चंडीगढ़: प्रदेश के अनुसूचित जाति किसानों के कल्याणार्थ केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई गई हैं. साल 2020-21 के लिए 193.63 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का प्रावधान किया गया है. सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन’ के अंतर्गत किसानों को गेहूं, दलहन की फसलें व मोटे अनाज, गन्ना और कपास की फसलों में खरपतवार नाशक, जिप्सम कीटनाशकों, जैव उर्वरक, बीज वितरण व स्प्रे पम्पों पर अनुदान दिया जाएगा है.
उन्होंने बताया कि ‘आत्मा’ स्कीम के अंतर्गत ट्रेनिंग के दौरान अनुसूचित जाति के किसानों को ट्रेनिंग के अलावा भ्रमण, प्रदर्शन इत्यादि गतिविधियां करवाई जाती हैं. अन्य किसानों की तरह अनुसूचित जाति के किसानों की कृषि भूमि के लिए भी ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ बनाए जा रहे हैं ताकि वे मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार अपनी फसलों की बिजाई करके बेहतर उपज ले सकें.
प्रदेश में राज्य स्तरीय स्कीम के तहत बैटरी चालित 200 स्प्रे पम्पों पर सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है. इन किसानों को बॉयोगैस स्कीम के तहत एक क्यूबिक के बॉयोगैस प्लांट पर 10 हजार रुपये व 2 से 6 क्यूबिक तक के बॉयोगैस प्लांट पर 13 हजार रुपये प्रति संयंत्र अनुदान दिया जाता है.
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सरकार द्वारा एल्युनियम आधारित सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर अनुसूचित जाति के किसानों को कुल खर्च का अधिकतम 28,650 रुपये का लाभ दिया जाता है. गौरतलब है कि सरकार द्वारा अनुसूचित जाति की आबादी वाले गांव में ‘राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ के तहत जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया जाता है और हल्दी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना करके अनुसूचित जाति के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है.