चंडीगढ़: डायबिटीज की बीमारी भारत में तेजी से फैल (Diabetes patients increasing India) रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इस समय 15 साल से ज्यादा उम्र के करीब 10 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. ये संख्या लगातार बढ़ रही है. एक अनुमान के अनुसार साल 2045 तक भारत में डायबिटीज के मरीजों (Diabetic Patients In India) की संख्या 13 करोड़ से ज्यादा पहुंच जाएगी. आखिर भारत में ये बीमारी इतनी तेजी से क्यों फैल रही है? तनाव के साथ इस बीमारी का क्या संबंध है?
इसके अलावा लोग इस बीमारी से कैसे बच सकते हैं? इन सब सवालों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर सोनू गोयल (Professor Sonu Goyal Chandigarh PGI) से खास बातचीत की. प्रोफेसर सोनू गोयल ने बताया कि वैसे तो देश भर में ये बीमारी तेजी से फैल रही है. उन्होंने कहा कि देश का हर दसवां व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है. पंजाब और केरल में इसके सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं.
डायबिटीज के मामलों के सामने आने का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल है. लोगों का खान-पान बदल गया है. अब लोग फास्ट फूड को ज्यादा पसंद करते हैं. शक्कर युक्त पदार्थों का सेवन भी ज्यादा करते हैं. दूसरी ओर लोगों की शारीरिक गतिविधियां बेहद कम हो गई है, जिस वजह से ये बीमारी तेजी से बढ़ रही है.
डायबिटीज के लक्षण
- ज्यादा भूख और प्यास लगना, ज्यादा पेशाब आना
- हमेशा थका महसूस करना, वजन बढ़ना या कम होना
- त्वचा में खुजली होना या अन्य त्वचा संबंधी समस्याए होना
- उल्टी का मन होना, मुंह सूखना
- आंख से संबंधित समस्याए जैसे- धुंधला दिखना
- किसी भी घाव को ठीक होने के लिए समय ज्यादा लगता है
क्यों बढ़ रही डायबिटीज की बीमारी?
वैसे तो डायबिटीज होने का मुख्य कारण खराब लाइफ स्टाइल माना जाता है. अगर कोई व्यक्ति ज्यादा तनाव लेता है तो उसे भी ये बीमारी हो सकती है. हमारे शरीर में एक ग्रंथि होती है. जिसे पेनक्रियाज बोला जाता है. पेनक्रियाज इंसुलिन बनाने का काम करता है. जिससे हमारे शरीर में शक्कर का स्तर ज्यादा नहीं बढ़ता, लेकिन जब कोई व्यक्ति ज्यादा तनाव लेता है तो इससे पेनक्रियाज केस्सेल खत्म हो जाते हैं और वो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता. जिससे शरीर में शुगर का लेवल बढ़ जाता है और व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में आ जाता है.
प्रोफेसर सोनू गोयल ने बताया कि डायबिटीज जेनेटिक भी होती है. अगर आपके माता-पिता दादा-दादी या नाना-नानी में से कोई व्यक्ति डायबिटीज का मरीज है तो आपको भी डायबिटीज होने की काफी संभावनाएं रहती हैं. इसलिए ऐसे लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है. प्रोफेसर सोनू गोयल ने बताया कि जो लोग मीठे का सेवन ज्यादा करते हैं उन्हें ये बीमारी होने का खतरा सबसे ज्यादा है. सामान्य भोजन में चावल, दाल, गेहूं का आटा होता है. इनमें शक्कर की पर्याप्त मात्रा होती है. इसलिए अलग से शक्कर का सेवन कम करना चाहिए.
बचाव के उपाय
कुछ लोग चीनी ज्यादा खाते हैं या कोल्डड्रिंक का सेवन करते हैं. दोनों ही सेहत के लिए घातक है. उन्होंने कहा कि 1 बोतल कोल्ड्रिंक में इतनी शक्कर होती है. जितना इंसान दो दिन में खाता है. कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इस गंभीर बीमारी से बचाव किया जा सकता है. इस बारे में प्रोफेसर सोनू गोयल ने कहा कि सबसे पहले व्यक्ति को अपने खानपान में बदलाव लाना होगा. उसे अपने खाने में शक्कर की मात्रा कम करनी होगी और हेल्दी फूड खाना होगा.
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इसके अलावा उसे फिजिकल एक्टिविटी भी बढ़ानी होगी. ज्यादातर लोग व्यस्त होने के चलते शारीरिक गतिविधियां नहीं कर पाते, लेकिन अगर छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दिया जाए तो इसे किया जा सकता है. जैसे ऑफिस में लंच करने से पहले कुछ समय हल्की वॉक करें. गाड़ी को ऑफिस से कुछ दूरी पर खड़ा करें ताकि गाड़ी तक आने जाने में कुछ दूर पैदल चलना पड़े. ऑफिस में हमेशा सीढ़ियों का प्रयोग करें, लिफ्ट का प्रयोग ना करें. हो सके तो खाना खाने के बाद भी हल्की वॉक करें. इस तरह से फिजिकल एक्टिविटी को धीरे-धीरे बढ़ाएं. जिससे आप इस बीमारी से बच सकते हैं.
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