चंडीगढ़: फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत को लेकर हरियाणा-राजस्थान में विवाद शुरू हो गया है. इससे पहले पद्मावत का भी कई राज्यों में विरोध हो चुका है. इस फिल्म में भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लालची प्रशासक के रूप में दर्शाया गया है, इस विवाद पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने निर्माताओं से जनता की भावनाओं को ठेस ना पहुंचाए और इतिहास की पूरी जानकारी लेने की नसीहत दी है.
इस दृश्य को लेकर है विवाद
दरअसल विरोध करने वालों का कहना है कि फिल्म में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने और आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया है. इस पर मराठा पेशवा सदाशिवराव आपत्ति जताते हैं और अहमद शाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से सूरजमल इनकार कर देते हैं सूरजमल को हरियाणवी और राजस्थानी बोली के टच में भी दिखाया गया है, जिसका विरोध अब हो रहा है.
सूरजमल के वंशज विश्वेंद्र सिंह का बयान
राजस्थान में मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि वे महाराजा सूरजमल जाट की चौधरी पीढ़ी से संबंध रखते हैं. पेशवा मराठा जब पानीपत युद्ध हार कर घायल अवस्था में लौट रहे थे, तब महाराजा सूरजमल ने 6 माह तक मराठा सेना और पशुओं को अपने यहां पनाह दी थी. खंडेराव होलकर की मृत्यु भी भरतपुर तत्कालीन राजधानी कुम्हेर में ही हुई.
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गृह मंत्री अनिल विज का बयान
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को जनता की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाने चाहिए. ये बार-बार इस तरह की फिल्में बनाकर जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं. इनको इतिहास की पूरी जानकारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस फिल्म को देखकर फैसला लिया जाएगा कि हरियाणा में इसे बैन किया जाए या नहीं.