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सीटेट की तर्ज पर एचटेट प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन करे सरकार– दीपेन्द्र हुड्डा

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एचटेट की वैधता आजीवन (HTET Lifetime validity) करने की मांग की है. दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार हरियाणा में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है. 8 साल के कार्यकाल में एक भी जेबीटी की भर्ती नहीं निकाली.

एचटेट पर दीपेंद्र हुड्डा का बयान
एचटेट पर दीपेंद्र हुड्डा का बयान
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Published : Nov 24, 2022, 8:34 PM IST

चंडीगढ़: कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने केंद्र के सीटेट की तर्ज पर एचटेट प्रमाण पत्र की वैधता (Dipendra Hooda statement on HTET) आजीवन करने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के खाली पड़े 38 हजार पद तुरंत भरे जाएं. उन्होंने मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि 8 साल के पूरे कार्यकाल में खट्टर सरकार ने एक भी JBT भर्ती नहीं निकाली. आज तक खुद के विज्ञापन पर एक भी टीचर भर्ती नहीं किया.

दीपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि 8 साल में युवाओं को भर्तियों के नाम पर पेपर लीक, परीक्षा रद्द, फर्जीवाड़ा और घूसखोरी मिली है. इसके चलते भर्ती की आस लगाए लाखों युवा ओवरएज हो गये. सरकार के फैसले से 1 लाख से ज्यादा HTET पास युवाओं के सर्टिफिकेट रद्दी कागज के टुकड़े बन जाएंगे. इस बेतुके फैसले का एक ही कारण है कि सरकार नौकरी देने से बचना चाहती है.

प्रदेश में बेरोजगारी इसलिए चरम पर है क्योंकि सरकार नौकरी देने की बजाए नौकरी से निकालने पर जोर दे रही है. मौजूदा सरकार ने 1983 पीटीआई और ड्राइंग टीचर को नौकरी से निकालने का काम किया. जबकि हुड्डा सरकार के समय अकेले शिक्षा महकमे में TGT, PGT, गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर समेत एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी गई थी. उन्होंने कहा कि जब 2020 में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन की ओर से केंद्र के सीटेट प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन की जा सकती है तो फिर हरियाणा की शिक्षक भर्ती में युवाओं के व्यापक हित को देखते हुए प्रदेश सरकार एचटेट प्रमाण पत्र की वैधता (HTET validity in Haryana) 7 साल की बजाय आजीवन क्यों नहीं देना चाहती.

ये भी पढ़ें- 10 साल तक हो सकती है हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाण पत्रों की वैधता- शिक्षा मंत्री

कांग्रेस सांसद ने सरकार पर अपने वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पिछले साल भी केंद्र के सीटेट की तर्ज पर एचटेट की वैधता आजीवन करने की घोषणा की थी और फिर आदमपुर उपचुनाव से दो माह पहले प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने एचटेट सर्टिफिकेट आजीवन मान्य करने की घोषणा कर जल्द नोटिफिकेशन जारी करने की बात कही थी. लेकिन चुनाव खत्म होते ही तकनीकी और कानूनी अड़चनों का बहाना कर सरकार अब अपने ही ऐलान से पीछे हट रही है. बाकी वादों की तरह ही इसे भी चुनावी जुमला साबित कर युवाओं को ठगने का काम कर रही है.

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार के इस फैसले से प्रदेश के एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा. क्योंकि, 2011 से 2014 तक एचटेट पास 50 हजार युवाओं के सर्टिफिकेट रद्द माने जाएंगे और 2015 में एचटेट पास करने वाले 50 हजार से ज्यादा युवाओं को 31 दिसंबर के बाद अपने एचटेट सर्टिफिकेट रद्दी की टोकरी में फेंकने पड़ जाएंगे. सरकार हरियाणा में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है.

अगर सरकार ऐसे ही तुगलकी फरमान जारी करती रही तो युवाओं को डर है कि उनकी B.Ed, M.Ed की डिग्री भी 7 साल बाद रद्द न कर दे. उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में टीचर्स का टोटा है, बावजूद इसके सरकार भर्तियां करने के लिए तैयार नहीं है. इतना ही नहीं, मौजूदा सरकार ने टीजीटी और पीजीटी भर्तियों को लटकाया और बार-बार कैंसिल किया. भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार ने पीजीटी संस्कृत और टीजीटी इंग्लिश जैसी भर्तियों को रद्द करके अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का भी काम किया.

