चंडीगढ़: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमारा सपना है कि हम प्रदेश को उड्डयन के क्षेत्र में ऊंचाई पर लेकर जाए और इसी कड़ी में हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में एयरस्पेस एवं डिफेंस पॉलिसी (airspace and defense policy) को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि हरियाणा उन प्राथमिक प्रदेशों में हैं. जहां पर एयरोस्पेस डिफेंस की नवीनता पर काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में एयरोस्पेस डिफेंस उत्पादन व विनिर्माण को अनुमति दी गई हैं.
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हमारे देश की जीडीपी का लगभग तीन प्रतिशत डिफेंस खरीद पर खर्च किया जाता है. जिसके तहत विभिन्न एयरो से संबंधित सामान को आयात किया जाता है. उन्होंने बताया कि इसके तहत एक बिलियन डालर के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने यूक्रेन-रूस के उत्पन्न हुए संकट का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुरूप हम अपने डिफेंस क्षेत्र को बढ़ावा देकर एक विकल्प के रूप में तैयार कर सकते हैं.
उन्होंने (dushyant chautala deputy chief minister haryana) कहा कि इसी दिशा में हमारी ये पॉलिसी काम करेगी. उन्होंने बताया कि हरियाणा में हम इस ओर कदम बढ़ा रहे हैं. राज्य में पांच हवाई पट्टियां हैं जो कि पिंजौर, करनाल, नारनौल और भिवानी में हैं. अगर कोई यूनिट हवाई पट्टी के 10 किलोमीटर के दायरे में डिफेंस से संबंधित उत्पादन करता है, तो उसे सरकार द्वारा 5 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी.
ऐसे ही 25 किलोमीटर के दायरे में काम करने वाली यूनिट को 20 करोड़ रुपए तक का एसजीएसटी का रिफंड किया जाएगा और जिसके तहत बी ब्लॉक में 6 वर्ष तक 50 प्रतिशत, सी ब्लॉक में 8 वर्ष तक 75 प्रतिशत और डी ब्लाक में 10 वर्ष तक 100 प्रतिशत का रिफंड होगा. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ड्रोन के क्षेत्र में अपना कदम आगे बढ़ा रही है. अगले पांच सालों में उड्डयन ड्रोन विनिर्माण पर काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि हिसार एयरपोर्ट एक विकल्प के रूप में तैयार हो रहा है और इस एयरपोर्ट का कार्य मध्य चरण में हैं और ये एक विकास में त्वरित गति प्रदान करने का काम करेगा.
उन्होंने बताया कि राज्य के गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस के साथ 25 एकड़ भूमि में एक हैली हब बनाने का भी प्रस्ताव है, जोकि चारधाम यात्रा और बी-टू-बी जैसे काम को बढ़ावा देने में पूरा सहयोग करेगा और इससे कनेक्टिविटी में भी बढ़ोतरी होगी. उन्होंने बताया कि ये हैली हब एनसीआर में अपनी तरह का सबसे बडा हैली हब होगा. इस हैली हब के बनने से जहां इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों के बोझ कम होगा वहीं दूसरी ओर यहां पर मरम्मत व रखरखाव के काम का भी विकल्प होगा.
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