चंडीगढ़: कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. जिसकी वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. मरीजों के बढ़ने से अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी भी बड़ी चिंता का विषय है. चंडीगढ़ पीजीआई के डीन डॉक्टर जीडी पुरी ने ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत में बताया कि अगर शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो तो कैसे पता लगाए, और कैसे मरीज अपनी देखभाल करें.
डॉक्टर्स का कहना है कि हमें अपने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर की बार-बार जांच करनी चाहिए, अगर ऑक्सीजन का स्तर 3 से 4 अंक कम हो तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए. डॉक्टर जीडी पुरी ने कहा कि हमारे शरीर में खून में ऑक्सीजन का प्रेशर 100 मिलीलीटर मरकरी होता है. जब हम किसी भी व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर चेक करते हैं, तब ऑक्सीजन की सिचुएशन 95 से कम नहीं होनी चाहिए. अगर वो 95 से कम है तो ये खतरे की घंटी है.
कई बार कोरोना के मरीजों में शुरू के दिनों में ऑक्सीजन का स्तर कम नहीं होता, ऐसे वक्त में उन्हें पता नहीं चलता कि उनकी फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचा है. इसलिए कोरोना मरीज चार से पांच मिनट पैदल चले और फिर उस दिन का स्तर चेक करें. अगर उसमें तीन से चार अंकों की गिरावट आती है, तो वे तुरंत अस्पताल जाएं. नॉर्मल इंसान भी ऑक्सीमीटर के जरिए शरीर में ऑक्सीजन के लेवल का पता लगा सकते हैं.
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प्रोन पोजीशन से करें ऑक्सीजन की पूर्ति
जीडी पुरी ने कहा कि कोरोना के मरीजों ऑक्सीजन का स्तर बनाए रखने के लिए अस्पताल में उन्हें पेट के बल लेटाया जाता है. ऐसा करने से उनके फेफड़े सही स्थिति में होते हैं और ज्यादा ऑक्सीजन ग्रहण कर पाते हैं. कई मरीजों को दाएं या बाएं करवट लेकर भी हटाया जाता है. हर मरीज को अलग स्थिति में ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है. ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए आम लोग भी ऐसा कर सकते हैं कि कुछ देर के लिए पेट के बल लेट जाएं. इस पोजीशन को प्रोन पोजीशन कहा जाता है.
डॉक्टर पुरी ने कहा कि कोरोना मरीजों को ज्यादा देर तक पेट के बल लेट आया जाता है ताकि उनके शरीर मे लगातार ऑक्सीजन का स्तर बना रहे, लेकिन उनके लिए भी ये सलाह दी जाती है कि वे खाना खाने के तुरंत बाद इस पोजीशन में ना लेटें. कम से कम 1 घंटे का इंतजार करें. उसके बाद इस पोजीशन में लेट सकते हैं. इसके अलावा गहरी सांस लेना सबके लिए बेहद जरूरी है. गहरी सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन तो जाती ही है बल्कि फेफड़े भी खुलते हैं और वो ज्यादा हवा ग्रहण कर पाते हैं.
शरीर में ऑक्सीजन के बनाए रखने के लिए घरों में ताजा हवा का बंदोबस्त होना चाहिए. खिड़कियां खुले रखें ताकि ताजा हवा आ सके. इसके अलावा लोग योगासन भी कर सकते हैं. उससे भी काफी फायदा मिलेगा. डॉक्टर पुरी ने कहा कि आजकल सब लोग ऑक्सीमीटर के जरिए अपने शरीर में ऑक्सीजन का स्तर चेक कर रहे हैं. अगर उनका स्तर 95 तक आ रहा है, तब वे ये ना समझे कि उनके फेफड़े स्वस्थ हैं. वो कम से कम पांच मिनट चलें. अगर स्तर में गिरावट आती है तो डॉक्टर को दिखाए.