चंडीगढ़: कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए 3 अध्यादेशों को किसान विरोधी बताया. ईटीवी भारत के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस ही नहीं, सभी किसान संगठन और किसान इन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं. इन अध्यादेश से जो छोटे दर्जे के किसान हैं, वो बिल्कुल ही खत्म हो जाएंगे और किसानों के खत्म होते ही इस देश की अर्थव्यवस्था भी खत्म हो जाएगी. क्योंकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था का आधार ही किसान और कृषि क्षेत्र हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपाई जमीन से दूर हैं. जमीनी हकीकत को पहचानते नहीं हैं. यदि वो बड़ी-बड़ी कंपनियों को किसानों के हित बेच देंगे, तो किसान कैसे बचेगा? इस समय देश में कहीं पर भी जाकर अपनी फसल को बेचने के लिए किसान सक्षम नहीं है, ऐसा नहीं हो सकता है. सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा पहले भी दोगुनी आय का लालच देकर किसानों को बरगलाया गया. स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की बात को भी भाजपा बिल्कुल भूल चुकी है. इसी तरह ये भी एक और नया जुमला ही साबित हो रहा है.
राइट-टू-रिकॉल बिल
प्रदेश सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के लिए राइट-टू-रिकॉल बिल लेकर आने के मुद्दे पर कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार को ये बिल विधायकों के लिए भी लाना होगा. जिस दिन ये बिल आ गया, उसी दिन भाजपा सरकार रिकॉल हो जाएगी.
मानसून सत्र में कांग्रेस पार्टी की तैयारी पर सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है. विधायकों ने पूरी तैयारी कर ली है. हम इन अध्यादेश के खिलाफ रेजोल्यूशन लाएंगे और ये जो आए दिन घोटाले हो रहे हैं, उनको उठाएंगे. आम लोगों की बात हो, चाहे पीटीआई टीचर. हर मुद्दा विधानसभा में उठेगा.
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कोरोना के मुद्दे पर सरकार को घेरा
कोरोना के मुद्दे पर कुमारी सैलजा ने कहा कि इसमें सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है कोरोना बुरी तरह से बढ़ता जा रहा है और हमारे यहां तैयारी जिस लेवल की होनी चाहिए थी. वो नहीं हुई. हमारे मुख्यमंत्री, स्पीकर और विधायक भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. कोरोना के मुद्दे पर चारे राज्य सरकार को लें या केंद्र को दोनों सरकारें विफल रही हैं.