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लोगों के लिए मददगार साबित हो रहा कोविड-19 कंट्रोल रूम

कोविड-19 कंट्रोल रूम हरियाणा के लोगों के लिए मददगार साबित हो रहा है. अबतक इस नंबर पर एक लाख से भी ज्यादा लोगों के कॉल आ चुके हैं. जिन लोगों के कॉल आए हैं, उनको तुंरत दवा उपलब्ध कराई गई है. पढ़ें पूरी खबर...

haryana health department
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Published : Apr 25, 2020, 3:01 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना वायरस के खिलाफ हरियाणा सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए भसरकार उचित प्रबंध कर रही है. संकट की इस घड़ी में हरियाणा सरकार का ‘कोविड-19 कंट्रोल रूम’ लोगों के लिए मददगार साबित हो रहा है. लोग हेल्पलाइन पर कॉल लोगों की समस्याओं का हल हो रहा है. पिछले महीने में कोविड-19 कंट्रोल रूम में 1,07,995 कॉल रिसिव हुए हैं. कोविड-19 कंट्रोल रूम लोगों को टेली मेडिसिन सेवा भी दे रहा है.

हरियाणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने टेली-मेडिसिन सेवाओं के बारे में बताया कि कोई भी व्यक्ति कोविड-19 कंट्रोल रूम पर कॉल करके कोरोना के लक्षणों, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी प्रश्नों के बारे में विशेषज्ञ डॉक्टरों से नि:शुल्क परामर्श ले सकता है. इस हेल्पलाइन पर लगभग 979 डॉक्टर परामर्श के लिए उपलब्ध हैं.

कैंसर के मरीज के लिए पहुंचाई दवा

गत 22 अप्रैल को कोविड-19 कंट्रोल रूम में 3961 कॉल आए, जिनमें जिला करनाल, तहसील नीलोखेड़ी से एक कैंसर रोगी रविंदर नामक एक कॉलर, जो पीजीआई चंडीगढ़ से इलाज करवा रहे हैं. ने चिकित्सा सहायता की मांग की. उन्हें जीवन रक्षक दवा का नाम PAZONABI 400mg की सलाह दी गई. जिसकी कीमत 30,000 रुपये है और आयुष्मान भारत योजना के तहत उन्हें ये दवा नि:शुल्क दी गई.

जबकि गत 21 अप्रैल को पीजीआई चंडीगढ़ में अपने दौरे के दौरान उन्हें सूचित किया गया था कि दवा स्टॉक से बाहर है और उन्हें या तो इसे एक रिटेल स्टोर से खरीदना होगा या लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार करना होगा. ये मरीज दवा खरीदने में असमर्थ था और उसने मदद के लिए कोविड-19 कंट्रोल रूम में फोन किया. स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान के महानिदेशक विकास गुप्ता ने हस्तक्षेप किया. जिसके बाद संयुक्त आयुक्त, नगर निगम,करनाल, गगनदीप सिंह ने व्यक्तिगत रूप से रोगी से मिलने के पश्चात उन्हें ये दवा सौंपी.

गुरुग्राम में महिला के लिए पहुंचाई एंबुलेंस

इसी तरह गत 23 अप्रैल को कोविड-19 कंट्रोल रूम को 4320 कॉल प्राप्त हुए. तीन प्रमुख समस्याओं का समाधान किया गया. जिनमें से एक गुरुग्राम के आशीष की थी. कॉलर की पत्नी नौ महीने की गर्भवती थी और सुबह से प्रसव-पीड़ा में थी. लॉकडाउन के कारण वे डॉक्टर से संपर्क करने में असमर्थ थे. उन्होंने एंबुलेंस के लिए कॉल करने की भी कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका. इसके बाद फोन करने वाले ने कोविड-19 कंट्रोल रूम से संपर्क किया और इस मुद्दे को 108 एम्बुलेंस हरियाणा ग्रुप में उठाया गया. एंबुलेंस 30 मिनट के भीतर आशीष के पास पहुंची और महिला को अस्पताल ले जाया गया.

कोरोना कंट्रोल फरीदाबाद में सुलझी समस्या

फरीदाबाद के वीरेंद्र शर्मा नाम के एक अन्य कॉलर ने भी कंट्रोल रूम में फोन किया और अपनी चिंता सांझा की. उनका आवास उनके क्षेत्र के राशन वितरण स्थल के बहुत निकट है. हर सुबह लगभग 150 से 200 लोग राशन या भोजन वितरित किए जाने के समय पर इकट्ठे होते हैं. सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन नहीं किया जाता है. उनका ये मुद्दा तुरंत पुलिस नियंत्रण कक्ष को भेज दिया गया. पुलिस उपाधीक्षक अमित दहिया ने स्थानीय पुलिस कर्मियों से संपर्क किया. वितरण स्थान पर सामाजिक दूरी मानदंडों का पालन करने के लिए पीसीआर को मौके पर पहुंची.

