चंडीगढ़: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश के कई बड़े शहरों को झकझोर के रख दिया है. गुरुग्राम, दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में आपातकाल जैसे हालात बने हुए हैं, लेकिन अब स्थिति और भयावह होती जा रही है. क्योंकि कोरोना वायरस ने अब गांवों में पैर पसारना शुरू कर दिया है. देश की राजधानी दिल्ली से सटे हरियाणा के कई गांवों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है और चिंता की बात ये है कि हमारा सिस्टम कोरोना के सामने बेबस है.
टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट प्लान हुआ फेल!
गांवों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम करने के लिए सरकार ने थ्री-T फॉर्मूला अपनाने की बात कही है. सरकार के मुताबिक अब टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर काम किया जाएगा, लेकिन हालात देखकर ऐसा लगता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ना तो टेस्टिंग हो रही है और ट्रीटमेंट तो आप भूल ही जाइए.
पलवल जिले के खामी गांव के निवासी धर्मदत्त बताते हैं कि गांव में स्थिति काफी भयावह हो चुकी है. उन्होंने कहा कि गांव में कोरोना वायरस की टेस्टिंग नहीं हो रही है. टेस्ट ना होने की वजह लोग परेशान हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अस्पताल जाने से कतराते हैं, क्योंकि खबरों में देख रहे हैं कि अस्पतालों में हालात काफी खराब हो चुके हैं. अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की काफी कमी है.
कोरोना से ज्यादा सिस्टम का डर
हरियाणा के ग्रामीण कोरोना से ज्यादा सिस्टम से डरे दिखाई दे रहे हैं. छ का तो ये मानना है कि अगर उन्हें कोरोना हो गया तो इलाज कैसे होगा? क्योंकि लोगों के मन में ये बैठ चुका है कि ना सरकार के पास अस्पतालों में बेड की व्यवस्था है और ना ही ऑक्सीजन की आपूर्ति, ऐसे में लोग कोरोना जांच से भी बचते दिखाई दे रहे हैं.
जींद जिले के किलाजफरगढ़ गांव के अमित कुमार का कहना है कि लोग अस्पताल जाने से डरते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर वो कोरोना पॉजिटिव आ गए तो उनका इलाज सरकारी अस्पताल मे नहीं हो पाएगा. अमित ने कहा कि यही कारण है कि लोग अब टेस्ट भी नहीं करवा रहे हैं.
गांवों में पैदा हुआ रोजगार का संकट
कोरोना के कारण प्रदेश में 3 मई से लॉकडाउन लगा हुआ है. लॉकडाउन के कारण काम धंधे बंद हैं और अब ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का संकट पैदा हो गया है. पलवल जिले के खामी गांव के सरपंच हरदत्त ने बताया कि जो ग्रामीण बाहर जाकर काम धंधा करते थे वो अब घर बैठे हैं. ऐसे में उनके सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी काफी मुश्किल भरा साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है.
हरियाणा के गांव त्रासदी की ओर!
कोरोना ने हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों को बुरी तरह से प्रभावित किया है. ये कहना गलत नहीं होगा कि टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट का फॉर्मूला फेल साबित होता दिख रहा है. बेहतर होता अगर सरकार टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट के साथ गांव के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने पर भी जोर देती.
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