चंडीगढ: पीजीआई में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर चंडीगढ़ पीजीआई में कोविड-19 नाम से पौधे लगाए गए. चंडीगढ़ पीजीआई प्रशासन ने इन पौधों को लगाने के लिए उन परिवारों को बुलाया था जो पहले कोरोना संक्रमण के कारण चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती थे, लेकिन पूरी तरह ठीक होने पर उनको छुट्टी दे दी गई. इनमें एक 8 साल की बच्ची भी शामिल थी. बच्ची के अलावा उसके पिता और नानी भी कोरोना पॉजिटिव थी.
कोरोना सर्वाइवर बच्ची ने पर्यावरण को बचाने का दिया संदेश
ईटीवी भारत से बात करते हुए 8 साल की बच्ची जसलीन ने बताया कि उसे नहीं पता कि वो कैसे कोरोना पॉजिटिव हो गई? उनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं था, लेकिन फिर भी उसे चंडीगढ़ पीजीआई में 39 दिन रहना पड़ा. साथ ही मासूम बच्ची ने कहा कि उन्हें भगवान में बहुत विश्वास है. वो हर रोज पाठ करती थी और इस वजह से वो 39 दिनों के बाद ठीक होकर अपने घर चली गई. इस दौरान पीजीआई के डॉक्टरों ने उनका पूरा खयाल रखा.
वहीं बच्ची ने लोगों को पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया और कहा कि पर्यावरण को बचाना बहुत जरूरी है और इसे बचाने का सिर्फ एक ही रास्ता है. हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए और प्रदूषण को कम करना चाहिए, जब प्रदूषण कम होगा तो ये बीमारियां नहीं फैलेंगी.
पर्यावरण बचाने को नानी का संदेश
वहीं कोरोना से ठीक हुई जसलीन की नानी ने बताया उनके परिवार के तीन लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे, लेकिन पीजीआई के डॉक्टर्स ने उनका पूरा खयाल रखा. उनकी दवाइयां समय से पहले उन तक पहुंच जाती थी. डॉक्टर्स हमसे दूरी बनाकर रखते थे और हमारा बेहतर इलाज करते ते. साथ ही नानी ने कहा कि लॉगडाउन की वजह से पर्यावरण में काफी सुधार आया है. नदियों का पानी भी साफ हुआ है. अब हमें इस पर्यावरण को साफ बनाकर रखना है.
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इसके अलावा पीजीआई के कोविड-19 के इंचार्ज डॉ. विपिन कौशल ने कहा कि कोरोना सर्वाइवर को यहां बुलाकर इनसे पौधे लगवाने का मकसद यही था कि लोगों को ये बताया जा सके कि जो लोग कभी कोरोना पॉजिटिव होने पर अस्पताल में भर्ती थे, आज वे ठीक होकर अपनी सामान्य जिंदगी जी रहे हैं और इतना ही नहीं वो दुनिया को पर्यावरण को बचाने का संदेश भी दे रहे हैं. इस समय पीजीआई में सिर्फ 8 लोग भर्ती हैं, जो काफी तेजी से रिकवर हो रहे हैं.