चंडीगढ़: कोरोना वायरस के खिलाफ हरियाणा सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए भसरकार उचित प्रबंध कर रही है. संकट की इस घड़ी में हरियाणा सरकार का ‘कोविड-19 कंट्रोल रूम’ लोगों के लिए मददगार साबित हो रहा है. लोग हेल्पलाइन पर कॉल लोगों की समस्याओं का हल हो रहा है. पिछले महीने में कोविड-19 कंट्रोल रूम में 1,07,995 कॉल रिसिव हुए हैं. कोविड-19 कंट्रोल रूम लोगों को टेली मेडिसिन सेवा भी दे रहा है.

हरियाणा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने टेली-मेडिसिन सेवाओं के बारे में बताया कि कोई भी व्यक्ति कोविड-19 कंट्रोल रूम पर कॉल करके कोरोना के लक्षणों, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी प्रश्नों के बारे में विशेषज्ञ डॉक्टरों से नि:शुल्क परामर्श ले सकता है. इस हेल्पलाइन पर लगभग 979 डॉक्टर परामर्श के लिए उपलब्ध हैं.

कैंसर के मरीज के लिए पहुंचाई दवा

गत 22 अप्रैल को कोविड-19 कंट्रोल रूम में 3961 कॉल आए, जिनमें जिला करनाल, तहसील नीलोखेड़ी से एक कैंसर रोगी रविंदर नामक एक कॉलर, जो पीजीआई चंडीगढ़ से इलाज करवा रहे हैं. ने चिकित्सा सहायता की मांग की. उन्हें जीवन रक्षक दवा का नाम PAZONABI 400mg की सलाह दी गई. जिसकी कीमत 30,000 रुपये है और आयुष्मान भारत योजना के तहत उन्हें ये दवा नि:शुल्क दी गई.

जबकि गत 21 अप्रैल को पीजीआई चंडीगढ़ में अपने दौरे के दौरान उन्हें सूचित किया गया था कि दवा स्टॉक से बाहर है और उन्हें या तो इसे एक रिटेल स्टोर से खरीदना होगा या लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार करना होगा. ये मरीज दवा खरीदने में असमर्थ था और उसने मदद के लिए कोविड-19 कंट्रोल रूम में फोन किया. स्वर्ण जयंती हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान के महानिदेशक विकास गुप्ता ने हस्तक्षेप किया. जिसके बाद संयुक्त आयुक्त, नगर निगम,करनाल, गगनदीप सिंह ने व्यक्तिगत रूप से रोगी से मिलने के पश्चात उन्हें ये दवा सौंपी.

गुरुग्राम में महिला के लिए पहुंचाई एंबुलेंस

इसी तरह गत 23 अप्रैल को कोविड-19 कंट्रोल रूम को 4320 कॉल प्राप्त हुए. तीन प्रमुख समस्याओं का समाधान किया गया. जिनमें से एक गुरुग्राम के आशीष की थी. कॉलर की पत्नी नौ महीने की गर्भवती थी और सुबह से प्रसव-पीड़ा में थी. लॉकडाउन के कारण वे डॉक्टर से संपर्क करने में असमर्थ थे. उन्होंने एंबुलेंस के लिए कॉल करने की भी कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका. इसके बाद फोन करने वाले ने कोविड-19 कंट्रोल रूम से संपर्क किया और इस मुद्दे को 108 एम्बुलेंस हरियाणा ग्रुप में उठाया गया. एंबुलेंस 30 मिनट के भीतर आशीष के पास पहुंची और महिला को अस्पताल ले जाया गया.

कोरोना कंट्रोल फरीदाबाद में सुलझी समस्या

फरीदाबाद के वीरेंद्र शर्मा नाम के एक अन्य कॉलर ने भी कंट्रोल रूम में फोन किया और अपनी चिंता सांझा की. उनका आवास उनके क्षेत्र के राशन वितरण स्थल के बहुत निकट है. हर सुबह लगभग 150 से 200 लोग राशन या भोजन वितरित किए जाने के समय पर इकट्ठे होते हैं. सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन नहीं किया जाता है. उनका ये मुद्दा तुरंत पुलिस नियंत्रण कक्ष को भेज दिया गया. पुलिस उपाधीक्षक अमित दहिया ने स्थानीय पुलिस कर्मियों से संपर्क किया. वितरण स्थान पर सामाजिक दूरी मानदंडों का पालन करने के लिए पीसीआर को मौके पर पहुंची.

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