चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की नई योजना 'मेरा पानी-मेरी विरासत' का कांग्रेस जोरदार विरोध कर रही है. इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी इस योजना को किसान विरोधी बताया है, जिस पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर अजीबो गरीब बयान दे दिया.
'मेरा पानी-मेरी विरासत' योजना का पूर्व सीएम के विरोध पर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने तंज कसते हुए कहा कि, नेता प्रतिपक्ष 20-30 सालों के बाद हों ना हों, लेकिन हमें तो अपनी भावी पीढ़ियों का ध्यान रखना होगा. ताकि पानी को अगले 50 से 100 सालों तक बचा कर रखा जा सके, क्योंकि इस वक्त हरियाणा में पानी का जलस्तर लगातार घटता जा रहा है.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने क्या कहा था?
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि सरकार इस महामारी के वक्त किसानों पर धान की खेती नहीं करने का दबाव डाल रही है, बल्कि सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए. सरकार को धान से ज्यादा फायदे वाली वैकल्पिक फसलों के बारे में किसानों को बताना चाहिए. वैकल्पिक फसल उगाने से किसान को होने वाले घाटे की भरपाई भावांतर योजना के तहत करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि महज 7 हजार रुपये प्रति एकड़ के ऐलान से किसान धान छोड़ने के लिए राजी नहीं हैं, क्योंकि इससे पहले भी सरकार ने ‘जल ही जीवन है’ योजना के तहत जो 2 हज़ार रुपये प्रोत्साहन राशि और बीमा का वादा किया था, वो भी पूरा नहीं किया.
सीएम ने इसी महीने लॉन्च की थी योजना
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने 6 मई को 'मेरा पानी-मेरा विरासत' योजना लॉन्च की है. उन्होंने किसानों को फसल विविधिकरण को अपनाने पर जोर देते हुए कहा है कि डार्क जोन में शामिल क्षेत्रों में धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
उन्होंने कहा डार्क जोन में शामिल कैथल के सीवन और गुहला, सिरसा, फतेहाबाद में रतिया और कुरुक्षेत्र में शाहाबाद, इस्माइलाबाद, पिपली और बबैन जैसे आठ ब्लॉक हैं जहां धान की रोपाई ज्यादा होती है, ऐसे में इस श्रेत्र के किसानों से सरकार धान की फसल नहीं करने की अपील करती है. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि योजना के प्रचार के लिए जल्द ही वेब पोर्टल बनाया जाएगा. जिस पर किसान अपनी समस्याएं उठा सकेंगे.
ये भी पढ़िए: चंडीगढ़: 1200 प्रवासियों को लेकर बिहार के भागलपुर रवाना हुई ट्रेन