे एक हानिकारक ही नहीं बल्कि सांस की बीमारी वालों के लिए जानलेवा भी हो सकते हैं. हालांकि शासन की ओर से लगातार लोगों से पटाखे न जलाने की अपील की जा रही है. अगर परिवार में कोई पटाखे का इस्तेमाल कर रहा है तो सिर्फ छोटे पटाखे का ही इस्तेमाल करें. इसके अलावा वे मास्क आदि पहन कर भी बाहर जाएं.

आंखों को होने वाले नुकसान: डॉक्टर दिवाली के त्योहार में सबसे अधिक मरीज आंखों की चोट से संबंधित आते हैं. ऐसी स्थिति में प्राथमिक तौर पर जिन लोगों को पटाखे जलाने का शौक है. वह अपनी आंखों पर चश्मा लगाकर पटाखे जलाएं. इसके अलावा अगर किसी की आंख में कोई चिंगारी चली गई है तो वह सबसे पहले सामान्य पानी के छींटे लगता रहें. क्योंकि आंख एक सबसे नाजुक शरीर का अंग होती है तो ऐसी स्थिति में किसी भी व्यक्ति को आंख में चोट पहुंचती है वह सीधा आई स्पेशलिस्ट के पास अपनी आंखों को दिखाएं. ताकि समय रहते उनकी रोशनी व अन्य तरह की जख्मों को ठीक किया जा सके.

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दिवाली पर कैसे रखें सेहत का ध्यान

चंडीगढ़: दिवाली के त्योहार के दिन जहां हर तरफ खुशी का माहौल देखा जाता है. वहीं, अनदेखी के चलते कई लोगों को चोटें लग जाती है, हाथ पैर जल जाते हैं. कई बार हादसे भयानक रूप भी ले लेते हैं. जिसमें शरीर जल जाना, हाथ जल जाना, आंखों को चोट पहुंचाना आदि जैसी चोटें शामिल है. यही वजह है कि परिवार के सदस्य लगातार छोटे बच्चों और युवाओं को पटाखों से दूर रहने के लिए कहते हैं. दिवाली को लेकर चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिवाली को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई है. आखिर दिवाली कैसे मनाएं ताकि सेहत पर इसका अधिक असर न पड़े. इसको लेकर ईटीवी भारत ने पीजीआई के प्लास्टिक सर्जन डॉ. सुनील गाबा खास बातचीत की. आइए जानते हैं दिवाली के पटाखों से होने वाले हादसों से कैसे बचा जाए और किन सावधानियों का ध्यान रखा जाए.

दिवाली 2023 सेहत वाली: डॉ. सुनील गाबा के अनुसार, जैसे ही दिवाली शुरू होती है, आमतौर पर सभी अस्पतालों में पटाखों के कारण जलने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने लग जाती है. ऐसे में इस तरह के मरीज को कुछ प्राथमिक उपचार के बारे में जानकारी होनी जरूरी है. ताकि वे किसी भी व्यक्ति को मौके पर कुछ राहत पहुंचा पाएं.

जलने पर क्या करें?: डॉक्टर के अनुसार, जलने या चोट लगने पर प्राथमिक उपचार को लेकर आम लोगों में कई तरह की गलत जानकारी फैली हुई है. आमतौर पर देखा जाता है कि जब भी किसी व्यक्ति को आग से या पटाखों से किसी भी तरह की चोट आती है तो जलने वाली जगह पर सबसे पहले टूथ पेस्ट को लगा देते हैं. जलने पर भूलकर भी पेस्ट न लगाएं यह जले हुए जख्म के लिए हानिकारक है. क्योंकि पेस्ट जख्म को और बढ़ा देता है. दूसरी ओर लोग आमतौर पर जले हुए जख्म पर तेल या कोई क्रीम लगा देते हैं. ऐसा भी नहीं करना चाहिए. डॉक्टर के मुताबिक तेल या क्रीम जख्म के अंदर तक चली जाती है और उसे और गहरा कर देती है.

जलन की तीन श्रेणियां: प्लास्टिक सर्जन विशेषज्ञ के अनुसार, पटाखों से जलने और आग से जलने की तीन स्तर होते हैं. पहली श्रेणी की जलन, लालपन, बिना छाले वाली त्वचा होती है. दूसरे श्रेणी की जलन पानी वाले छाले और त्वचा का कुछ मोटा होना होता है. वहीं, तीसरी श्रेणी की जलन जिसमें सफेद चमड़ी जैसी स्थिति के साथ व्यापक मोटाई होना होता है. ऐसे में पहले स्तर पर त्वचा में हल्का सा लालपन आता है, जिसे नल के पानी के नीचे रखने से ठीक किया जा सकता है. वहीं, दूसरे स्तर जले हुए हिस्से को नल से निकलने वाले पानी में 5 मिनट रखने के बाद उस जख्म को सूखे सूती कपड़े के साथ हल्का हल्का साफ करें. कोशिश रहे कि पूरे जख्म से पानी सूख जाए. यदि व्यक्ति को जला हुआ हिस्सा बड़े सतह पर होता है तो व्यक्ति को ऐसी स्थिति में सूखे सूती कपड़े से लपेट कर इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचाएं. ऐसे में प्लास्टिक सर्जन की भूमिका अहम रहती है. वहीं, तीसरी श्रेणी में व्यक्ति सीधा इमरजेंसी में ही रखा जाता है.

शोर और धुएं से होने वाली समस्या में ऐसे रखें ख्याल: ENT स्पेशलिस्ट के मुताबिक जिन लोगों को पटाखों के शोर से दिक्कत होती है, वह दिवाली के दिन घर के अंदर ही रहें. ताकि उनके कानों को नुकसान होने से बच सके. इसके साथ ही ऐसी जगह पर जाने से भी परहेज करें, जहां पर पटाखों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है. दरअसल कई शहरों में दिवाली के पहले से ही लोगों को वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में इन दिनों जलाए जाने वाले पटाखे एक हानिकारक ही नहीं बल्कि सांस की बीमारी वालों के लिए जानलेवा भी हो सकते हैं. हालांकि शासन की ओर से लगातार लोगों से पटाखे न जलाने की अपील की जा रही है. अगर परिवार में कोई पटाखे का इस्तेमाल कर रहा है तो सिर्फ छोटे पटाखे का ही इस्तेमाल करें. इसके अलावा वे मास्क आदि पहन कर भी बाहर जाएं.

आंखों को होने वाले नुकसान: डॉक्टर दिवाली के त्योहार में सबसे अधिक मरीज आंखों की चोट से संबंधित आते हैं. ऐसी स्थिति में प्राथमिक तौर पर जिन लोगों को पटाखे जलाने का शौक है. वह अपनी आंखों पर चश्मा लगाकर पटाखे जलाएं. इसके अलावा अगर किसी की आंख में कोई चिंगारी चली गई है तो वह सबसे पहले सामान्य पानी के छींटे लगता रहें. क्योंकि आंख एक सबसे नाजुक शरीर का अंग होती है तो ऐसी स्थिति में किसी भी व्यक्ति को आंख में चोट पहुंचती है वह सीधा आई स्पेशलिस्ट के पास अपनी आंखों को दिखाएं. ताकि समय रहते उनकी रोशनी व अन्य तरह की जख्मों को ठीक किया जा सके.

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Last Updated : Nov 12, 2023, 6:10 AM IST
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