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केंद्र के दिशा-निर्देशों पर चंडीगढ़ से कर्फ्यू हटाया गया- हाईकोर्ट में चंडीगढ़ प्रशासन - chandigarh coronavirus update

चंडीगढ़ प्रशासन ने कोर्ट में अपना जवाब फाइल किया है. चंडीगढ़ में कर्फ्यू हटाने को लेकर प्रशासन ने कहा कि सभी के सुझाव और केंद्र के दिशा निर्देशों के बाद ही ये फैसला लिया गया है.

केंद्र के दिशा-निर्देशों पर चंडीगढ़ से कर्फ्यू हटाया गया- प्रशासन
केंद्र के दिशा-निर्देशों पर चंडीगढ़ से कर्फ्यू हटाया गया- प्रशासन
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Published : May 7, 2020, 5:50 PM IST

चंडीगढ़: प्रशासन ने चंडीगढ़ शहर में कर्फ्यू हटा दिया है और शहर की तमाम इंटरनल मार्केट खोल दी गई है. इसके इलावा, लोगों को सुबह 10:00 से शाम 6:00 बजे तक बिना मूवमेंट पास के घूमने की इजाजत दे दी है, लेकिन प्रशासन के इस फैसले का काफी विरोध भी हो रहा है.

प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ शहर के एक वकील पंकज चांदगोठिया ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पीआईएल फाइल की थी. इस पीआईएल को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने हाई कोर्ट में पूरा जवाब फाइल किया कि प्रशासन ने ये फैसला सभी की राय लेने के बाद लिया था.

केंद्र के दिशा-निर्देशों पर चंडीगढ़ से कर्फ्यू हटाया गया- प्रशासन

'सभी के सुझाव के बाद लिया फैसला'

प्रशासन ने जवाब में लिखा है कि उन्होंने कर्फ्यू हटाने से पहले शहर की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, ट्रेडर एसोसिएशन, शहर की सिटीजन डायरेक्टर, हेल्थ सर्विस, डॉक्टर और प्रशासन के सीनियर अफसरों से सुझाव लिए थे. इसके बाद ही ये फैसला लिया गया था.

प्रशासन ने कहा कि चंडीगढ़ में सबसे पहला केस 18 मार्च को आया था, जिसके बाद 19 मार्च को चंडीगढ़ ने शहर में धारा 144 लागू कर दी थी. प्रशासन ने 23 मार्च को पूरे शहर में कर्फ्यू के ऑर्डर कर दिए थे. देश में 14 अप्रैल से लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया था. इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में 3 मई तक लॉकडाउन कर दिया था.

अब केंद्र सरकार के निर्देशों पर ही चंडीगढ़ ने शहर में कर्फ्यू हटाने का फैसला लिया है. इस पर सभी लोगों की राय ली गई है. लिहाजा प्रशासन ने इस पीआईएल को खारिज करने की मांग की.

वकील चांदगोठिया ने क्यों डाली याचिका?

बता दें कि वकील चांदगोठिया ने कहा था कि शहर में जब पहली बार कर्फ्यू लगाया गया था तब महज पांच से सात लोगों को ही कोरोना वायरस हुआ था, लेकिन अब चंडीगढ़ में पॉजिटिव मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. शहर में ये आंकड़ा 120 से ऊपर जा चुका है, जबकि पिछले दिनों 80 से 90 केस पॉजिटिव आ चुके हैं.

चंडीगढ़: प्रशासन ने चंडीगढ़ शहर में कर्फ्यू हटा दिया है और शहर की तमाम इंटरनल मार्केट खोल दी गई है. इसके इलावा, लोगों को सुबह 10:00 से शाम 6:00 बजे तक बिना मूवमेंट पास के घूमने की इजाजत दे दी है, लेकिन प्रशासन के इस फैसले का काफी विरोध भी हो रहा है.

प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ शहर के एक वकील पंकज चांदगोठिया ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पीआईएल फाइल की थी. इस पीआईएल को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने हाई कोर्ट में पूरा जवाब फाइल किया कि प्रशासन ने ये फैसला सभी की राय लेने के बाद लिया था.

केंद्र के दिशा-निर्देशों पर चंडीगढ़ से कर्फ्यू हटाया गया- प्रशासन

'सभी के सुझाव के बाद लिया फैसला'

प्रशासन ने जवाब में लिखा है कि उन्होंने कर्फ्यू हटाने से पहले शहर की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, ट्रेडर एसोसिएशन, शहर की सिटीजन डायरेक्टर, हेल्थ सर्विस, डॉक्टर और प्रशासन के सीनियर अफसरों से सुझाव लिए थे. इसके बाद ही ये फैसला लिया गया था.

प्रशासन ने कहा कि चंडीगढ़ में सबसे पहला केस 18 मार्च को आया था, जिसके बाद 19 मार्च को चंडीगढ़ ने शहर में धारा 144 लागू कर दी थी. प्रशासन ने 23 मार्च को पूरे शहर में कर्फ्यू के ऑर्डर कर दिए थे. देश में 14 अप्रैल से लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया था. इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में 3 मई तक लॉकडाउन कर दिया था.

अब केंद्र सरकार के निर्देशों पर ही चंडीगढ़ ने शहर में कर्फ्यू हटाने का फैसला लिया है. इस पर सभी लोगों की राय ली गई है. लिहाजा प्रशासन ने इस पीआईएल को खारिज करने की मांग की.

वकील चांदगोठिया ने क्यों डाली याचिका?

बता दें कि वकील चांदगोठिया ने कहा था कि शहर में जब पहली बार कर्फ्यू लगाया गया था तब महज पांच से सात लोगों को ही कोरोना वायरस हुआ था, लेकिन अब चंडीगढ़ में पॉजिटिव मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. शहर में ये आंकड़ा 120 से ऊपर जा चुका है, जबकि पिछले दिनों 80 से 90 केस पॉजिटिव आ चुके हैं.

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