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चंडीगढ़: शहीद भगत सिंह से जुड़े कागजात पाकिस्तान से भारत लाने की मांग

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Published : Jul 28, 2021, 12:52 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 2:21 PM IST

भगत सिंह आर्काइव एंड रिसर्च सेंटर के सलाहकार का कहना है कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह के कागजात पाकिस्तान के पास हैं जिन्हें भारत लाना बहुत जरूरी है. उनका कहना है कि इससे इतिहासकारों को भारत की आजादी से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां सामने लाने में मदद मिलेगी.

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चंडीगढ़ से उठी भगत सिंह से जुड़े जरूरी कागजात पाकिस्तान से भारत लाने की मांग

चंडीगढ़: 15 अगस्त, 1947 को जब भारत-पाकिस्तान का बंंटवारा (India-Pakistan Partition) हुआ तो बहुत सारी चीजें थीं जो पाकिस्तान में ही छूट गईं. उनमें कुछ भारत के इतिहास से जुड़े खास घटनाओं के कागजात भी थे, जिन्हें हम नए बने भारत देश में ला नहीं सके. ऐसे में अब उन कागजातों को दोबारा पाकिस्तान से भारत लाने की मांग उठ रही है.

चंडीगढ़ के रहने वाले प्रोफेसर चमनलाल दिल्ली में भगत सिंह आर्काइव एंड रिसर्च सेंटर (Bhagat Singh Archive and Research Center) के सलाहकार हैं और इनकी मांग है कि भगत सिंह पर अंग्रेजों ने दो बड़े मुकदमे दर्ज किए थे. एक था दिल्ली सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने का मामला (Bomb Blast in Delhi Central Assembly Case) जिसमें भगत सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. दूसरा मामला लाहौर कॉस्प्रेन्सी का था किस ने उन पर सांडर्स की हत्या (Sanders Murder Case) का आरोप लगा था.

प्रोफेसर चमनलाल का कहना है कि ये कागजात पाकिस्तान के पास हैं जिन्हें भारत लाना बहुत जरूरी है. प्रोफेसर चमनलाल ने इस बारे में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh) को भी चिट्ठी लिखी है. जिस की कॉपी को केंद्र सरकार भी भेजा गया है. इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने भी प्रोफेसर चमनलाल से खास बातचीत की.

शहीद भगत सिंह से जुड़े कागजात पाकिस्तान से भारत लाने की मांग, देखिए वीडियो

ये पढ़ें- कारगिल विजय दिवस: अचूक था शहीद जाकिर हुसैन का निशाना, पाकिस्तानी सिपाही की आंख में मारी थी गोली

प्रोफेसर चमनलाल ने बताया कि पाकिस्तान में भगत सिंह पर दर्ज इन दोनों मुकदमों की जुड़े कई फाइलें पड़ी हैं दस्तावेजों की संख्या काफी ज्यादा है. पाकिस्तान में ना सिर्फ इस मुकदमे से जुड़े दस्तावेज (Bagat Singh Legal Documents) बल्कि भारत की आजादी से जुड़े जरूरी दस्तावेज और भगत सिंह की बहुत सी चिट्टियां भी पड़ी है. जिन्हें भारत लाया जाना बेहद जरूरी है.

प्रोफेसर चमनलाल का मानना है कि अगर यह सभी दस्तावेज भारत आ जाते हैं तो इतिहासकारों को भारत की आजादी से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां सामने लाने में मदद मिलेगी. प्रोफेसर चमनलाल ने बताया कि अभी तक पाकिस्तान की ओर से इन दस्तावेजों को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान कुछ दस्तावेजों को स्कॉलर्स के लिए मुहैया करवा रहा है. जिससे थोड़ी बहुत जानकारियां भी सामने आ रही है.

documents related to Bhagat Singh from Pakistan to India
भगत सिंह पर लिखी गई अपनी पुस्तक के साथ प्रोफेसर चमनलाल

ये पढ़ें- कारगिल विजय दिवस: सोशल मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रहा है 'अहीर रेजिमेंट हक है हमारा' का हैशटैग

प्रोफेसर चमनलाल के मुताबिक लंदन में रह रहे भारतीय सुरेंद्र सिंह ने एक किताब भी लिखी थी. इस किताब के लिए जरूरी जानकारी जुटाने के लिए जो पाकिस्तान भी गए थे, जहां उन्हें थोड़ी बहुत जानकारियां मिल पाई. इसके अलावा उन्होंने खुद भी कई किताबें लिखी हैं जिसमें भगत सिंह को लेकर कई बातों का जिक्र किया गया है.

