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हरियाणा में फिल्म पानीपत पर बवाल, सिरसा के सिनेमाघरों ने हटाई फिल्म, उठी बैन की मांग

पूरे हरियाणा में जाट समुदाय फिल्म पानीपत का विरोध कर रहा है. साथ ही जाट समाज के लोग सिनेमा घरों से फिल्म हटाए जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं सिरसा में इस फिल्म के विरोध के बाद थियेटर मालिकों ने फिल्म लगाने से मना कर दिया है.

demand for panipat movie in ban in haryan
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Published : Dec 9, 2019, 8:02 PM IST

Updated : Dec 9, 2019, 11:02 PM IST

चंडीगढ़: फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत को लेकर हरियाणा-राजस्थान में विवाद शुरू हो गया है. इससे पहले पद्मावत का भी कई राज्यों में विरोध हो चुका है. इस फिल्म में भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लालची प्रशासक के रूप में दर्शाया गया है, इस विवाद पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने निर्माताओं से जनता की भावनाओं को ठेस ना पहुंचाए और इतिहास की पूरी जानकारी लेने की नसीहत दी है.

इस दृश्य को लेकर है विवाद

दरअसल विरोध करने वालों का कहना है कि फिल्म में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने और आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया है. इस पर मराठा पेशवा सदाशिवराव आपत्ति जताते हैं और अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से सूरजमल इनकार कर देते हैं सूरजमल को हरियाणवी और राजस्थानी बोली के टच में भी दिखाया गया है, जिसका विरोध अब हो रहा है.

हरियाणा में फिल्म पानीपत पर बवाल, देखें वीडियो

सूरजमल के वंशज विश्वेंद्र सिंह का बयान

राजस्थान में मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि वे महाराजा सूरजमल जाट की चौधरी पीढ़ी से संबंध रखते हैं. पेशवा मराठा जब पानीपत युद्ध हार कर घायल अवस्था में लौट रहे थे, तब महाराजा सूरजमल ने 6 माह तक मराठा सेना और पशुओं को अपने यहां पनाह दी थी. खंडेराव होलकर की मृत्यु भी भरतपुर तत्कालीन राजधानी कुम्हेर में ही हुई.

ये भी पढे़ं:- एंटी करप्शन डे पर पंचकूला में राज्य स्तरीय कार्यक्रम, सीएम मनोहर लाल ने की शिरकत

गृह मंत्री अनिल विज का बयान
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को जनता की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाने चाहिए. ये बार-बार इस तरह की फिल्में बनाकर जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं. इनको इतिहास की पूरी जानकारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस फिल्म को देखकर फैसला लिया जाएगा कि हरियाणा में इसे बैन किया जाए या नहीं.

चंडीगढ़: फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत को लेकर हरियाणा-राजस्थान में विवाद शुरू हो गया है. इससे पहले पद्मावत का भी कई राज्यों में विरोध हो चुका है. इस फिल्म में भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लालची प्रशासक के रूप में दर्शाया गया है, इस विवाद पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने निर्माताओं से जनता की भावनाओं को ठेस ना पहुंचाए और इतिहास की पूरी जानकारी लेने की नसीहत दी है.

इस दृश्य को लेकर है विवाद

दरअसल विरोध करने वालों का कहना है कि फिल्म में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने और आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया है. इस पर मराठा पेशवा सदाशिवराव आपत्ति जताते हैं और अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से सूरजमल इनकार कर देते हैं सूरजमल को हरियाणवी और राजस्थानी बोली के टच में भी दिखाया गया है, जिसका विरोध अब हो रहा है.

हरियाणा में फिल्म पानीपत पर बवाल, देखें वीडियो

सूरजमल के वंशज विश्वेंद्र सिंह का बयान

राजस्थान में मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि वे महाराजा सूरजमल जाट की चौधरी पीढ़ी से संबंध रखते हैं. पेशवा मराठा जब पानीपत युद्ध हार कर घायल अवस्था में लौट रहे थे, तब महाराजा सूरजमल ने 6 माह तक मराठा सेना और पशुओं को अपने यहां पनाह दी थी. खंडेराव होलकर की मृत्यु भी भरतपुर तत्कालीन राजधानी कुम्हेर में ही हुई.

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गृह मंत्री अनिल विज का बयान
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को जनता की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाने चाहिए. ये बार-बार इस तरह की फिल्में बनाकर जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं. इनको इतिहास की पूरी जानकारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस फिल्म को देखकर फैसला लिया जाएगा कि हरियाणा में इसे बैन किया जाए या नहीं.

Intro:चंडीगढ़, फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत को लेकर हरियाणा राजस्थान में संग्राम शुरू हो गया है इससे पहले पद्मावत का भी कई राज्यों में विरोध हो चुका है इस फिल्म में भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लालची प्रशासक के रूप में दर्शाया गया है इस विवाद पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने निर्माताओं से जनता की भावनाओं को ठेस ना पहुंचाएं और इतिहास की पूरी जानकारी लेने की बात कही ।


Body:इस दृश्य को लेकर है विवाद

फिल्म महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने व आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया है इस पर मराठा पेशवा सदाशिवराव आपत्ति जताते हैं और अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध के साथ देने से सूरजमल इनकार कर देते हैं सूरजमल को हरियाणवी भाषा में राजस्थानी भाषा के टच में भी दिखाया गया है ।

सूरजमल के वंशज विश्वेंद्र सिंह ने कहा

राजस्थान में मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि वे महाराजा सूरजमल जाट की चौधरी पीढ़ी से संबंध रखते हैं पेशवा मराठा जब पानीपत युद्ध हार कर घायल अवस्था में लौट रहे थे तब महाराजा सूरजमल में महारानी किशोरी ने 6 माह तक मराठा सेना व पशुओं को अपने यहां पनाह दी थी खंडेराव होलकर की मृत्यु भी भरतपुर तत्कालीन राजधानी कुम्हेर में ही हुई है ।

क्या कहा गृहमंत्री अनिल विज ने

प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को जनता की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाने चाहिए यह बार-बार इस तरह की फिल्में बनाकर जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं इनको इतिहास की पूरी जानकारी लेनी चाहिए उन्होंने कहा कि इस फिल्म को देखकर फैसला लिया जाएगा कि हरियाणा में इसे बैन किया जाए या नहीं ।


Conclusion:
Last Updated : Dec 9, 2019, 11:02 PM IST
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