चंडीगढ़: उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में आवश्यकता के अनुसार सरकारी स्कूलों की चारदीवारी, अप्रोच रोड, खेल के मैदान व सुबह की प्रार्थना सभा के स्थान को मनरेगा के तहत ठीक करवाएं. डिप्टी सीएम ने कहा कि कोविड-19 के दौरान राज्य सरकार ने अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा के तहत कार्य देने का प्रयास किया है. उन्होंने बताया कि पहली बार मनरेगा के तहत जहां गांवों के जलघरों की सफाई करवाई जा रही है, वहीं गरीब लोगों के पशुओं के शैड तथा बायोगैस प्लांट लगाए जा रहे हैं.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जिन सरकारी स्कूलों तक अप्रोच रोड सही हालत में नहीं हैं उनको मनरेगा के तहत मजदूरों से ठीक करवाया जाएगा. इसके अलावा, जहां स्कूलों में खेल के मैदान को मिट्टी से भरने व पक्का करने की जरूरत होगी वहां भी मनरेगा से कार्य किए जाएंगे.
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अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश के जिन सरकारी स्कूलों में मूलभूत कार्य बजट के कारण अटके हुए हैं उन कार्यों को मनरेगा के तहत समय पर करवा लें, इससे जहां जॉब कार्ड धारकों को कार्य मिलेगा वहीं स्कूलों के विकास कार्य जल्द होने से विद्यार्थियों व स्टॉफ को लाभ होगा.
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश में करीब छह लाख मनरेगा के जॉब कार्ड बने हुए हैं. इस बार 30 सितंबर 2020 तक 4.80 लाख जॉब कार्डधारकों को मनरेगा स्कीम के तहत रोजगार दिया गया जबकि पिछले वर्ष 31 मार्च, 2020 तक मात्र 3.64 लाख लोगों को ही काम मिला था. उन्होंने कहा कि पहली बार चार लाख से ज्यादा लोगों को काम दिया गया है और वह भी मात्र छह महीने में.
डिप्टी सीएम ने ये भी बताया कि मनरेगा के तहत इस वर्ष करीब 1200 करोड़ रुपये के कार्य करवाए जाने का लक्ष्य रखा है. इस बार केवल छह माह में ही 300 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए हैं जबकि पिछली बार पूरे वर्ष में 387 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
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