चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस के कई विधायक कानूनी शिकंजे में हैं. हाल ही में बादली से विधायक कुलदीप वत्स की फर्जी डिग्री के बाद ये मामला फिर से चर्चा में आ गया. अलग-अलग केसों में कांग्रेस के कई विधायकों के खिलाफ जांच चल रही है, जिसमें ये सभी विधायक फंसते हुए नजर आ रहे हैं. फिलहाल उनके खिलाफ मामला कोर्ट में है और उस पर सुनवाई चल रही है. अगर कोर्ट से फैसला इनके खिलाफ आता है तो निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किल हो सकती है.
कुलदीप वत्स फर्जी डिग्री मामला- पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने झज्जर के बादली से कांग्रेस पार्टी के विधायक कुलदीप वत्स की शैक्षणिक योग्यता के मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने ये आदेश विधानसभा चुनाव लड़ते समय कुलदीप वत्स पर अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत हलफनामा दायर करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.
धर्म सिंह छौक्कर पर ईडी की कार्रवाई- समालखा से कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर पर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की कार्रवाई चल रही है. ईडी ने बीते दिनों कांग्रेस विधायक के गुरुग्राम, दिल्ली और पानीपत के आवासों पर छापेमारी की थी. उनके खिलाफ यह मामला गुरुग्राम में जनवरी 2021 में दर्ज हुआ था. इस मामले में याचिकाकर्ता ने उनके बेटों और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और ठगी का मामला दर्ज करवाया है. हलांकि उनकी गिरफ्तार पर फिलहाल हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, लेकिन छौक्कर को जांच में शामिल होने के लिए रोजाना ईडी के सामने पेश होने का भी आदेश दिया गया है.
नूंह हिंसा मामले में मामान खान कटघरे में- नूंह के फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान नूंह हिंसा मामले में कटघरे में हैं. उन पर नूंह में हिंसा को भड़काने का आरोप है. मामन खान को इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया था. फिलहाल मामन खान कोर्ट से जमानत पर बाहर हैं. उनको मुकदमा नंबर 137, 148 ,149, 150 में जमानत मिल चुकी है.
प्रदीप चौधरी पर भी दायर है केस- कालका से विधायक प्रदीप चौधरी भी एचपीएससी से जुड़े एक मामले में जांच के दायरे में हैं. यह मामला साल 2001 से 2004 के बीच परीक्षा और चयन से जुड़ा है. जिसमें तत्कालीन अध्यक्ष और 13 अन्य सदस्यों के खिलाफ जांच चल रही है. प्रदीप चौधरी भी उस वक्त एचपीएससी के सदस्य थे. इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने 2005 में केस दर्ज किया था. हरियाणा सरकार ने 2022 में अध्यक्ष और सदस्यों के खिलाफ राष्ट्रपति से केस चलाने की मंजूरी मांगी थी. जिसके बाद राष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी.
प्रदीप चौधरी के खिलाफ हिमाचल प्रदेश में भी एक मामला चल रहा है. सोलन जिले की निचली अदालत ने उन्हें इस मामले में 3 साल की सजा सुनाई थी. सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी. बाद में ऊपरी अदालत से सजा पर रोक लगने के बाद प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता दोबारा बहाल की गई.
हुड्डा पर भी चल रहा सीबीआई कोर्ट में मामला- इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में मामला चल रहा है. हालांकि हाईकोर्ट ने हुड्डा के खिलाफ पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद इस मामले में हाई कोर्ट का रुख कर लिया था. जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में इस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट की कार्रवाई पर आगे आदेशों तक रोक जारी है. हालांकि सीबीआई की तरफ से इस रोक को हटाने की मांग की गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने उसे स्वीकार नहीं किया. हुड्डा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है। हुड्डा पर एजेएल प्लेट आवंटन में मामले में अनियमितताओं का आरोप है.
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