चंडीगढ़/दिल्लीः कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश की मंडियों और खरीद केंद्रों में सरकार की तरफ से की गई व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि बार-बार आगाह करने के बावजूद सरकार ने अनाज खरीदने के लिए जरूरी बंदोबस्त नहीं किया. इसीलिए ना तो सरसों की खरीद ढंग से हो पाई और ना ही गेहूं की खरीद बेहतर तरीके से हो पा रही है. ऊपर से बारिश किसान के जख्मों पर नमक रगड़ने का काम कर रही है.
किसान पर अव्यवस्था की मार
खरीद केंद्रों पर गेहूं रखने की व्यवस्था और तिरपाल की कमी के चलते बार-बार किसान का अनाज भीग रहा है. कई जगह अनाज कच्ची जमीन पर रेत में रखा जा रहा है तो कई जगह खुले आसमान के नीचे बारिश में. दीपेंद्र ने कहा कि गेहूं की आवक के हिसाब से ना तो उसकी खरीद हो रही है और ना ही उठान हो रहा है. किसान को अपनी फसल बेचने के लिए बार-बार आना पड़ता है. इससे किसान पर ट्रांसपोर्ट की ज्यादा मार पड़ती है और सोशल डिस्टेंसिंग को निभा पाना भी मुश्किल हो रहा है.
मंडियों में जरूरी बंदोबस्त करने की मांग
जो किसान अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए, उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार गैर-पंजीकृत किसानों के लिए मौके पर रेजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करे. खरीद और उठान में किसी तरह की देरी ना की जाए. जरूरत के मुताबिक बारदाने और तिरपाल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. गेहूं की आवक जोरों पर है, इसलिए जरूरी है कि उसके मुताबिक ही व्यवस्था की जाए.
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