चंडीगढ़: देशभर में कहर बरपाने के बाद कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ रही है. बात हरियाणा की करें तो रोजाना नए कोरोना मरीजों की संख्या 150 से भी कम हो गई है. सूबे का रिकवरी रेट भी बढ़कर 98.56 प्रतिशत हो गया है. इन आंकड़ों को देखते हुए सरकार ने भी लॉकडाउन में छूट दे दी है. ताकि गिरती व्यवस्था को किसी तरह पटरी पर लाया जा सके, लेकिन जानकार दावा कर रहे हैं कि खतरा अभी टला नहीं है. डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) ने चिंता और बढ़ा दी है.
क्या है डेल्टा वेरिएंट?
जानकारों के मुताबिक आने वाले कुछ महीनों में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Corona) दस्तक दे सकती है. इसकी मुख्य वजह है डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant). बता दें कि कोरोना वायरस तेजी से अपना रूप बदल रहा है. पहली लहर के बाद इस वायरस ने अपना रूप बदल लिया. जिसे डेल्टा का नाम दिया गया. यही डेल्टा वायरस कोरोना की दूसरी का कारण बना. जानकार दावा कर रहे हैं कि कोरोना ने एक बार फिर से अपना रूप बदल लिया है.
इस बदले रूप को डेल्टा प्लस का नाम दिया गया है. इस डेल्टा प्लस की वजह से आने वाले कुछ महीनों में कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) भी आ सकती है. जो पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है. इसलिए बार-बार जानकार कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी दे रहे हैं.
कोरोना की तीसरी लहर के लिए कितना तैयार हरियाणा?
बात करें हरियाणा की तो डेल्टा प्लस वायरस फरीदाबाद में दस्तक दे चुका है. हरियाणा के फरीदाबाद से डेल्टा प्लस वायरस (Delta Plus Variant Faridabad) का पहला केस सामने आ चुका है. जो कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए नई चुनौती बना हुआ है. देश के साथ हरियाणा भी कोरोना की दो लहरों के मंजर को देख चुका है. ऐसे में सवाल उठता है कि हरियाणा सरकार ने डेल्टा प्लस वेरिएंट या फिर यूं कहें कि तीसरी लहर से बचने के क्या उपाय किए हैं?
इसके जवाब में हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil vij Home and Health Minister Haryana) ने कहा कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट का फरीदाबाद में एक केस पाया गया है. उसमें हमने 100 प्रतिशत कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के आदेश दिए हैं. स्वस्थ्य मंत्री ने हरियाणा के लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना कमजोर हुआ है, खत्म नहीं. इसलिए एहतियात रखें. स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बयान से लग रहा है कि हरियाणा सरकार कोरोना की तीसरी लहर से बेफिक्र होकर बैठी है. पहली और दूसरी लहर की तरह इस बार भी सरकार शायद इंतजार करेगी. जब हालात बिगड़ने शुरू होंगे तब शायद जाकर आनन-फानन में कोई बड़ा फैसला ले.