चमन लाल ने बताया कि भगत सिंह पाकिस्तान में भी भारत की तरह एक हीरो हैं, लोग वहां भी उनसे प्यार करते हैं. इसलिए पाकिस्तान किसी भी कीमत पर भगत सिंह से जुड़े दस्तावेजों को भारत को नहीं सौंपेगा, लेकिन कम से कम उन दस्तावेजों की कॉपी तो भारत ला ही सकता है. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी को 75वां साल लगने वाला है, लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने इन दस्तावेजों को भारत लाने की कोशिश नहीं की.

यह भी पढ़ें- कारगिल: जांबाज भारतीय सेना ने जीती थी हारी हुई बाजी, जानें कैसे हुआ मुमकिन

चंडीगढ़: 15 अगस्त, 1947 को जब भारत-पाकिस्तान का बंंटवारा (India-Pakistan Partition) हुआ तो बहुत सारी चीजें थीं जो पाकिस्तान में ही छूट गईं. उनमें कुछ भारत के इतिहास से जुड़े खास घटनाओं के कागजात भी थे, जिन्हें हम नए बने भारत देश में ला नहीं सके. ऐसे में अब उन कागजातों को दोबारा पाकिस्तान से भारत लाने की मांग उठ रही है.

चंडीगढ़ के रहने वाले प्रोफेसर चमनलाल दिल्ली में भगत सिंह आर्काइव एंड रिसर्च सेंटर (Bhagat Singh Archive and Research Center) के सलाहकार हैं और इनकी मांग है कि भगत सिंह पर अंग्रेजों ने दो बड़े मुकदमे दर्ज किए थे. एक था दिल्ली सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने का मामला (Bomb Blast in Delhi Central Assembly Case) जिसमें भगत सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. दूसरा मामला लाहौर कॉस्प्रेन्सी का था किस ने उन पर सांडर्स की हत्या (Sanders Murder Case) का आरोप लगा था.

प्रोफेसर चमनलाल का कहना है कि ये कागजात पाकिस्तान के पास हैं जिन्हें भारत लाना बहुत जरूरी है. प्रोफेसर चमनलाल ने इस बारे में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh) को भी चिट्ठी लिखी है. जिस की कॉपी को केंद्र सरकार भी भेजा गया है. इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने भी प्रोफेसर चमनलाल से खास बातचीत की.

शहीद भगत सिंह से जुड़े कागजात पाकिस्तान से भारत लाने की मांग, देखिए वीडियो

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प्रोफेसर चमनलाल ने बताया कि पाकिस्तान में भगत सिंह पर दर्ज इन दोनों मुकदमों की जुड़े कई फाइलें पड़ी हैं दस्तावेजों की संख्या काफी ज्यादा है. पाकिस्तान में ना सिर्फ इस मुकदमे से जुड़े दस्तावेज (Bagat Singh Legal Documents) बल्कि भारत की आजादी से जुड़े जरूरी दस्तावेज और भगत सिंह की बहुत सी चिट्टियां भी पड़ी है. जिन्हें भारत लाया जाना बेहद जरूरी है.

प्रोफेसर चमनलाल का मानना है कि अगर यह सभी दस्तावेज भारत आ जाते हैं तो इतिहासकारों को भारत की आजादी से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां सामने लाने में मदद मिलेगी. प्रोफेसर चमनलाल ने बताया कि अभी तक पाकिस्तान की ओर से इन दस्तावेजों को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान कुछ दस्तावेजों को स्कॉलर्स के लिए मुहैया करवा रहा है. जिससे थोड़ी बहुत जानकारियां भी सामने आ रही है.

documents related to Bhagat Singh from Pakistan to India
भगत सिंह पर लिखी गई अपनी पुस्तक के साथ प्रोफेसर चमनलाल

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प्रोफेसर चमनलाल के मुताबिक लंदन में रह रहे भारतीय सुरेंद्र सिंह ने एक किताब भी लिखी थी. इस किताब के लिए जरूरी जानकारी जुटाने के लिए जो पाकिस्तान भी गए थे, जहां उन्हें थोड़ी बहुत जानकारियां मिल पाई. इसके अलावा उन्होंने खुद भी कई किताबें लिखी हैं जिसमें भगत सिंह को लेकर कई बातों का जिक्र किया गया है.

चमन लाल ने बताया कि भगत सिंह पाकिस्तान में भी भारत की तरह एक हीरो हैं, लोग वहां भी उनसे प्यार करते हैं. इसलिए पाकिस्तान किसी भी कीमत पर भगत सिंह से जुड़े दस्तावेजों को भारत को नहीं सौंपेगा, लेकिन कम से कम उन दस्तावेजों की कॉपी तो भारत ला ही सकता है. उन्होंने कहा कि भारत की आजादी को 75वां साल लगने वाला है, लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने इन दस्तावेजों को भारत लाने की कोशिश नहीं की.

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Last Updated : Jul 28, 2021, 2:21 PM IST
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