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दीपेंद्र हुड्डा का सरकार पर आरोप, कहा- किसान आंदोलन और कोरोना जानबूझकर नहीं किया जा रहा खत्म

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार अपने स्वार्थ के लिए किसान आंदोलन और कोरोना को जानबूझकर खत्म नहीं करना चाह रही है.

deepender hooda targets haryana government
दीपेंद्र हुड्डा का सरकार पर आरोप
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Published : Jun 8, 2021, 8:06 PM IST

चंडीगढ़: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा (deepender hooda) ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार किसान आंदोलन (farmers agitation) और कोरोना, दोनों को ही जानबूझकर खत्म करना नहीं चाहती है. ताकि इनकी आड़ में लचर अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, बिगड़ी हुई कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के बातचीत के प्रस्ताव को महीने का वक्त बीत चुका है, लेकिन इस प्रस्ताव पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. यही कारण है कि सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि सरकार संयुक्त किसान मोर्चा के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार क्यों नहीं कर रही है?

इसके आगे राज्यसभा सांसद ने कहा कि एक तरफ तो सरकार में बैठे हुए लोग कह रहे हैं कि किसान आंदोलन से कोरोना बढ़ा है. दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आए बातचीत के प्रस्ताव को भी स्वीकार नहीं किया जा रहा है. सरकार के रवैये से ऐसा लगता है कि सत्ता में बैठे लोग चाहते हैं कि जनता कोरोना से जूझती रहे और देश के किसान अपनी मांगों को लेकर दुखी मन से अंतहीन आंदोलन करते रहें.

ये भी पढ़िए: घर में कुछ बिगड़ैल बच्चे भी हैं, पर पीएम सबको देंगे फ्री वैक्सीन- विज

दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से सवाल किया कि वो कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बीच हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी रही? पिछले साल के लॉकडाउन के बुरे असर से शहरों और गांवों के गरीब अभी तक जूझ रहे हैं और इस बीच कोरोना की दूसरी लहर ने उन्हें आर्थिक तौर पर बुरी तरह तोड़ दिया है.

ये भी पढ़िए: सुरजेवाला ने रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरा, पूछा- क्या खट्टर जी की जुबान की कीमत नहीं है?

उन्होंने कहा कि आर्थिक लिहाज से देखा जाए तो महामारी में इलाज के बढ़ते खर्च, ऑक्सीजन, दवाईयों की किल्लत, कालाबाजारी और डीजल-पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों से लगातार बढ़ रही महंगाई जैसे कारणों ने आम गरीबों और किसानों की परेशानियों में जले पर नमक छिड़कने का काम किया है. इनमें खासतौर से गांव और शहर के गरीब, किसान, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं.

'सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि बहाल करे सरकार'

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भगवान न करे कि तीसरी लहर आए लेकिन अगर आई तो ऐसी तैयारी हो कि फिर किसी की जान जाने की नौबत न आए. महामारी के समय सांसद निधि से जनस्वास्थ्य हित में काफी काम किए जा सकते हैं. अगर भारत सरकार सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (MPLAD) को बहाल करती है तो वो इस साल का पूरा फंड हरियाणा के सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, मोबाइल मेडिकल वैन और अन्य बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराने में लगा देंगे.

चंडीगढ़: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा (deepender hooda) ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार किसान आंदोलन (farmers agitation) और कोरोना, दोनों को ही जानबूझकर खत्म करना नहीं चाहती है. ताकि इनकी आड़ में लचर अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, बिगड़ी हुई कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के बातचीत के प्रस्ताव को महीने का वक्त बीत चुका है, लेकिन इस प्रस्ताव पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. यही कारण है कि सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि सरकार संयुक्त किसान मोर्चा के बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार क्यों नहीं कर रही है?

इसके आगे राज्यसभा सांसद ने कहा कि एक तरफ तो सरकार में बैठे हुए लोग कह रहे हैं कि किसान आंदोलन से कोरोना बढ़ा है. दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आए बातचीत के प्रस्ताव को भी स्वीकार नहीं किया जा रहा है. सरकार के रवैये से ऐसा लगता है कि सत्ता में बैठे लोग चाहते हैं कि जनता कोरोना से जूझती रहे और देश के किसान अपनी मांगों को लेकर दुखी मन से अंतहीन आंदोलन करते रहें.

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दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से सवाल किया कि वो कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बीच हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी रही? पिछले साल के लॉकडाउन के बुरे असर से शहरों और गांवों के गरीब अभी तक जूझ रहे हैं और इस बीच कोरोना की दूसरी लहर ने उन्हें आर्थिक तौर पर बुरी तरह तोड़ दिया है.

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उन्होंने कहा कि आर्थिक लिहाज से देखा जाए तो महामारी में इलाज के बढ़ते खर्च, ऑक्सीजन, दवाईयों की किल्लत, कालाबाजारी और डीजल-पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों से लगातार बढ़ रही महंगाई जैसे कारणों ने आम गरीबों और किसानों की परेशानियों में जले पर नमक छिड़कने का काम किया है. इनमें खासतौर से गांव और शहर के गरीब, किसान, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं.

'सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि बहाल करे सरकार'

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भगवान न करे कि तीसरी लहर आए लेकिन अगर आई तो ऐसी तैयारी हो कि फिर किसी की जान जाने की नौबत न आए. महामारी के समय सांसद निधि से जनस्वास्थ्य हित में काफी काम किए जा सकते हैं. अगर भारत सरकार सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (MPLAD) को बहाल करती है तो वो इस साल का पूरा फंड हरियाणा के सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, मोबाइल मेडिकल वैन और अन्य बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराने में लगा देंगे.

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