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि लगता है कि हरियाणा के युवाओं से सरकार का रिश्ता केवल झूठे सब्जबाग दिखाकर वोट लेने तक सीमित रह गया है. जब नौकरी देने की बात आती है तो सरकार ऐसे नियम व क्राईटेरिया तय करती है कि दूसरे प्रदेशों के युवाओं को नौकरी मिले, जो थोड़े बहुत रोजगार निकलते हैं वो दूसरे प्रदेशों के युवा ले जा रहे हैं जैसे 70 में से 68 जेई-एसडीओ दूसरे राज्यों के लगाये गये थे.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के लोग मौजूदा सरकार से छुटकारा चाहते हैं- दीपेंद्र हुड्डा

चंडीगढ़: कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने केंद्र के सीटेट की तर्ज पर एचटेट प्रमाण पत्र की वैधता (Dipendra Hooda statement on HTET) आजीवन करने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के खाली पड़े 38 हजार पद तुरंत भरे जाएं. उन्होंने मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि 8 साल के पूरे कार्यकाल में खट्टर सरकार ने एक भी JBT भर्ती नहीं निकाली. आज तक खुद के विज्ञापन पर एक भी टीचर भर्ती नहीं किया.

दीपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि 8 साल में युवाओं को भर्तियों के नाम पर पेपर लीक, परीक्षा रद्द, फर्जीवाड़ा और घूसखोरी मिली है. इसके चलते भर्ती की आस लगाए लाखों युवा ओवरएज हो गये. सरकार के फैसले से 1 लाख से ज्यादा HTET पास युवाओं के सर्टिफिकेट रद्दी कागज के टुकड़े बन जाएंगे. इस बेतुके फैसले का एक ही कारण है कि सरकार नौकरी देने से बचना चाहती है.

प्रदेश में बेरोजगारी इसलिए चरम पर है क्योंकि सरकार नौकरी देने की बजाए नौकरी से निकालने पर जोर दे रही है. मौजूदा सरकार ने 1983 पीटीआई और ड्राइंग टीचर को नौकरी से निकालने का काम किया. जबकि हुड्डा सरकार के समय अकेले शिक्षा महकमे में TGT, PGT, गेस्ट टीचर, कंप्यूटर टीचर समेत एक लाख से ज्यादा नौकरियां दी गई थी. उन्होंने कहा कि जब 2020 में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन की ओर से केंद्र के सीटेट प्रमाण पत्र की वैधता आजीवन की जा सकती है तो फिर हरियाणा की शिक्षक भर्ती में युवाओं के व्यापक हित को देखते हुए प्रदेश सरकार एचटेट प्रमाण पत्र की वैधता (HTET validity in Haryana) 7 साल की बजाय आजीवन क्यों नहीं देना चाहती.

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कांग्रेस सांसद ने सरकार पर अपने वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पिछले साल भी केंद्र के सीटेट की तर्ज पर एचटेट की वैधता आजीवन करने की घोषणा की थी और फिर आदमपुर उपचुनाव से दो माह पहले प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने एचटेट सर्टिफिकेट आजीवन मान्य करने की घोषणा कर जल्द नोटिफिकेशन जारी करने की बात कही थी. लेकिन चुनाव खत्म होते ही तकनीकी और कानूनी अड़चनों का बहाना कर सरकार अब अपने ही ऐलान से पीछे हट रही है. बाकी वादों की तरह ही इसे भी चुनावी जुमला साबित कर युवाओं को ठगने का काम कर रही है.

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार के इस फैसले से प्रदेश के एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा. क्योंकि, 2011 से 2014 तक एचटेट पास 50 हजार युवाओं के सर्टिफिकेट रद्द माने जाएंगे और 2015 में एचटेट पास करने वाले 50 हजार से ज्यादा युवाओं को 31 दिसंबर के बाद अपने एचटेट सर्टिफिकेट रद्दी की टोकरी में फेंकने पड़ जाएंगे. सरकार हरियाणा में अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है.

अगर सरकार ऐसे ही तुगलकी फरमान जारी करती रही तो युवाओं को डर है कि उनकी B.Ed, M.Ed की डिग्री भी 7 साल बाद रद्द न कर दे. उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में टीचर्स का टोटा है, बावजूद इसके सरकार भर्तियां करने के लिए तैयार नहीं है. इतना ही नहीं, मौजूदा सरकार ने टीजीटी और पीजीटी भर्तियों को लटकाया और बार-बार कैंसिल किया. भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार ने पीजीटी संस्कृत और टीजीटी इंग्लिश जैसी भर्तियों को रद्द करके अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का भी काम किया.

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि लगता है कि हरियाणा के युवाओं से सरकार का रिश्ता केवल झूठे सब्जबाग दिखाकर वोट लेने तक सीमित रह गया है. जब नौकरी देने की बात आती है तो सरकार ऐसे नियम व क्राईटेरिया तय करती है कि दूसरे प्रदेशों के युवाओं को नौकरी मिले, जो थोड़े बहुत रोजगार निकलते हैं वो दूसरे प्रदेशों के युवा ले जा रहे हैं जैसे 70 में से 68 जेई-एसडीओ दूसरे राज्यों के लगाये गये थे.

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